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आरोपः निविदा थी 40 लाख की, प्रधान ने भुगतान कर दिया 70 लाख का


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आरोपः निविदा थी 40 लाख की, प्रधान ने भुगतान कर दिया 70 लाख का

चिड़ावा प्रधान इंद्रा डूडी निलंबित, जांच में माना भ्रष्टाचार व पद के दुरुपयोग का दोषी

चिड़ावा : भ्रष्टाचार और पद का दुरुपयोग संबंधित शिकायतों की जांच में दोषी पाए जाने पर ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने कांग्रेस की चिड़ावा प्रधान इंद्रा डूडी को निलंबित कर दिया है। इस संबंध में अतिरिक्त आयुक्त एवं शासन उप सचिव (जांच) ने आदेश जारी किए हैं। विभागीय आदेशानुसार प्रधान डूडी निलंबन काल में पंचायत समिति के किसी कार्य एवं कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकेंगी। आदेशों में शासन उप सचिव ने बताया कि चिड़ावा प्रधान डूडी के खिलाफ पद का दुरुपयोग एवं भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत मिली थी। जांच रिपोर्ट में प्रधान डूडी को पद का दुरुपयोग एवं भ्रष्टाचार करने के लिए दोषी पाया गया। प्रधान डूडी का उक्त कृत्य राजस्थान पंचायतीराज अधिनियम 1994 की धारा 38 के तहत कर्तव्यों के निवर्हत में अपकीर्तिकर आचरण का दोषी होने की श्रेणी में माना गया।

यह लगाए गए थे आरोप

प्रधान डूडी के खिलाफ नितिश कुमार ने मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत की थी। शिकायतकर्ता ने प्रधान डूडी पर वित्तीय वर्ष 2021-22 में पंस द्वारा पम्प सेट, सोलर पम्प सेट समेत अन्य कार्यों की 40 लाख की निविदा के विरूद्ध संबंधित फर्म को 70 लाख का भुगतान करने, इसी वित्तीय वर्ष में मनरेगा एवं अन्य योजनाओं के तहत सामग्री उपापन के लिए 70 लाख की निविदा के विरूद्ध संबंधित फर्म को 83 लाख का भुगतान करने, 2021 में पंचायत समिति की आठ दुकानों का आवंटन समिति के सदस्यों के निजी रिश्तेदारों के नाम करने समेत 11 आरोप लगाते हुए शिकायत की गई थी। पंचायतीराज विभाग ने झुंझुनूं जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी से आरोपों की जांच करवाई। इसमें दोषी पाए जाने पर प्रधान को निलंबित कर दिया गया। शासन उप सचिव ने प्रधान को आरोप पत्र भी जारी किया।

आगे क्या

चिड़ावा प्रधान का पद सामान्य श्रेणी का था। ऐसे में प्रधान के निलंबित होने के बाद विभागीय निर्देशानुसार उप प्रधान या राज्य सरकार द्वारा किसी अन्य नामित पंस सदस्य को प्रधान को चार्ज दिया जाएगा।

प्रधान के खिलाफ ला चुके अविश्वास प्रस्ताव –

पंस सदस्य रोहिताश्व धागड़ के नेतृत्व में पंस सदस्य प्रधान डूडी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी ला चुके। प्रधान को कुर्सी बचाने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी थी। हालांकि अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के कारण प्रधान की कुर्सी बच गई थी।

मैंने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया, आरोप सिद्ध करें

शाम को मीडिया के माध्यम से निलंबित करने की जानकारी मिली। इसे लेकर लकर आश्चर्य हुआ। राष्ट्रीय अवकाश के दिन यह सब आनन-फानन में किया गया है। इससे सरकार की मंशा जाहिर होती है। कुछ दिन में उप चुनाव की आचार संहिता भी लगने वाली है, सरकार ने राजनीति स्वार्थ के चलते यह सब किया है। पहले भी मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था जो कि खारिज हो गया था। मैंने किसी प्रकार का भ्रष्टाचार नहीं किया। अगर भ्रष्टाचार किया है तो आरोप सिद्ध करें, निलंबन का काम तब होता, जब आरोप सिद्ध हो। मुझे विभाग से व्यक्तिगत कोई निलंबन के आदेश नहीं मिले। आदेश मिलते हैं तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा। सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं। – इंद्रा डूडी, प्रधान चिड़ावा

प्रधान के खिलाफ लगातार भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थीं। इसको लेकर हमने सरकार को लिखा था। सरकार ने प्रधान पर लगे आरोपों की जांच करवाई। उच्चस्तरीय जांच में प्रधान प्रत्येक बिंदू में दोषी मिली। इसके बाद प्रधान को निलंबित किया गया। प्रदेश की भजनलाल सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार कार्यवाही कर रही है। इस भ्रष्टाचार में लिप्त अन्य कार्मिकों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

– राजेश दहिया, भाजपा जिला महामंत्री

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