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शहीद रामकिशोर का पार्थिव शरीर पंचतत्व में हुआ विलीन, सैनिक सम्मान के साथ नम आंखों से दी विदाई


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शहीद रामकिशोर का पार्थिव शरीर पंचतत्व में हुआ विलीन, सैनिक सम्मान के साथ नम आंखों से दी विदाई

शहीद रामकिशोर का शनिवार को धौलपुर जिले के उनके पैतृक गांव में पूर्ण सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

धौलपुर : जम्मू कश्मीर में ऑपरेशन जीवन रक्षक के दौरान शहीद हुए सिपाही रामकिशोर का शनिवार को धौलपुर जिले के उनके पैतृक गांव दूल्हेराय का घेर में पूर्ण सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान भारत माता की जय और शहीद रामकिशोर अमर रहे के नारों के बीच दूर-दराज से आए हजारों लोगों ने अपने लाडले शहीद को अंतिम विदाई दी। इससे पहले शहीद के सम्मान में लंबी तिरंगा यात्रा निकाली गई। इस दौरान शहीद के अंतिम दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।

केन्द्रीय राज्य मंत्री एस पी सिंह बघेल, राज्य मंत्री एवं प्रभारी मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म, व सैन्य अधिकारियों ने तिरंगा लिपटे शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित किए और श्रद्धाजंलि दी एवं शहीद के पिता महावीर सिंह, धर्मपत्नी और उनके परिजनों को ढांढस बंधाया।

हमें अपने वीर शहीद के सर्वोच्च बलिदान पर गर्व

केन्द्रीय राज्य मंत्री एस पी सिंह बघेल ने कहा कि इतनी कम उम्र में परिवार का सदस्य का दुनिया से चले जाना किसी भी परिवार के लिए बहुत दुख का विषय है, लेकिन उन्होंने देश के लिए शहादत देकर परिवार के साथ ही पूरे प्रदेश का सिर गर्व से ऊंचा किया है। राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कहा कि हमें अपने वीर शहीद के सर्वोच्च बलिदान पर गर्व है। राज्य सरकार एवं प्रशासन दुःख की इस घड़ी में परिवार के साथ खड़ा है।

शहीद रामकिशोर ने किया था ये वादा

उल्लेखनीय है कि शहीद राम किशोर भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट में तैनात थे। वे जम्मू-कश्मीर के कठुआ में एक सैन्य ऑपरेशन के दौरान शहीद हो गए। जवान की शहादत की खबर मिलते ही उनके परिवार के लोग गमगीन हो गए। शहीद राम किशोर ने आखिरी बार 18 सितंबर को अपनी पत्नी से फोन पर बात की थी। उन्होंने जनवरी में घर आने का वादा किया था। शहीद रामकिशोर के परिवार में उनके पिता, माता, तीन बड़े भाई और दो बहनें हैं। शहीद रामकिशोर वर्ष 2019 में सेना में भर्ती हुए थे।

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