‘शिक्षा मंत्री पलटूराम’ यह पोस्ट करके फंसा कर्मचारी, अब कर्मचारियों के सोशल अकाउंट पर सरकार की नजर
जोधपुर सर्किट हाउस के बाहर प्रदेश के शिक्षामंत्री के खिलाफ पोस्टर लगाने वाले कर्मचारी नेता को शिक्षा विभाग ने निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही सरकार ने कर्मचारियों के सोशल मीडिया अकाउंट पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।
जोधपुर : जोधपुर में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के पोस्टर को लेकर छिड़े विवाद के बाद राज्य सरकार ने इस मामले में शिक्षा विभाग ने कर्मचारी नेता शंभू सिंह मेड़तिया को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने शुक्रवार शाम एक आदेश भी जारी कर दिया, जिसमें राजकीय कर्मचारियों द्वारा सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर पूर्व में जारी गाइड लाइन की कठोरता से पालना सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए गए हैं।
राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के खिलाफ सार्वजनिक रूप से पोस्टर लगाकर चर्चाओं में आए शिक्षक नेता शंभू सिंह मेड़तिया को सरकार ने निलंबित कर दिया। शंभू सिंह ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ जिले में पोस्टर लगवाए थे, जिस पर लिखा था ‘पलटू राम’। अब इस मामले में राज्य सरकार के कार्मिक विभाग ने एक परिपत्र जारी किया है। इसमें कर्मचारियों के सोशल मीडिया के अकाउंट्स पर सरकार के खिलाफ आरोप/ टिप्पणियां प्रचारित/ प्रसारित करने वालों को नियंत्रित करने एवं विनियमित करने के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
हालांकि तत्कालीन राज्य सरकार ने कर्मचारियों के सोशल मीडिया उपयोग को लेकर एक गाइड लाइन 12 अक्टूबर 2017 को जारी की थी लेकिन कार्मिक विभाग के आदेश के अनुसार इन दिशा-निर्देशों की अब कठोरता से पालना सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। मतलब अब यदि राजकीय कर्मचारी ने सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना या अप्रमाणित आरोप लगाए गए तो कर्मचारियों और अधिकारियों को निलंबन जैसी कठोर कार्रवाई झेलनी पड़ सकती है।
मेड़तिया का मामला
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बीते दिनों शिक्षा विभाग में मौखिक रूप से कई आदेश जारी किए लेकिन अंतत: वे लागू नहीं हो पाए। इसे लेकर पिछले दिनों शिक्षक नेता शंभू सिंह मेड़तिया द्वारा जोधपुर शहर में शिक्षा मंत्री के खिलाफ पोस्टर लगा दिए गए। इसके बाद शिक्षा विभाग मेड़तिया को निलंबित कर दिया।
जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय कार्यालय से निकाले आदेश में लिखा गया है कि शंभू सिंह मेड़तिया अध्यापक लेवल प्रथम, जो कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय, बागा, सूरसागर, जोधपुर में कार्यरत हैं, द्वारा शिक्षा मंत्री के जोधपुर प्रवास के दौरान बार-बार राज्य सरकार एवं शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर अशोभनीय नारेबाजी करना, शिक्षा मंत्री का पुतला फूंकना, विभिन्न समाचार पत्रों में शिक्षा मंत्री का विरोध प्रदर्शन किए जाने एवं शिक्षा मंत्री के विरुद्ध जोधपुर शहर के विभिन्न स्थानों पर होर्डिंग लगाना और इसके अलावा शिक्षा मंत्री को पलटू राम जैसे अशोभनीय शब्दों का प्रयोग किए जाने और विभाग की छवि आमजन में धूमिल होने के कारण राजस्थान सिविल सेवा के नियम 1958 के नियम 13 (2) के अंतर्गत तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाता है।
दरअसल शिक्षक कर्मचारी नेता शंभू सिंह मेड़तिया ने जोधपुर शहर में जगह-जगह होर्डिंग्स लगाकर शिक्षा मंत्री को पलटू राम बताया था। पोस्टर्स में लिखा गया था कि बीते 7 महीने में 7 आदेश शिक्षा मंत्री द्वारा निकाले गए और बाद में उन्हें पलट दिया गया। मेड़तिया ने बताया कि उन्होंने चार बच्चों से स्कूल में 106 बच्चों का नामांकन करवाया, वहीं 6 लाख रुपए लगाकर स्कूल का विकास कराया और पीएम श्री योजना में स्कूल का नाम दर्ज हुआ था। उनके 28 साल की नौकरी में कभी भी, कोई भी नोटिस नहीं मिला था लेकिन दुर्भावनावश उनका नाम शिक्षक सम्मान से हटाया गया था। बहरहाल इस मामले के बाद राजकीय कर्मचारियों की सोशल मीडिया गतिविधियां गाइड लाइन के तहत सरकार की नजरबंदी में रहने वाली हैं।