बीकानेर : आकाश में अचानक हेलीकॉप्टरों की गड़गड़ाहट होने लगी। अगले ही पल ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू हो गई। अपाचे, प्रचंड और रुद्र हेलीकॉप्टर ने एक-एक कर सटीक निशाने साधे और टारगेट ध्वस्त कर दिया। उसके बाद करीब 25 किलोमीटर दूर से पिनाका मिसाइल, एम 777 होवित्जर गन और हाई मोबिलिटी आर्टलरी राकेट सिस्टम ने गोलाबारी शुरू कर दी। करीब डेढ़ घंटे लगातार चली फायरिंग में आतंकियों का कमांडर ढेर हो गया। दुश्मन देश की दो पोस्टों पर भारत और अमेरिकी सेनाओं ने कब्जा कर लिया।
लाइव फायरिंग का यह सीन शुक्रवार को महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में भारत और अमेरिकी संयुक्त युद्धाभ्यास के दौरान नजर आया। दरअसल सेना को सूचना मिलती है कि गांव चिडासरा में आतंकी घुस आए हैं। यूएन चार्टर मिशन के तहत भारत और अमेरिकी सैनिकों को संयुक्त रूप से इस ऑपरेशन को अंजाम देने का जिम्मा सौंपा गया। दोनों सेनाओं ने रणनीति तैयार कर पहले घर में घुसे दो आतंकियों को मार गिराया। उसी दौरान आतंकी संगठन का एरिया कमांडर अपने कुछ साथियों के साथ भाग निकला।
सैनिक उसका पीछा करते हुए दुश्मन देश की सीमा तक पहुंच जाते हैं। सर्विलांस के जरिए पता चलता है कि कुछ ही दूरी पर आतंकियों का बहुत बड़ा बेस है, काफी संख्या में आतंकी विध्वंस फैलाने की योजना बना रहे हैं। इस पर दोनों देशों के सैनिक बड़े ऑपरेशन की रणनीति तैयार करते हैं।
दुश्मन के ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए यूएस के अपाचे और भारतीय हेलीकॉप्टर रुद्र व प्रचंड ने सटीक निशाने दागे। उसके बाद पिनाका मिसाइल, एम 777 होवित्जर गन और हाई मोबिलिटी आर्टलरी राकेट सिस्टम से बमबारी की गई। अंत में पैदल सेना ने मोर्चा संभाला।
आतंकी संगठन की दो पोस्टों पर भारत और यूएस सैनिकों का कब्जा हो गया। इसके साथ ही 72 घंटे का गहन सत्यापन अभ्यास संपन्न हुआ। इस दौरान दोनों देशों की सैन्य तैयारियों और संयुक्त परिचालन क्षमताओं की परीक्षा हुई, जिससे यह साबित हुआ कि दोनों देश बदलती सुरक्षा चुनौतियों को सफलतापूर्वक हासिल करने में समक्ष हैं। समापन समारोह शनिवार को होगा।
सेना में जल्दी ही नजर आएंगे सुसाइड ड्रोन
रूस-युक्रेन युद्ध को देखते हुए अब हर देश ड्रोन को लेकर गंभीर हो रहा है। महाजन फायरिंग रेंज में हथियार निर्माता कंपनियों ने ऐसे अत्याधुनिक ड्रोन का प्रदर्शन किया, जिन्हें देखने के बाद उनकी उपयोगिता का अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है। इनमें भारत निर्मित अनुदिया यूएवी यानी सुसाइड या कामकाजी नाम से मशहूर ड्रोन 400 किलोमीटर तक बम गिरने की क्षमता रखता है। इसका सर्विलांस सिस्टम भी काफी मजबूत है।
खास बात ये है कि इस दुश्मन का राडार भी नहीं पकड़ सकता। भीड़ को कंट्रोल करने के लिए अश्रुगैस के गोले छोड़ने वाले भी ड्रोन बाजार में आ गए हैं। ग्रेनेड और टियर गैस के गोले तक दस किमी दूर से छोड़े जा सकते हैं। इतना ही नहीं खेतों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करने वाले ड्रोन भी बम गिरने के काम लिए जा सकेंगे।
भारतीय मूल की दुर्रानी अमेरिकी सेना में कैप्टन
भारतीय मूल की साइना दुर्रानी यूएस आर्मी में कैप्टन हैं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि वे लखनऊ के रामपुर में पठान परिवार से हैं। माता-पिता यूएस चले गए थे। उनका जन्म और शिक्षा भी वहीं पर हुई। बकौल कैप्टन मेरे दादा और परदादा पंजाब रेजीमेंट में थे।
आर्मी परिवार से होने के कारण बचपन से ही सेना में जाने की इच्छा थी। आज 16 साल से यूएस आर्मी में हूं। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान से मुहब्बत है। पहली बार यहां आना हुआ है। अगली बार आई तो घर जरूर जाऊंगी। साइना ने बताया कि यूएस में घर में सभी हिंदी और फारसी ही बोलते हैं।
“यह युद्धाभ्यास भारत और अमेरिका के बीच मजबूत साझेदारी का प्रतीक है। यह शांति और स्थिरता में योगदान देता है। दोनों देशों के सैनिकों ने अद्भुत क्षमता का परिचय दिया है।” -कर्नल अमिताभ शर्मा, रक्षा प्रवक्ता
“जम्मू कश्मीर पोस्टिंग के दौरान मैंने काउंटर इंटेलिजेंसी और काउंटर टेरेरिज्म सीखा है, जो यहां भी काम आया। यह अभ्यास बेहतरीन रहा है। दोनों देशों के बीच यह दोस्ती और अभ्यास इसी तरह कायम रहे।” -लेफ्टिनेंट कर्नल अरुण कुमार पांडे, (शौर्य चक्र)
टी-टी90 टैंक का ट्रायल पूरा
आईएमसीएस टीके टी-टी 90 टेंक का ट्रायल जैसलमेर में 17 जनवरी से 20 मई तक पूरा हो गया है। इसकी रेंज एक हजार मीटर है। 32 डिग्री तापमान में भी दौड़ सकता है। कुछ समय बाद यह भी युद्धाभ्यास का हिस्सा होगा।