राजस्थान के कांग्रेस MLA जुबेर खान का निधन:लंबे समय से बीमार थे; डेढ़ महीने में दो विधायकों की जान गई, 7 सीटों पर होंगे उपचुनाव
राजस्थान के कांग्रेस MLA जुबेर खान का निधन:लंबे समय से बीमार थे; डेढ़ महीने में दो विधायकों की जान गई, 7 सीटों पर होंगे उपचुनाव

अलवर : अलवर के रामगढ़ MLA व राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव जुबेर खान (61) का शनिवार (14 सितंबर) सुबह 5:50 बजे निधन हो गया। अलवर शहर के निकट ढाई पेडी स्थित खुद के फार्म हाउस पर अंतिम सांस ली। जुबेर खान के जनाजे को आज असर की नमाज के बाद शाम 5 बजे, गैस गोदाम के पास, रामगढ़ (अलवर) में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। एक साल पहले हुए लीवर ट्रांसप्लांट के बाद से वे काफी बीमार रहते थे।
राजस्थान में बीते करीब डेढ़ महीने में दो विधायकों की मौत हुई है। इससे पहले 8 अगस्त को सलूंबर से भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा का हार्ट अटैक से निधन हुआ था। रामगढ़ विधायक के निधन के बाद अब खाली विधानसभा सीटों की संख्या 7 हो गई है। इनमें 5 सीटें लोकसभा चुनाव में विधायकों के सांसद चुने जाने के कारण खाली हुई थीं।

12वीं तक की पढ़ाई अलवर से, फिर दिल्ली गए जुबेर ने 8वीं तक की पढ़ाई अलवर के माचड़ी गांव के पास बगड़ राजपूत स्कूल से की थी। इसके बाद अलवर शहर के नवीन सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद दिल्ली चले गए। जामिया मिलिया विश्वविद्यालय दिल्ली से पोस्ट ग्रेजुएशन किया।
जुबेर के दो बेटे हैं। बड़ा आदिल (29) है। दूसरा आर्यन (26) है। दोनों एमबीए हैं। छोटे बेटे ने LLB कर दिल्ली में प्रैक्टिस शुरू की है। पत्नी साफिया जुबेर राजनीति में सक्रिय हैं। वह विधायक भी रह चुकी हैं। जुबेर खान के पिता बाग सिंह अलवर ग्रामीण में सिलीसेढ़ के पास माचड़ी गांव के रहने वाले थे। वह ग्राम पंचायत के सरपंच रह चुके थे। जुबेर खान 6 भाई हैं। रामगढ़ (अलवर) में नौगांवा रोड पर भी जुबेर का मकान है। अलवर शहर के ढाई पेडी में भी खुद का मकान है। यहां परिवार रहता है।
डेढ़ साल से बीमार थे जुबेर खान डेढ़ साल से बीमार थे। एक साल पहले लिवर ट्रांसप्लांट कराया था। लोकसभा के चुनाव में अधिक भाग-दौड़ से तकलीफ बढ़ गई थी। उसके बाद तबीयत बिगड़ती गई। आईसीयू में भर्ती रखा गया। करीब 15 दिन पहले मेदांता के डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था। उसके बाद बीच-बीच में जयपुर ले जाकर इलाज कराया गया। बाद में ढाई पेडी (अलवर शहर) में खुद के घर में ही आईसीयू तैयार कराया था।

प्रियंका गांधी के साथ यूपी में सक्रिय रहे थे जुबेर खान जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी दिल्ली के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे थे। उस दौरान उनकी दिल्ली में रोड पर NSUI के पंपलेट लगाते समय राजीव गांधी से मुलाकात हुई थी। इससे प्रभावित होकर राजीव गांधी ने उनको एनएसयूआई का राष्ट्रीय सचिव बनाया था। तभी वे गांधी परिवार के नजदीक आ गए थे।
इसी कारण उनको 1993 में टिकट दिया गया था। वे राजीव गांधी के साथ चार्टर में चुनाव प्रचार के दौरान खूब घूमे थे। राजीव गांधी के बाद उन्होंने यूपी में प्रियंका गांधी के साथ खूब काम किया है। प्रियंका गांधी के उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव रहने के दौरान जुबेर खान उनके साथ सह प्रभारी सचिव रहे थे।

विधानसभा में 200 विधायक एक साथ नहीं रहने का संयोग राजस्थान विधानसभा के नए भवन के बनने के बाद यह संयोग है कि यहां कभी एक साथ 200 विधायक नहीं रहे। किसी न किसी वजह से विधायकों की संख्या पूरी नहीं हुई। कभी विधायकों के निधन की वजह से, कभी जेल जाने की वजह से , कभी लोकसभा जीतने के कारण संख्या पूरी नहीं हुई है। इस बार भी यही संयोग हो रहा है। 5 विधायक सांसद बन गए और 2 विधायकों का निधन हो गया है।
7 सीटों के लिए होंगे उपचुनाव जुबेर खान के निधन के बाद प्रदेश में 7 विधानसभा सीटें खाली हो गई हैं। अब 7 सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव होंगे। पांच सीटें विधायकों के लोकसभा सांसद बनने के कारण खाली हुईं थीं। सलूंबर सीट बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा के निधन की वजह से खाली हुई थी। जुबेर खान के निधन के बाद विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या 65 रह गई है।
तस्वीरों में जुबेर की यादें…



