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आरटीयू का वनस्थली विद्यापीठ एवं सत्काम फाउंडेशन के साथ एमओयू


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आरटीयू का वनस्थली विद्यापीठ एवं सत्काम फाउंडेशन के साथ एमओयू

वनस्थली विद्यापीठ के साथ आरटीयू महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में लिखेगा नया अध्याय : प्रो.एसके सिंह, कुलपति

कोटा : राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (आरटीयू) एवं वनस्थली विद्यापीठ सत्काम फाउंडेशन, बेंगलुरु के बीच आज दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) सम्पन्न हुआ। सह जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया की इस एमओयू का उद्देश्य तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार, अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करना, महिला शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और विद्यार्थियों को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार करना है। आरटीयू के कुलपति प्रो. एसके सिंह और सत्काम फाउंडेशन की और से नयन जाडेजा एवं दीपमा जाडेजा, वनस्थली विद्यापीठ के प्रोफेसर अंशुमन शास्त्री, निदेशक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेंटर ने हस्ताक्षर कर एमओयू का आदान-प्रदान किया।इस अवसर पर प्रो.डीके पलवललिया- डीन एकेडमिक्स, प्रो. दिनेश बिरला डीन फैकल्टी अफेयर्स, डॉ.वी.के.गोराना डीन (आईआईआई एवं आईआर), डॉ. मनीषा व्यास डीन अप्लाइड साइंस, डॉ. मनीष चतुर्वेदी प्लेसमेंट ऑफिसर, जनसम्पर्क अधिकारी डॉ.एसडी पुरोहित सहित दोनों संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी और फैकल्टी सदस्य भी उपस्थित थे।

इस एमओयू के अंतर्गत, आरटीयू के साथ वनस्थली विद्यापीठ और सत्काम फाउंडेशन संयुक्त रूप से विभिन्न शैक्षणिक और अनुसंधान परियोजनाओं पर कार्य करेंगे, जो छात्रों के कौशल विकास और रोजगार संभावनाओं को बढ़ावा देंगे। इसके अलावा, उद्योग-अकादमी सहयोग को मजबूत करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और वर्कशॉप्स का आयोजन भी किया जाएगा। समझौते के अनुसार, सत्काम फाउंडेशन आरटीयू के छात्रों को औद्योगिक प्रशिक्षण और इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करेगा, जिससे उन्हें वास्तविक जीवन की समस्याओं को समझने और सुलझाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही, फाउंडेशन नवीनतम तकनीकी रुझानों के बारे में छात्रों को जागरूक करने के लिए विशेषज्ञ वार्ताओं और सत्रों का आयोजन भी करेगा।

आरटीयू के कुलपति प्रो. एसके सिंह ने कहा कि, “यह समझौता हमारे छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उन्हें तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसर प्रदान करेगा।” यह समझौता विश्वविद्यालय के शैक्षणिक, अनुसंधान और नवाचार संबंधी उद्देश्यों को साकार करने के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने वनस्थली विद्यापीठ और सत्काम फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना की और विश्वास व्यक्त किया कि यह साझेदारी दोनों संस्थानों के लिए फायदेमंद साबित होगी।

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