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बाड़मेर में फाइटर प्लेन मिग-29 क्रैश:धमाके के साथ आग लगी, हादसे से पहले सुरक्षित दोनों पायलट निकले; सुनसान इलाके में गिरा जेट


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बाड़मेर में फाइटर प्लेन मिग-29 क्रैश:धमाके के साथ आग लगी, हादसे से पहले सुरक्षित दोनों पायलट निकले; सुनसान इलाके में गिरा जेट

बाड़मेर में फाइटर प्लेन मिग-29 क्रैश:धमाके के साथ आग लगी, हादसे से पहले सुरक्षित दोनों पायलट निकले; सुनसान इलाके में गिरा जेट

बाड़मेर : बाड़मेर में उत्तरलाई एयरबेस के पास में फाइटर प्लेन क्रैश हो गया। सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। फाइटर प्लेन में 2 पायलट थे। दोनों ने क्रैश से पहले इजेक्ट (विमान से बाहर निकलना) कर लिया था।

जानकारी के अनुसार सोमवार रात करीब 10 बजे फाइटर प्लेन रहवासी ढाणी से दूर जाकर क्रैश हो गया। विमान के क्रैश होने के बाद तेज धमाके के साथ आग लग गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद बाड़मेर कलेक्टर निशांत जैन, एसपी नरेंद्र सिंह मीणा सहित जिले के प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। डिफेंस पीआरओ अजिताभ शर्मा ने बताया कि मिग-29 फाइटर प्लेन क्रैश हुआ है।

विमान में आग लगने के बाद चारों तरफ धुआं ही धुआं हो गया।
विमान में आग लगने के बाद चारों तरफ धुआं ही धुआं हो गया।

प्लेन को आबादी से दूर खेत की तरफ ले गए पायलट
एसपी नरेंद्र सिंह मीणा ने बताया- कलेक्टर का कॉल आया था कि कवास के पास फाइटर प्लेन क्रैश हुआ है। दोनों पायलट सुरक्षित हैं। जहां क्रैश हुआ है, उसके पास आबादी वाला इलाका है। पायलट प्लेन को आबादी से दूर खेत की तरफ ले गए थे। 400 मीटर एरिया को एयरफोर्स ने सीज कर दिया है।

ग्रामीण बोले- ऐसा लगा जैसे कि बिजली गिरी
ग्रामीण नीमराज ने बताया कि हम खाना खाकर घर के बाहर बैठे थे। इसी दौरान तेज धमाका हुआ और धुआं उठने लगा। ऐसा लगा जैसे कि बिजली गिरी हो। इसी दौरान पास की ढाणी से कॉल आया तो हम यहां पहुंचे। यहां देखा तो फाइटर प्लेन था, जिसमें आग लगी हुई थी।

ग्रामीणों ने बताया- एक पायलट क्रैश वाली जगह से 1 किलोमीटर पहले ही फाइटर प्लेन से निकल गया था। दूसरा पायलट शहीद हुकम सिंह की ढाणी के पास मिला। दोनों सुरक्षित हैं।

एयरफोर्स ने दिए जांच के आदेश

हादसे से जुड़ी तस्वीरें…

प्लेन क्रैश होने के बाद मौके पर आसपास के लोग पहुंच गए। पुलिस-प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए।
प्लेन क्रैश होने के बाद मौके पर आसपास के लोग पहुंच गए। पुलिस-प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए।
हादसा बाड़मेर उतरलाई एयरबेस के पास हुआ। पायलट सुरक्षित हैं।
हादसा बाड़मेर उतरलाई एयरबेस के पास हुआ। पायलट सुरक्षित हैं।
जिस स्थान पर विमान गिरा, वहां आसपास के लोग जुट गए और वे जलते हुए विमान के मोबाइल से फोटो और वीडियो बनाने लगे।
जिस स्थान पर विमान गिरा, वहां आसपास के लोग जुट गए और वे जलते हुए विमान के मोबाइल से फोटो और वीडियो बनाने लगे।

राजस्थान में पहले भी हो चुके कई विमान हादसे..

1. जैसलमेर में क्रैश हुआ था तेजस फाइटर जेट
जैसलमेर में करीब 5 महीने पहले तेजस फाइटर जेट क्रैश हो गया था। 12 मार्च 2024 को जैसलमेर शहर से 2 किमी दूर जवाहर नगर स्थित भील समाज के हॉस्टल पर जा गिरा। तेजस के क्रैश होने की यह पहली घटना थी। घटना के समय हॉस्टल के कमरे में कोई नहीं होने से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था। पोकरण में चल रहे युद्धाभ्यास स्थल से करीब 100 किमी दूर यह हादसा जैसलमेर में हुआ था। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत सेना के बड़े अधिकारी मौजूद थे।

2. वायुसेना का टोही विमान हुआ था क्रैश
करीब 4 महीने पहले जैसलमेर से 30 किमी दूर भारतीय वायुसेना का एक टोही विमान क्रैश हो गया था। 25 अप्रैल 2024 को सुबह करीब 10 बजे टोही विमान पिथला-जाजिया गांव के पास भोजाणियों की ढाणी के करीब गिरा था। हादसे में कोई नुकसान नहीं हुआ था। यह यूएवी एयरक्राफ्ट मानव रहित था और बॉर्डर एरिया पर हो रही गतिविधियों पर नजर रखने का काम करता था। यह बॉर्डर एरिया में लगातार घूमता और निगरानी करता था। इससे पहले भी ये क्राफ्ट तकनीकी खामी के चलते क्रैश हो चुके हैं।

3. हनुमानगढ़ में वायुसेना का मिग-21 हुआ था क्रैश, 3 महिलाओं की हुई थी मौत
हनुमानगढ़ में 8 मई 2023 को सुबह करीब पौने दस बजे मिग-21 फाइटर जेट क्रैश हो गया था। फाइटर जेट बहलोल नगर इलाके में एक घर पर गिरा था। इस घर में रहने वाली 3 महिलाओं की मौत हो गई थी, जबकि पायलट सूरतगढ़ एयरबेस से करीब 25 किलोमीटर दूर सुरक्षित मिला था। एयरफोर्स के अनुसार ‘मिग-21 ट्रेनिंग उड़ान पर था।

4. ग्वालियर में टकराए थे फाइटर प्लेन, एक भरतपुर में आकर गिरा था
27 जनवरी 2023 को एयरफोर्स के दो फाइटर प्लेन सुखोई-30 और मिराज-2000 ग्वालियर (मध्य प्रदेश) के पास आपस में टकरा गए थे। एक फाइटर प्लेन भरतपुर के पिंगोरा रेलवे स्टेशन से महज 1 किलोमीटर दूर खेत में गिरा था। फाइटर प्लेन इतने टुकड़ों में बंट चुका था कि एक बार अफसर भी पता नहीं लगा पाए आखिर ये किस प्लेन के पुर्जे हैं। हादसे में सुखोई के दोनों पायलट सुरक्षित निकलने में कामयाब रहे, लेकिन मिराज के पायलट की मौत हो गई थी।

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