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उपमुख्यमंत्री दिया ने टोल नीति में सुधारों की दी मंजूरी:टोल नियम बदले, अब स्टेट हाईवे के सभी टोल बूथों पर फास्टैग और रेट बोर्ड जरूरी


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उपमुख्यमंत्री दिया ने टोल नीति में सुधारों की दी मंजूरी:टोल नियम बदले, अब स्टेट हाईवे के सभी टोल बूथों पर फास्टैग और रेट बोर्ड जरूरी

उपमुख्यमंत्री दिया ने टोल नीति में सुधारों की दी मंजूरी:टोल नियम बदले, अब स्टेट हाईवे के सभी टोल बूथों पर फास्टैग और रेट बोर्ड जरूरी

जयपुर : उप मुख्यमंत्री एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री दिया कुमारी ने बुधवार को आरएसआरडीसी बोर्ड मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को प्रदेश के सभी टोल बूथों पर टोल कलेक्शन फास्टैग से करवाने तथा सभी स्थानों पर रेट बोर्ड लगवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टोल बूथों पर फास्टैग लागू होने से आमजन को राहत मिलेगी। दिया ने आरएसआरडीसी बोर्ड मीटिंग में टोल नीति में सुधार के महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी।

उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि टोल नियमों में किए गए इन महत्वपूर्ण परिवर्तनों से टोल संवेदकों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी तथा टोल टैक्स एकत्रण की प्रक्रिया नियमित एवं सुचारू होने से राजस्व में वृद्धि होगी। दिया ने आरएसआरडीसी भवन में स्थापित फास्टैग कमाण्ड सेंटर का निरीक्षण किया। इस सेन्टर के माध्यम से प्रदेश के सभी फास्टैग आधारित संचालित टोल प्लाजा की लाइव मॉनिटरिंग की जा सकती है।

इन सभी टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से कमाण्ड सेंटर में लगी स्क्रीन्स पर टोल का लाइव व्यू उपलब्ध होता है। कमाण्ड सेंटर में लगे डेशबोर्ड पर ये देखा जा सकता है कि किस प्रकार के ओर कितने वाहन टोल से गुजर रहे है। वहा एकत्र होने वाले रेवेन्यू को रियल टाईम वॉच किया जा सकता है।

उपमुख्यमंत्री ने सराहना करते हुए कहा की इससे सिस्टम में पारदर्शिता आएगी। टोल कर्मियों का नागरिकों के साथ व्यवहार भी नजर रखी जा सकती है। आवश्यकता पर टैफिक मेनेजमेंट में भी उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने सभी टोल पर फास्टैग तत्काल चालू करके फास्टैग कमाण्ड सेंटर से जोड़ने के निर्देश दिए।

बोर्ड मीटिंग में निर्णय- टोल काॅन्ट्रेक्ट अब 2 नहीं 1 वर्ष का होगा

  • वर्तमान में लागू टोल पॉलिसी के कुछ बिन्दुओं को समय की आवश्यकता के अनुरूप संशोधित किया गया है। वर्तमान में लागू संवेदक का रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया समाप्त कर दी गई, जिससे अधिक संख्या में संवेदक निविदा प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे।
  • टोल की कान्ट्रेक्ट की अवधि 2 वर्ष से घटाकर 1 वर्ष कर दी गयी है। जिसे अधिकतम 3 माह बढ़ाया जा सकेगा। नियमों की पालना नहीं करने पर रू 1 लाख प्रति त्रुटि की पेनल्टी का प्रावधान रखा गया है। यह दस्तावेज एनएचआई के नियमों के अनुरूप तैयार किया गया है।
  • टोल रोड पर टोल टैक्स एकत्र करने हेतु नयी आरएफक्यू कम आरएफपी दस्तावेज तैयार किए गए हैं। इसके तहत संवेदक की नेट वर्थ निविदा लागत की 20 प्रतिशत होना आवश्यक है।

मैन पावर काॅन्ट्रेक्ट का प्रावधान

किसी कारण टोल का रेगुलर कान्ट्रेक्ट नहीं होने पर मैन पावर एजेन्सी के द्वारा टोल टैक्स एकत्र करने का आरएफक्यू कम आरएफपी तैयार किया गया है। जिन सड़कों पर निविदाएं सफल नहीं हो रही हैं अथवा टोल वसूली कार्य एक्सटेंशन पर चल रहे हैं उन पर यह प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से लागू कर फास्टैग के आधार पर टोल टैक्स एकत्र करने का कार्य सुचारू किया जाएगा। रिडकोर विभाग में 50 प्रतिशत से अधिक टोल प्लाजा पर मैन पावर कान्ट्रेक्ट के द्वारा टोल एकत्र किया जा रहा है।

हाईवे पर वे-साइड सुविधाएं बढ़ाएं : उपमुख्यमंत्री ने बोर्ड मीटिंग में निर्देश दिये की प्रदेश के स्टेट हाईवे महत्वपूर्ण स्थानों को कनेक्टिविटी प्रदान करते है और इन पर लाखों लोग गुजरते है। इनकी सुविधा के लिये इन स्टेट हाईवेज पर वे-साईड सुविधाएं जैसे रेस्टोरेन्ट, सुविधाएं आदि विकसित करने का तत्काल परीक्षण किया जाए।

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