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पेपर लीक प्रकरण:सीआईयू टीम में था शैतानाराम, जानता था कैसे पकड़े जाते हैं, इसलिए 3 माह से मोबाइल बंद


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पेपर लीक प्रकरण:सीआईयू टीम में था शैतानाराम, जानता था कैसे पकड़े जाते हैं, इसलिए 3 माह से मोबाइल बंद

पेपर लीक प्रकरण:सीआईयू टीम में था शैतानाराम, जानता था कैसे पकड़े जाते हैं, इसलिए 3 माह से मोबाइल बंद

जयपुर : पेपर लीक मामले में 50 हजार का इनामी गिरफ्तार जोधपुर कमिश्नरेट पुलिस का कांस्टेबल शैतानाराम 5 साल तक सीआईयू टीम में रहा था। वह अपराधियों को पुलिस द्वारा कैसे पकड़ा जाता है, इसकी पूरी जानकारी जानता था। इसी के चलते 4 मई को फरार होने के बाद उसने मोबाइल बंद कर लिया और परिवार से सीधा संपर्क नहीं रखकर दूसरों के माध्यम से रखता था।

उसे पता था कैसे मोबाइल कॉल की सीडीआर निकाली जाती है और किस प्रकार लोकेशन से पकड़ते हैं। वह जोधपुर में महिला मित्र से लगातार संपर्क में था। उसकी महिला मित्र इस बारे में बेखबर थी कि उसकी कॉल डिटेल को भी कोई ट्रेस कर रहा है। इसी के चलते उसके बारे में आईजी जोधपुर की स्पेशल टीम को गंगानगर में उसकी लोकेशन के बारे में पता चला। आरोपी को गिरफ्तारी के बाद जयपुर एसओजी को सौंप दिया गया है।

वर्ष 2015 से पहले शैतानाराम कसीदा रेलिंग का काम करता था

आईजी विकास कुमार ने बताया कि शैतानाराम ने वर्ष 2012 में बारहवीं पास की थी। 2015 में कांस्टेबल बनने से पहले वह कसीदा रेलिंग का काम करता था। आईजी रेंज की साइक्लोनर टीम पहले हैदराबाद में स्टील फैक्ट्री में कसीदा रेलिंग के मजदूर बनकर गई। तब हैदराबाद में पता चला कि यहां प्लेन रेलिंग का काम होता है जबकि कसीदा रेलिंग का काम गंगानगर में होता है।

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