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पॉक्सो कोर्ट ने शिक्षक को 20 साल की सजा सुनाई:सैनिक स्कूल के 12 बच्चों से शिक्षक ने किया था कुकर्म, साढे़ चार साल बाद आया फैसला


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पॉक्सो कोर्ट ने शिक्षक को 20 साल की सजा सुनाई:सैनिक स्कूल के 12 बच्चों से शिक्षक ने किया था कुकर्म, साढे़ चार साल बाद आया फैसला

पॉक्सो कोर्ट ने शिक्षक को 20 साल की सजा सुनाई:सैनिक स्कूल के 12 बच्चों से शिक्षक ने किया था कुकर्म, साढे़ चार साल बाद आया फैसला

झुंझुनूं : झुंझुनूं जिले के सैनिक स्कूल में करीब 5 साल पहले 12 बच्चों के साथ यौन दुराचार करने वाले टीचर को पॉक्सो कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी टीचर पर 81 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। दोषी टीचर रविंद्र सिंह पढ़ाई में कमजोर बच्चों को एक्सट्रा क्लास के बहाने रात को अपने कमरे में बुलाता था और अश्लील हरकतें करता था। कई बार उसने बच्चों के साथ कुकर्म भी किया था। उसने बच्चों को इतना डराया कि कोई उसकी शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया था। जज ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा- स्कूल में एक टीचर ही जब इस तरह के घृणित कृत्य करेगा तो लोग कैसे अपने बच्चों को स्कूल भेजेंगे। यह क्रूरतापूर्ण अपराध है। इसके लिए टीचर को कड़ी सजा सुनाई जाती है।

7 दिसंबर 2019 को मामला सामने आने के दूसरे दिन आरोपी टीचर के खिलाफ केस दर्ज हुआ और 10 दिसंबर को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। (फाइल वीडियो)
7 दिसंबर 2019 को मामला सामने आने के दूसरे दिन आरोपी टीचर के खिलाफ केस दर्ज हुआ और 10 दिसंबर को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। (फाइल वीडियो)

परिजनों के साथ बैठक की तो फूटा बच्चों का दर्द
वरिष्ठ वकील गोकुलचंद सैनी ने बताया- 7 दिसंबर 2019 को दौरासर (झुंझुनूं) में स्थित सैनिक स्कूल में पेरेंट्स मीटिंग के दौरान उस वक्त हड़कंप मच गया, जब स्कूल के 12 बच्चों ने अंग्रेजी के टीचर रविंद्र सिंह शेखावत पर यौन शोषण के आरोप लगाए। बच्चों ने बताया था कि रविंद्र सिंह उनके साथ कई महीनों से यौन दुराचार कर रहा है। कमरे में बुलाकर गलत जगह टच करता है। कई बार कुकर्म भी किया। किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देता था।

मामला सामने आने के बाद स्कूल में एक समिति बनाई गई। समिति ने बच्चों की काउंसिलिंग की, लेकिन बच्चे कुछ भी नहीं बोल सके। इसके बाद स्कूल में कार्पल पनिशमेंट मॉनिटरिंग कमेटी (सीपीएमसी) की बैठक हुई। बैठक में पेरेंट्स भी शामिल होते रहे। बैठक में बच्चों ने अपनी आपबीती बताई। शिकायत सामने आने के बाद स्कूल के तत्कालीन प्रिंसिपल अभिलाष सिंह ने 8 दिसंबर 2019 को सदर थाने में मामला दर्ज करवाया था। पुलिस ने 10 दिसंबर 2019 को रविंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया था और जांच के बाद पॉक्सो कोर्ट में चालान पेश किया था।

कोर्ट में 36 गवाह और 85 दस्तावेज पेश किए
सरकारी वकील ओमप्रकाश सैनी ने बताया- टीचर रविंद्र सिंह शेखावत (41) निवासी काली पहाड़ी (झुंझुनूं) के खिलाफ हमने कोर्ट में 36 गवाह और 85 दस्तावेज पेश किए। इसके आधार पर कोर्ट ने टीचर को दोषी करार दिया और पॉक्सो एक्ट की धारा के साथ ही अलग-अलग धाराओं में कुल 20 साल के कठोर कारावास और 81 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

स्कूल में बच्चों पर दिखाता था सख्ती
जानकारी के अनुसार टीचर रविंद्र सिंह शेखावत अक्टूबर 2018 में सैनिक स्कूल में पदस्थापित हुआ था। रविंद्र सिंह स्कूल में बच्चों पर सख्ती दिखाता था। उनको बात-बात पर डांटता था। कभी अनुशासन के लिए तो कभी पढ़ाई के लिए। इसका नतीजा यह हुआ कि बच्चे उससे डर कर रहने लगे। रविंद्र सिंह बच्चों से जो कहता वो वही करते रहे। कई बार वह बच्चों पर अनुशासन तोड़ने के नाम पर जुर्माना भी लगा देता।

जांच में सामने आया था कि जुर्माना लगाकर उसने बच्चों के परिजनों से करीब 40 हजार रुपए भी वसूल किए थे। रविंद्र सिंह दूसरों के सामने शराफत को ढोंग करता था। उसने स्कूल में अपनी ऐसी छवि बनाई कि उसे बेहतरीन प्रदर्शन के लिए सम्मानित भी किया गया।

कमरे पर करता था अश्लील हरकतें
रविंद्र सिंह कई अभिभावकों से फोन पर बच्चों की शिकायत करता था कि बच्चा पढ़ाई में कमजोर है। ऐसे में अभिभावक बच्चे को टीचर की बात पर ध्यान देने को कहते। इसके आधार पर वह एक्स्ट्रा क्लास के बहाने किसी न किसी बच्चे को रात 10 बजे अपने कमरे में बुला लेता और उसके साथ अश्लील हरकतें करता था। कई बार बच्चों के साथ कुकर्म भी किया था। टीचर की हैवानियत के शिकार बच्चे सिर्फ 12 साल के थे। उसने बच्चों को इतना डराया कि कोई भी उसके खिलाफ शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया।

हनुमान बेनीवाल ने संसद उठाया था मामला
बच्चों के साथ यौन दुराचार का यह मामला काफी चर्चा में रहा था। नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने इस मामले को लोकसभा के शून्यकाल में उठाया था। बच्चों के साथ कुकर्म करने वाले टीचर को कड़ी सजा देने की मांग की थी। सांसद ने कहा था कि आरोपी टीचर का नार्को टेस्ट करवाया जाना चाहिए, क्योंकि दर्ज मामले के अनुसार वह 12 बच्चों के साथ कुकर्म कर चुका है।

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