रिश्वतखोरों के रक्षक कौन?:3 सरकारें, 3 मुख्यमंत्री, बड़े अफसरों पर केस चलाने की अनुमति कोई नहीं देता
रिश्वतखोरों के रक्षक कौन?:3 सरकारें, 3 मुख्यमंत्री, बड़े अफसरों पर केस चलाने की अनुमति कोई नहीं देता

182 छोटे अधिकारी-कर्मचारियों के मामलों पर भी नहीं दे रहे स्वीकृति
रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए, पद के दुरुपयोग या आय से अधिक संपत्ति। बड़े अधिकारियों पर ऐसे मामले कभी आगे नहीं बढ़ते। क्योंकि कोर्ट में चालान पेश करने के लिए सरकार या विभाग अनुमति ही नहीं देते हैं। वर्तमान में 17 आईएएस, आईपीएस, आरएएस अफसरों के ऐसे 18 मामलों में एसीबी को अनुमति का इंतजार है। इनमें एक मामला वसुंधरा सरकार, 15 मामले अशोक गहलोत सरकार और दो मामले मौजूदा सरकार से संबंधित हैं।
यह जानकारी गुरुवार को विधानसभा में सरकार की ओर से दी गई। प्रश्न भी कांग्रेस ने उठाया, जिसके कार्यकाल के सर्वाधिक मामले लंबित हैं। इतना ही नहीं, एक अन्य सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि 2 अप्रैल, 2019 से 27 मई तक 182 छोटे अधिकारी-कर्मचारी भी ऐसे हैं जिनको रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया था। लेकिन अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली है। इनमें इनमें 137 मामले 2 अप्रैल 2019 से 15 दिसंबर, 2023 के बीच हैं, जब कांग्रेस की सरकार थी। कांग्रेस सरकार में 45 मामले दर्ज हुए हैं।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि जो सरकार जीरो टोलरेंस की बात करती है, यह बता दे कि कितनी अभियोजना स्वीकृति दी।
कांग्रेस नेता गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि आप तो आठ महीने का बता दो। … आप कितने दिन बचायेंगे इनको?