गलता तीर्थ पर जयपुर कलेक्टर प्रशासक नियुक्त, अब संपत्तियों का संचालन भी उन्हीं के जिम्मे
एसडीएम जयपुर, एडीएम तृतीय, जयपुर तहसीलदार, एसीपी और देवस्थान विभाग के अफसरों ने गलता तीर्थ के मंदिरों का कब्जा लिया

जयपुर : उत्तर भारत की प्रमुख गलता तीर्थ की गद्दी पर राज्य सरकार का प्रशासक नियुक्त हो गया है। अब जयपुर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ही बतौर प्रशासक गलता पीठ के अधीन आने वाली संपत्तियों की संभाल करेंगे। गलता पीठ के महंत अवधेशाचार्य महाराज की नियुक्ति को लेकर आए राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के बाद बुधवार को राजस्थान सरकार ने जयपुर के जिला कलेक्टर को प्रशासक नियुक्त के आदेश जारी कर दिए।
इसके बाद एसडीएम जयपुर राजेश जाखड़, एडीएम तृतीय राजकुमार कस्वां, जयपुर तहसीलदार पुष्पेंद्र देशवाल, एसीपी रानू शर्मा और देवस्थान विभाग के महेंद्र कुमार मौके पर पहुंचे। दोपहर से लेकर शाम तक देवस्थान विभाग व कलेक्ट्रेट के अधिकारियों द्वारा गलता तीर्थ के मंदिरों का कब्जा लिया। शाम को कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित भी मौके पर पहुंचे। फिलहाल गलता तीर्थ के मंदिरों की संभाल कर रहे पुजारियों को ही पूजा करने को कहा गया है, ताकि यहां की पूजा पद्धति में कोई व्यवधान नहीं आए।
अफसरों ने रात तक गलता की संपत्तियों की सूची तैयार की, ताकि सरकार तक इसकी जानकारी पहुंचाई जा सके। दूसरी तरफ प्रशासक नियुक्त होने की सूचना मिलने के बाद बुधवार को स्वामी अवधेशाचार्य गलता तीर्थ नहीं गए। यहां के पुजारियों में दिनभर प्रशासक के आने की चर्चा चलती रही। गौरतलब है कि प्रशासक ने देवस्थान विभाग के अधिकारियों को साथ लेकर गलता की सभी संपत्तियों को सूचीबद्ध करवाने के निर्देश दे दिए हैं।
महंत महल व नया बनाया विश्राम स्थल अब देवस्थान विभाग के पास

देवस्थान विभाग द्वारा गलता तीर्थ के अधीन आने वाले सीतारामजी के मुख्य मंदिर समेत तीर्थ के करीब 14 मंदिरों को अपने कब्जे में लिया है। इसके अलावा गलता में ही महंत का महल और हाल ही बनाई गई विश्रामशाला की बिल्डिंग पर देवस्थान ने अपने कब्जे में ले लिया है। जयपुर शहर हिंदू विकास समिति के अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने बताया कि प्रशासक नियुक्त होने के बाद गलता के मंदिर व मकानता, जनाना व मर्दाना कुंड तथा गलता की घाटी के अन्य मंदिर में भी सेवा कार्य आदि देवस्थान विभाग के पास ही रहेगा।