मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स टीचर सामूहिक अवकाश पर:डाइंग कैडर की बजाय राज्य सेवा नियम लागू करने की मांग, मरीज हुए परेशान
मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स टीचर सामूहिक अवकाश पर:डाइंग कैडर की बजाय राज्य सेवा नियम लागू करने की मांग, मरीज हुए परेशान

चूरू : राजमेस में पहले से कार्यरत मेडिकल टीचर्स को डाइंग कैडर घोषित करने पर सोमवार को आरएमसीटीए से जुड़े समस्त मेडिकल टीचर्स ने पीडीयू मेडिकल कॉलेज में प्रदर्शन किया। वहीं आरएमसीटीए के समस्त डॉक्टर्स सामूहिक अवकाश पर रहे। वहीं प्रदेश सरकार से राजमेस में पहले से कार्यरत डॉक्टर को भी राज्य सेवा नियम के सभी लाभ देने की मांग की।
मेडिकल डॉक्टर्स की मांगों को लेकर एक प्रतिनिधि मंडल चिकित्सा मंत्री व राज्य सरकार के उच्चाधिकारियों से वार्ता करने के लिए जयपुर भी गया है। कॉलेज के मेडिकल डॉक्टर्स के एक साथ सामूहिक अवकाश पर जाने से अस्पताल की व्यवस्था भी पटरी से उतर गई। अस्पताल में रोगी डॉक्टर्स को दिखाने के लिए इधर-उधर घूमते नजर आए। इस दौरान सोमवार को होने वाले ऑपरेशन भी अटक गए। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में मेडिकल स्टूडेंट की पढ़ाई भी ठप्प हो गई है। इसको लेकर मेडिकल स्टूडेंट भी चिंतित होने लगे है।

आरएमसीटीए के अध्यक्ष डॉ. मुकेश खेदड़ ने बताया कि राज्य सरकार ने बजट घोषणा में नए आने वाले डॉक्टर्स को राजस्थान सर्विस रूल्स के दायरे में लिया है। जबकि पहले से कार्यरत डॉक्टर्स को राजस्थान सर्विस रूल्स से वंचित रखा है। उन्होंने बताया कि पुराने डॉक्टर्स के साथ सरकार का यह रवैया गलत है। इससे पुराने डॉक्टरों को पीएल, एनकैशमेंट, अनुकम्पा नियुक्ति जैसी मूलभूत परिलाभ भी नहीं मिल रहे हैं। एसोसिएशन के डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि पुराने मेडिकल टीचर्स को डाइंग कैडर्स बताने से प्रदेश के सभी 17 मेडिकल कॉलेजों के टीचर्स में काफी आक्रोश व्याप्त है। अब मेडिकल टीचर्स आंदोलन के रास्ते पर चल पड़े है।
इस मौके पर डॉ. मुकेश खेदड़, एनेस्थेटिक डॉ. दीपक चौधरी, डॉ. राजेश शर्मा, फिजीशियन डॉ. दीपक चौधरी, डॉ. राजेन्द्र रायल, डॉ. विष्वजीत सिंह, डॉ. कुलदीप बिजारणिया, डॉ. खुर्शीदा बानो, डॉ. आलोक गहलोत, डॉ. सुरेन्द्र धिंटाला, डॉ. गुलशन बानो, डॉ. पूर्णिमा शर्मा, डॉ. श्रद्धा शर्मा, डॉ. प्रदीप कस्वां, डॉ. पूनम यादव, डॉ. जितेन्द्र सोलंकी, डॉ. शशिकांत स्वामी व डॉ. रविकांत पंवार सहित एसोसिएशन के समस्त मेडिकल टीचर्स मौजूद थे।