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अन्तर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों द्वारा किया गया नाॅन वाटरशेड परियोजना का भ्रमण


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अन्तर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों द्वारा किया गया नाॅन वाटरशेड परियोजना का भ्रमण

अन्तर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों द्वारा किया गया नाॅन वाटरशेड परियोजना का भ्रमण

चिड़ावा : राष्ट्रीय कृषि एंव ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) एंव रामकृष्ण जयदयाल डालमिया सेवा संस्थान द्वारा संचालित नाॅन वाटर शेड परियोजना का डाॅ0 ओम कुर्मी (सहायक प्राध्यापक) कोवेन्ट्री विश्वविद्यालय, यूनाइटेड किंगडम (यू0के0), डाॅ0 सत्येन्द्र उपाध्याय, निदेशक (अन्तर्राष्ट्रीय) सोमालिया विद्याविहार विश्वविद्यालय, मुम्बई एंव प्राध्यापक एस0के0त्यागी (आई0आई0टी0, दिल्ली) द्वारा भ्रमण किया गया।

भ्रमण के दौरान सभी के द्वारा परियोजना अन्तर्गत कृषि, वानिकी, वर्षा जल संरक्षण, महिला सशक्तिकरण सबंधित किये जा रहे कार्यो का अवलोकन किया गया। इस भ्रमण के दौरान भारतीय मूल के प्राध्यापक डाॅ0 ओम द्वारा बताया गया कि वह अपनी टीम के साथ मिलकर भारत के वंचित वर्ग के लिए कुछ करने के उद्देश्य से भारत आये है। इन्होनें बताया कि सर्वप्रथम आई0आई0टी दिल्ली के माध्यम से उनको डालमिया सेवा संस्थान के द्वारा सामाजिक उत्थान हेतु किये जा रहे कार्यो के बारे मेें जानकारी प्राप्त हुई, जिसके चलते हुए आज इस मालुपुरा गांव में भ्रमण कार्यक्रम प्रस्तावित किया गया, जिसके लिए उन्होनें संस्थान के परियोजना प्रबंधक भूपेन्द्र पालीवाल का धन्यवाद भी ज्ञापित किया।

निदेशक एंव प्राध्यापक त्यागी द्वारा देश के विभिन्न राज्यों के भ्रमण के दौरान दो मुख्य समस्याएं देखी गयी, जिसमें से एक कृषि अवशिष्ट का उचित प्रबंधन ना होना दूसरा वर्तमान परिवेश में महिलाओं द्वारा गांवों में चूल्हे से खाना पकाया जाना है। उन्होंनें बताया कि इसके लिए आई0आई0टी0 दिल्ली द्वारा प्रो0 त्यागी की देखरेख में एक बैट्री चालित धुंआ रहित चूल्हे का निर्माण किया गया, जिसमें कृषि अवशेष से तैयार छोटे-छोटे पेलेट्स का प्रयोग किया जाता है।

इस चूल्हे को मुख्यताः महिलाओं के स्वास्थ्य कि दृष्टि से तैयारी किया गया, जिसका खर्च घरेलू एल.पी.जी. सिलेंडर से लगभग आधा है। इस चूल्हे का प्रयोग उपस्थित ग्रामीणजनों के समक्ष किया गया, जिसका संचालन करने के बाद सभी द्वारा उसकी कार्य प्रणाली सबंधित विषयों पर विचार उपरान्त कुछ वांछित बदलाव के साथ एक परियोजना के तहत कार्य किया जायेगा जिसके लिए चिड़ावा विकास खण्ड में पेलेट्स बनाने हेतु सहायता भी की जायेगी।

संस्थान के जल संसाधन एवं ग्रामीण विकास समन्वयक संजय शर्मा श्योपुरा बताया कि नाबार्ड एंव संस्थान द्वारा ग्राम में किये गये उत्कृष्ट कार्यों एंव ग्रामीणजनों कि भागीदारी के कारण इस ग्राम का चयन किया गया है। आज इस चूल्हे का परीक्षण गांव कि कविता देवी के यहां किया गया। इस भ्रमण के दौरान अजय बलवदा, राकेश महला सहित गांव कि महिलाएं उपस्थित रही।

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