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डूमोली के विजेंद्र सिंह दौरता की सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई


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डूमोली के विजेंद्र सिंह दौरता की सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई

सिपाही बिजेंद्र सिंह को अंतिम श्रद्धांजलि : तिरंगा यात्रा में महिलाओं ने किया सैल्यूट

डुमोली कलां : जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले में शहीद राजस्थान के झुंझुनूं जिले के दोनों जवानों का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। जैसे ही दोनों जवान तिरंगे में लिपटकर अपने घर पहुंचे, परिजनों की हिम्मत जवाब दे गई।

बुहाना तहसील के डुमोली कलां के शहीद जवान बिजेन्द्र सिंह के सम्मान में पचेरी कलां बॉर्डर से तिरंगा यात्रा निकाली गई। शहीद के परिजनों को गृह एवं गोपालन विभाग के राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने ढाढ़स बंधाया। उन्होंने कहा कि शहीद के परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार पूरी तरह शहीद के परिवार के साथ है।

शहीद बिजेंद्र सिंह दौराता झुंझुनूं के सिंघाना थाना इलाके के खुबा की ढाणी (डुमोली कलां) के रहने वाले थे और अजय सिंह भी इसी इलाके में भैसावता कलां के रहने वाले थे। बिजेंद्र सिंह की पार्थिव देह जब उनके घर पहुंची ताे उन्हें देखकर मां बिलख पड़ी। बिजेंद्र सिंह के बेटे ने अपने दादा की गोद में बैठकर पिता के अंतिम दर्शन किए। पत्नी अंकिता बार-बार पति के पार्थिव देह से लिपट-लिपटकर रो रही थीं।

15 जुलाई को आतंकी हमले में शहीद हुए थे
डोडा जिले में डेसा जंगल के धारी गोटे उरारबागी में राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस सोमवार से ही सर्च ऑपरेशन चला रही थी। इस दौरान आतंकवादी फायरिंग करते हुए भागे। भारतीय सेना के जवानों ने उनका पीछा किया।

घना जंगल होने की वजह से आतंकी सुरक्षाबलों को चकमा देते रहे। सोमवार रात करीब 9 बजे फिर गोलीबारी हुई। इसमें बिजेंद्र सिंह और अजय सिंह समेत 5 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। बिजेंद्र और अजय सेना में राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे।

तिरंगा यात्रा में महिलाओं ने किया सैल्यूट
अंतिम संस्कार से पहले शहीदों के सम्मान में झुंझुनूं जिले के मुरादपुर से उनके पैतृक गांवों तक तिरंगा यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में भारी भीड़ उमड़ी। यात्रा के दौरान रास्ते में पड़ने वाले गांव के लोग भी सड़क पर निकल आए। कई जगह महिलाओं ने एक साथ खड़े होकर शहीदों को सलामी दी। वहीं, कई लोगों ने जेसीबी पर चढ़कर शहीदों के पार्थिव देह पर फूल बरसाए।

शहीद बिजेंद्र सिंह की तिरंगा यात्रा के दौरान डुमोली खुर्द गांव की महिलाओं ने सड़क पर एक साथ खड़े होकर उन्हें सैल्यूट किया।
शहीद बिजेंद्र सिंह की तिरंगा यात्रा के दौरान डुमोली खुर्द गांव की महिलाओं ने सड़क पर एक साथ खड़े होकर उन्हें सैल्यूट किया।
शहीद बिजेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर लेकर 6 किमी तक तिरंगा यात्रा निकाली गई।
शहीद बिजेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर लेकर 6 किमी तक तिरंगा यात्रा निकाली गई।

एक साथ आर्मी जॉइन की, एक साथ शहीद हुए
सिक्स राजपूत सेंटर मेरठ के लेफ्टिनेंट अखिल कुमार ने कहा कि बिजेंद्र और अजय की भर्ती 2018 में एक साथ ही हुई थी। 15 जुलाई को दोनों एक साथ ही शहीद हो गए।

घर में अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी, पिता खेत पर काम में जुटे थे
शहीद बिजेंद्र सिंह की शहादत की खबर उनके छोटे भाई दशरथ सिंह ने 36 घंटे तक अपने सीने में दबाए रखी। जब तक बिजेंद्र की पार्थिव देह घर के पास नहीं आ गई, तब तक घर वालों को इसकी जानकारी नहीं दी गई थी।

बिजेंद्र के पिता रामजी लाल बुधवार सुबह घर के पास स्थित खेत में काम कर रहे थे और उनके घर पर अंतिम संस्कार की तैयारी के लिए टेंट लगाया जा रहा था। रामजी लाल ने टेंट लगते हुए देखा तो उन्होंने लाेगों से कारण पूछा, तब दशरथ सिंह खुद को रोक नहीं पाए और पिता से लिपटकर जोर-जोर से रो पड़े।

पंचायत समिति के डूमोली के शाहिद वीरेंद्र सिंह दौरता की अंत्येष्टि तिरंगा रैली निकालकर की गई मुखा अग्नि उनके बेटे ने दी राजस्थान सरकार के राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेठम पहुंचे सैनिक कल्याण बोर्ड चिड़ावा के अधिकारी Karnal सुरेश कुमार जांगिड़, झुंझुनू सांसद विजेंद्र सिंह, पूर्व सांसद संतोष अहलावत, पूर्व सांसद नरेंद्र खीचड़, युवा नेता नोरंग डांगी, पूर्व विधायक सुभाष पूनिया, इमोली सरपंच प्रतिनिधि एडवोकेट सत्यवीर दौरता, हिंदू क्राति संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विकास डूमोली, सूरजगढ़ विधायक श्रवण कुमार, युवा नेता सतीश गजराज, खेतड़ी विधायक धर्मपाल गुर्जर, खेतड़ी प्रधान मनीषा गुर्जर, युवा कांग्रेस सचिव भूपेंद्र गुर्जर, सचिन गुप्ता मंडल अध्यक्ष सिंघाना, लाखों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे आज शहीद की जो ही पार्थिक देह गांव में पहुंची डीजे के साथ तिरंगा रैली निकाली गई काफी ग्रामीण उपस्थित रहे उनके बेटे ने मुखाग्नि दी काफी महिला भी उपस्थित रही शहिद विजेंद्र सिंह अमर रहे के साथ शहिद को श्रद्धांजलि अर्पित की आज पूरा क्षेत्र लाखों की संख्या में शाहिद को श्रद्धांजलि देने पहुंचा।

शहीद बिजेंद्र सिंह के दोनों बेटों को पता नहीं था कि उनके पिता नहीं रहे। अंतिम संस्कार की तैयारी के दौरान वह घर के बाहर दूसरे बच्चों के साथ मिट्टी में खेल रहे थे।
शहीद बिजेंद्र सिंह के दोनों बेटों को पता नहीं था कि उनके पिता नहीं रहे। अंतिम संस्कार की तैयारी के दौरान वह घर के बाहर दूसरे बच्चों के साथ मिट्टी में खेल रहे थे।
शहीद के अंतिम संस्कार से जुड़ी मार्मिक तस्वीरें….
शहीद बिजेंद्र की पत्नी अंकिता बार-बार उनकी पार्थिव देह से लिपटने की कोशिश करती रहीं, उन्हें घर वालों ने संभाला।
शहीद बिजेंद्र की पत्नी अंकिता बार-बार उनकी पार्थिव देह से लिपटने की कोशिश करती रहीं, उन्हें घर वालों ने संभाला।
शहीद बिजेंद्र सिंह के 4 साल के बेटे विहान ने अपने दादा की गोद में बैठकर पिता के अंतिम दर्शन किए।
शहीद बिजेंद्र सिंह के 4 साल के बेटे विहान ने अपने दादा की गोद में बैठकर पिता के अंतिम दर्शन किए।
शहीद बिजेंद्र सिंह के भाई दशरथ सिंह ने 36 घंटों तक शहादत की खबर परिवार से छुपाए रखी। वे खुद भी सेना में हैं। उन्होंने अंतिम संस्कार तक हिम्मत नहीं हारी और परिवार को संबल देते रहे।
शहीद बिजेंद्र सिंह के भाई दशरथ सिंह ने 36 घंटों तक शहादत की खबर परिवार से छुपाए रखी। वे खुद भी सेना में हैं। उन्होंने अंतिम संस्कार तक हिम्मत नहीं हारी और परिवार को संबल देते रहे।
शहीद बिजेंद्र सिंह की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव खुबा की ढाणी स्थित घर पर पहुंच गई है।
शहीद बिजेंद्र सिंह की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव खुबा की ढाणी स्थित घर पर
बिजेंद्र सिंह की तिरंगा यात्रा के दौरान रास्ते में पड़ने वाले गांव में लोग बड़ी संख्या में सड़क पर निकल आए। सभी लोग तिरंगा यात्रा में शामिल होंगे।
बिजेंद्र सिंह की तिरंगा यात्रा के दौरान रास्ते में पड़ने वाले गांव में लोग बड़ी संख्या में सड़क पर निकल आए। सभी लोग तिरंगा यात्रा में शामिल होंगे।
शहीद बिजेंद्र सिंह का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
शहीद बिजेंद्र सिंह का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

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