यमुना जल समझौता कोरा छलावा राजनीतिक दल राजनीति से बाज नहीं आ रहे
यमुना जल समझौता कोरा छलावा राजनीतिक दल राजनीति से बाज नहीं आ रहे

राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक
शेखावाटी अंचल खासकर झुंझुनूं जिला डार्क जोन घोषित हो चुका है व नासा ने भी शेखावाटी में जल संकट को लेकर चेतावनी दी है । भजनलाल शर्मा सरकार ने शेखावाटी को यमुना जल मिलने को लेकर आनन फानन हरियाणा सरकार से समझौता किया व इस समझौते को जिले के नेताओं ने एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए मील का पत्थर साबित होने का दंभ भरते रहे । इसको लेकर राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी तो दो कदम आगे निकल गये और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसको राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की बात कही । यह कितना हास्यास्पद है कि एक लोकसभा सांसद जिसके पास कोई विभाग नहीं और वे भी जनता को बरगलाने से बाज नहीं आ रहे हैं ।
समझौते को लेकर भाजपा की तरफ से डीपीआर बनने की बात सामने आ रही है । विदित हो किसी भी परियोजना को लेकर बजट में उसके वित्तिय प्रावधान लेने होते हैं । आज राजस्थान की वित मंत्री दिया कुमारी ने 2024 का बजट पेश किया लेकिन यमुना जल को लेकर एक शब्द भी नहीं बोला । हालांकि पेयजल को लेकर उन्होंने 6 परियोजनाओ का जिक्र किया जिनमें ईआरसीपी के पहले चरण में काम पकड़ेगा रफ्तार, 25 लाख ग्रामीण घरों को नल से जोड़ा जाएगा , अमृत 2.0 योजना के तहत 183 जगह होंगे काम, हर विधानसभा में 20-20 हैंडपंप लगेंगे , 32 वाटर बाडी का किया जाएगा जीर्णोद्धार व हर विधानसभा में 10-10 ट्यूबवेल का निर्माण । उपरोक्त योजनाओं में यमुना नदी जल समझौते का जिक्र न होना व इस परियोजना के बजट में प्रावधान न करना भाजपा सरकार की मंशा पर प्रश्न चिन्ह खड़े होने लाजिमी है कि भजनलाल सरकार ने भी झुन्झुनू के आवाम के साथ छलावा कर रही है । विदित हो पिलानी विधानसभा क्षेत्र का आवाम पीने के पानी को लेकर त्राहि त्राहि कर रहा है और भाजपा के नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लोगों को कागज दिखाकर भ्रमित कर रहे हैं । हिन्दी समाचार पत्रो ने इस समझौते को लेकर पहले भी आशंकाएं व्यक्त की थी कि और आज के बजट को देखते हुए वह आशंकाए हकीकत में बदल गई । एक हास्यास्पद घोषणा कि हर विधानसभा क्षेत्र में 20-20 ट्यूबवेल खोदे जायेंगे जो कि ऊंट के मुंह में जीरा है जबकि विधानसभा के शहरी क्षेत्रों में एक शहर में 20 ट्यूबवेल से ज्यादा की जरूरत है ।
यदि सचमुच भजनलाल शर्मा सरकार इस मानवीय मुद्दे पर संवेदनशील है तो कुंभाराम लिफ्ट परियोजना को लेकर गंभीरता से सोचे क्योंकि यही अल्पकालीन उपाय है व यमुना जल समझोते की मृग मरीचिका में पिलानी के आवाम को न भटकाएं ।
राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक