Agniveer Death: क्यों खुदकुशी करने के लिए मजबूर हो रहे अग्निवीर? क्या भविष्य की चिंता से हैं परेशान
रिटायर्ड कर्नल रोहित चौधरी कहते हैं कि यह बहुत भयावह है कि एक साल के अंदर कई अग्निवीर शहीद हो चुके हैं। इनमें से ज्यादातर केस संदिग्ध हालात में मौत के हैं। वह सरकार से सवाल पूछते हैं कि अग्निपथ स्कीम के तहत भर्ती हुए अग्निवीर जवान लगातार सुसाइड क्यों कर रहे हैं?

Agniveer Death: देश में इन दिनों सेना की अग्निपथ स्कीम जबरदस्त चर्चा में है। संसद से लेकर सोशल मीडिया तक अग्निवीरों का मु्द्दा जम कर उठाया जा रहा है। अभी हाल में पंजाब के अग्निवीर अजय सिंह की शहादत के बाद उनके नेक्स्ट टू किन यानी परिजनों को मुआवजा राशि देने को लेकर संसद में खूब बवाल मचा। इसी बीच दो और अग्निवीरों की मौत की खबरें आ गईं। अभी एक साल में ही तकरीबन 20 अग्निवीरों की मौत हो चुकी है। हाल ही में आगरा में एयरफोर्स परिसर में अग्निवीर ने गोली मारकर खुदकुशी कर ली।
तीन जुलाई को आगरा एयरफोर्स परिसर के तकनीकी क्षेत्र में अग्निवीर वायु श्रीकांत कुमार चौधरी (22) ने सरकारी इंसास से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। हालांकि अभी तक आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है। श्रीकांत कुमार चौधरी पुत्र मनजी के पास सरकारी इंसास राइफल थी। जवान ने राइफल से आंख के पास गोली मारी थी। गोली सिर के ऊपरी हिस्से से निकल गई। हालांकि खुदकुशी की वजह एयरफोर्स की आंतरिक जांच में साफ होगी। सूत्रों ने सेना में लगभग 18 अग्निवीरों की मौत की पुष्टि की है। वहीं भारतीय वायुसेना में यह किसी अग्निवीर की पहली मौत है। वायुसेना सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रहने वाले 22 वर्षीय श्रीकांत कुमार चौधरी 2022 में अग्निवीर के तौर पर भारतीय वायुसेना में शामिल हुए थे। उनकी मौत के कारणों का पता लगाने के लिए कथित तौर पर एक जांच बोर्ड का गठन किया गया है। सूत्रों ने बताया कि श्रीकांत आगरा के वायुसेना स्टेशन पर मैनपावर की कमी के चलते छुट्टी न मिलने से परेशान थे।
सेना से रिटायर्ड मेजर जनरल डॉ. यश मोर कहते हैं कि सेना को बैरकों में अग्निवीरों के जीवन की जमीनी हकीकत पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। वे दुखी हैं क्योंकि उनका भविष्य अनिश्चित है। लोग उनका मजाक उड़ाते हैं। वह कहते हैं कि रेगुलर सैनिक के मुकाबले अग्निवीरों को साल में सिर्फ 30 दिन की छुट्टी मिलती है, जो बहुत गलत है। ऐसे हालात में कोई सेना में कैसे काम करेगा। हमें उनके प्रति सहानुभूति दिखानी चाहिए, ताकि वे खुदकुशी जैसा आत्मघाती कदम न उठाएं।