ये अफसर हैं, इन्हें सब माफ है:शहर डूबा तो निगम को मिट्टी के कट्टे पहुंचाने के लिए टेंडर की याद आई, आधी रात को वर्क ऑर्डर
ग्रेटर के अफसर टेंडर निकालना भूले, जेडीए के ड्रेनेज सिस्टम डालना

जयपुर : ग्रेटर नगर निगम के अफसरों की नींद बारिश से हालात बिगड़ने के बाद खुली। डेढ़ घंटे में 3.1 इंच बारिश से निगम के तीनों बाढ़ नियंत्रण कक्षों पर पानी भरने और गड्ढे होने के फोन आने लगे। तीनों जगह रखे मिट्टी के कट्टे मौके पर पहुंचाने की बात हुई तो पता चला इसके तो टेंडर ही नहीं हुए। ऐसे में हूपर से पहुंचाने के प्रयास किए, लेकिन वे पानी में फंस गए।
इसका खुलासा हमारे मीडिया कर्मी ने गुरुवार के अंक में किया था। इस पर अफसरों ने लापरवाही छिपाने के लिए कचरा उठाने वाले ट्रैक्टर मय हाइड्रोलिक ट्रॉली का वर्क ऑर्डर मिट्टी के कट्टे पहुंचाने को जारी कर दिया। खास बात ये है कि इनका टेंडर 12 मार्च को हुआ था, लेकिन वर्क ऑर्डर का समय 3 जुलाई 2024 की रात का है। इसमें कहीं भी यह नहीं लिखा है कि यह कचरा उठाएंगे या मिट्टी के कट्टे पहुंचाएंगे।
ग्रेटर निगम गैराज के उपायुक्त अतुल शर्मा का कहना है कि तीनों बाढ़ नियंत्रण केंद्रों पर 4-4 ट्रैक्टर-ट्रॉलियां लगाई थीं। कुछ जगह कम कट्टे थे, इसलिए हूपर से भेजे थे। जरूरत पर डंपर भी भेजते हैं।
ट्रांसपोर्ट नगर अंडरपास में 10 फीट पानी भरा, मढ़ पंप लगाया वो भी खराब

जेडीए ट्रांसपोर्ट नगर अंडरपास में ड्रेनेज सिस्टम बनाना ही भूल गया। तेज बारिश से अंडरपास में करीब 10 फीट पानी भर गया। सूचना पर पुलिस ने ट्रैफिक बंद कराया। गुरुवार को भी ट्रैफिक बाधित रहा। लोगों को आेल्ड ट्रांसपोर्ट नगर चौराहा होते हुए आगरा रोड की तरफ जाना पड़ा। वहीं आगरा रोड आने वाले वाहनों को पं. नवलकिशोर सर्किल का चक्कर लगाकर आना पड़ा। निगम ने पानी निकासी के लिए मढ़ पंप लगाया, लेकिन वह भी खराब हो गया।
ग्रेटर में 53 जगह कटाव व गड्ढों की शिकायतें, कट्टे और मिट्टी डाल जिम्मेदारी पूरी की
बरसात से तीनों बाढ़ नियंत्रण केंद्र में 53 से ज्यादा मिट्टी के कटाव और गड्ढों की शिकायतें आईं। मालवीय नगर पर 9, मानसरोवर पर 14 और वीकेआई पर 40 शिकायतें आईं। अफसरों का दावा किया कि मालवीय नगर और मानसरोवर की सभी शिकायतों का निस्तारण कर दिया गया। वीकेआई की आधी शिकायतें शाम तक ठीक कर दी गईं।
लेकिन लापरवाहियां नहीं थम रही है। बनी पार्क स्थित रामचंद्र मंदिर के आगे हुए गड्ढे को निगम टीम मिट्टी के कट्टे डालकर चली गई। वाहन चालकों को यह दूर से नजर आ जाए, इसलिए लोगों ने पेड़ और डंडा लगाया। झोटवाड़ा इंडस्ट्रियल एरिया में गड्ढे भरने के लिए मिट्टी सड़क पर ही डाल कर चले गए, जिससे जाम की स्थिति बन गई।