क्या बिहार से लीक हुआ NEET का पेपर?:NTA को मिली शिकायत- टॉपर्स के रोल नंबर थे पास-पास, ग्रेस मार्क्स पर भी उठे सवाल
क्या बिहार से लीक हुआ NEET का पेपर?:NTA को मिली शिकायत- टॉपर्स के रोल नंबर थे पास-पास, ग्रेस मार्क्स पर भी उठे सवाल

कोटा : हाल में जारी NEET UG- 2024 परीक्षा में गड़बड़ी और पेपर लीक होने का आरोप लगा है। पहली बार ऑल इंडिया रैंक 1 पर 16 स्टूडेंट रहे। आरोप है कि इन सभी के परीक्षा हॉल में रोल नंबर आस-पास थे। हरियाणा, यूपी, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली और कर्नाटक के टॉपर्स के मामले में ये गड़बड़ी सामने आई है। वहीं हरियाणा के एक ही एग्जाम सेंटर के बच्चों ने टॉप किया है।
ऐसी ही शिकायतें स्टूडेंटस व एजुकेशन एक्सपर्टस लगातार एनटीए को भेज रहे है और परीक्षा वापस करवाने की मांग कर रहे हैं। एनटीए भी हर शिकायत पर जवाब दे रहा है। कोटा में भी कोचिंग इंस्टीट्यूट ने इसे लेकर मांग की है।
10 डिजिट के रोल नंबर में अंतिम तीन अंक ही अलग
एनटीए को मिली शिकायत में स्टूडेंट और एजुकेशन एक्सपर्टस ने आरोप लगाया कि यूपी, तमिलनाडु और गुजरात में रैंक-1 वालों के रोल नंबर काफी करीब हैं। 10 डिजिट के रोल नंबर में अंतिम तीन अंक ही अलग हैं, बाकी समान हैं। यह समानता बताती है कि छात्रों को संभवतः एक ही सेंटर अलॉट हुआ है। यानी एक सेंटर से नीट के दो-दो टॉपर निकले।

हरियाणा में एक सेंटर से 8 टॉपर, सरनेम गायब
पिछले साल 600 नंबर पर जनरल बच्चे को सरकारी कॉलेज मिल गया था, इस साल 640 नंबर वाले को भी कुछ नहीं मिलेगा। इस तरह इस बार 15 से 20 हजार बच्चों का हक मारा जाने के आसार हैं।
उन्होंने बताया- हरियाणा के एक ही सेंटर झज्जर से आठ स्टूडेंट टॉपर हैं। इन बच्चों के सरनेम भी गायब हैं। एक ही सेंटर से आठ टॉपर का आना सवाल खड़े करता है। बच्चों के 718 और 719 नंबर भी आए हैं, यह संभव नहीं है।
फर्स्ट रैंक लाने वाले को भी नहीं मिल रहा दिल्ली एम्स
कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट और मोशन कोचिंग डायरेक्टर नितिन विजय ने बताया- यह चौकानें वाली बात है कि जिस एग्जाम को 24 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स देते हैं,उसमें 67 बच्चे पूरे में से पूरे नंबर (720 में से 720) लेकर टॉप कर रहे हैं।
फर्स्ट रैंक लाने वाले बच्चों को भी दिल्ली एम्स नहीं मिल रहा है। 685 नंबर पर 6700 बच्चे हैं। ऐसे में इन बच्चों को कॉलेज में सीट किस आधार पर मिलेगी, कोई नहीं समझ पा रहा। पहली बार एक ही साल में कट ऑफ में बहुत बड़ा इजाफा देखा गया है।
पिछले साल 600 नंबर पर जनरल बच्चे को सरकारी कॉलेज मिल गया था, इस साल 640 नंबर वाले को भी कुछ नहीं मिलेगा। ~~नितिन विजय डायरेक्टर मोशन कोचिंग
NTA का जवाब- समय बर्बाद होने पर दिए ग्रेस मार्क्स
कोचिंग डायरेक्टर नितिन विजय ने बताया कि इसके लिए सोशल मीडिया पर अभियान भी चलाया गया। इस पर एनटीए ने बताया- परीक्षा के दौरान जिन बच्चों का समय बर्बाद हुआ था, उन्हें ग्रेस मार्क्स दिया गया है। ग्रेस मार्क्स किस आधार पर दिए गए? साफ होना चाहिए कि जिन बच्चों के 720 में से 720 नंबर आए हैं, उनमें भी कोई ग्रेस मार्क्स पाने वाला है, अगर है तो कौन है।
हमारी मांग है कि एनटीए नीट एग्जाम वापस करवाए। कम से कम उन सेंटर के एग्जाम तो दोबारा हो, जहां के बच्चों के बहुत ज्यादा नंबर आए हैं। यह लाखों बच्चों के भविष्य का सवाल है। उनको न्याय दिलाने के लिए हम डिजिटल सत्याग्रह चला रहे हैं। अगर जरुरत पड़ी तो कोर्ट भी जाएंगे।
इस साल औसत कटऑफ बढ़ी
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से जारी स्टैटिसटिक्स के अनुसार- बीते साल नीट यूजी में शामिल अभ्यर्थियों के औसत मार्क्स 279.41 थे। इस बार यह बढ़कर 323.55 हो गए हैं। ऐसे में करीब 45 अंकों की बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसके चलते नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की जारी की गई कट ऑफ में भी बढ़ोतरी हुई है। बीते साल जहां पर 137 अंक थे। इस बार 164 अंक पहुंच गई है। इसमें 27 अंकों की बढ़ोतरी हुई।

NTA का स्पष्टीकरण- 13,373 अभ्यर्थियों ने किया था प्रश्न को चैलेंज
शिकायतों पर एनटीए की ओर से जारी स्पष्टीकरण में सीनियर डायरेक्टर डॉ. साधना पाराशर ने कहा- पेपर लीक का कोई मामला सामने नहीं आया है। स्टेट पुलिस की तरफ से भी दर्ज मामले में जांच पूरी नहीं हुई है। वहीं औसत कट ऑफ बढ़ने पर उन्होंने फिजिक्स के सवाल का भी हवाला दिया। उन्होंने बताया-
- एक प्रश्न पर 13,373 चैलेंज अभ्यर्थियों ने किए थे। इसमें ओल्ड एनसीआरटी और न्यू एनसीआरटी के तहत अलग-अलग आंसर आ रहे थे।
- पहले प्रोविजनल आंसर की में एक जवाब को सही माना गया था, जिसके चलते 17 विद्यार्थियों के 720 में से 720 अंक आ रहे थे।
- जब विद्यार्थियों की आपत्ति पर दो ऑप्शन को भी सही माना गया, तब 44 विद्यार्थियों की संख्या बढ़ गई।
- ऐसे में 6 कैंडिडेट को ग्रेसिंग मार्क्स मिलने पर वे टॉपर लिस्ट में पहुंच गए और उनके भी 720 में से 720 अंक हुए है।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने स्पष्टीकरण दिया है कि एक रिट पिटिशन हाई कोर्ट ऑफ पंजाब एंड हरियाणा, दिल्ली व छत्तीसगढ़ में दाखिल की गई थी, जिसमें नीट यूजी एग्जाम के कुछ सेंटर्स पर समय की हानि की बात कैंडिडेट ने कही थी। इनका जब सीसीटीवी से मूल्यांकन किया गया, तब यह मामला सही निकला। इसके बाद ही उन्हें अनुग्रह अंक कोर्ट ऑर्डर पर दिए गए हैं। यह भी 1563 कैंडिडेट को दिए हैं।