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किडनी कांड की जांच रिपोर्ट में डॉ.धनखड़ दोषी:पेशेंट को एनेस्थेटिक के बिना एनेस्थिया दिया​​​​​​, बॉयोप्सी भी नहीं करवाई


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किडनी कांड की जांच रिपोर्ट में डॉ.धनखड़ दोषी:पेशेंट को एनेस्थेटिक के बिना एनेस्थिया दिया​​​​​​, बॉयोप्सी भी नहीं करवाई

जिले में किडनी के गलत ऑपरेशन का खुलासा होने के बाद हॉस्पिटल पर सख्त कार्रवाइयां की जा रही हैं। इसी बीच अस्पताल की लापरवाही का एक और खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि डॉक्टर ने बगैर एनेस्थेटिक की मदद के यह ऑपरेशन किया था, जो कि सीधा-सीधा मरीज की जान के साथ खिलवाड़ था।

झुंझुनूं : महिला मरीज की गलत किडनी निकालने वाले डॉक्टर संजय धनखड़ के मामले में जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। जिसमें डॉक्टर की लापरवाही को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जांच कमेटी ने रिपोर्ट में किडनी निकालते समय नियमों की अवहेलना करने का जिक्र किया है। वहीं एनेस्थेटिक के बिना मरीज को एनेस्थिया देने की जानकारी भी सामने आई है।

बता दें कि किडनी कांड की जांच के लिए कलेक्टर ने पांच डॉक्टरों की कमेटी बनाई थी। इस टीम ने मामले की पूरी जांच की, जिसमें लापरवाही सामने आने पर डॉक्टर के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया है।

सीएमएचओ बोले- संक्रमित की बजाय सही किडनी निकाली गई
सीएमएचओ डा. राजकुमार डांगी ने बताया- कमेटी ने डॉ. संजय धनखड की लापरवाही मानी है। लापरवाही में खास बात यह है कि डा. संजय धनखड स्वयं जनरल सर्जन है। किडनी का ऑपरेशन करते वक्त नेफ्रोलाजिस्ट या यूरोलॉजिस्ट की राय भी होनी चाहिए थी। यह आर्गन से जुड़ा मामला था। डॉक्टर को किडनी निकालने के बाद उसकी बायोप्सी करवानी चाहिए थी, लेकिन नहीं करवाई गई। किडनी निकालने के बाद किडनी ट्रे में रखी गई थी, उस स्थिति में वह संक्रमित हो गई, जो बड़ी लापरवाही है। कमेटी ने माना है कि डॉ. धनखड ने संक्रमित किडनी के स्थान पर सही किडनी निकाल दी।

कौन हैं डॉ. संजय धनखड़

  • 2017 तक BDK हॉस्पिटल में सर्जन रहे।
  • 2017 में इलाज में लापरवाही के चलते सस्पेंड किया गया।
  • सस्पेंड होने के बाद नौकरी से इस्तीफा दिया।
  • झुंझुनूं में अपना धनखड़ हॉस्पिटल शुरू किया।
  • डॉ. संजय धनखड़ झुंझुनूं के भैंसावता गांव के निवासी हैं वर्तमान में झुंझुनूं के हाउसिंग बोर्ड इलाके में किराए के मकान में रहते हैं।
  • पिता सेना से रिटायर्ड हैं, पत्नी और मां गृहणी हैं।

कोतवाली थाने में मामला दर्ज, अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द
मामले में जिला कलेक्टर ने सीएमएचओ के नेतृत्व में पांच सदस्यों की कमेटी गठित की थी। टीम ने जांच की। जांच रिपोर्ट में डा. संजय धनखड़ को दोषी पाया। रिपोर्ट जिला कलेक्टर के माध्यम से एसपी को दी गई। इसी रिपोर्ट के आधार पर कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया है।

जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने गलत ऑपरेशन करने वाले डॉ. संजय धनखड़ का राजस्थान मेडिकल काउंसिल से रजिस्ट्रेशन निरस्त करने के लिए चिकित्सा विभाग को पत्र लिखा है। इससे पहले जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए धनखड़ हॉस्पिटल को सीज कर दिया। वहीं अस्पताल के रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया था।

मामला बढ़ा तो आरोपी डॉक्टर महिला मरीज के घर भी गया था। उसने दावा किया था कि उसने तो सही इलाज किया था।
मामला बढ़ा तो आरोपी डॉक्टर महिला मरीज के घर भी गया था। उसने दावा किया था कि उसने तो सही इलाज किया था।

यह है मामला
झुंझुनूं के धनखड़ अस्पताल में डॉक्टर ने ऑपरेशन के दौरान झुंझुनूं के नूंआ गांव की रहने वाली ईद बानो की संक्रमित किडनी की जगह सही किडनी निकाल दी थी। डॉक्टर ने 15 मई को सर्जरी की। 17 मई को मरीज के यूरिन में मवाद आने लगा और दर्द बढ़ गया। परिजनों ने डॉक्टर से पूछा तो उसने जयपुर जाने को कहा और चेताया कि एसएमएस में सर्जरी के लिए कुछ मत बताना। परिजनों ने मरीज को 21 मई को जयपुर में भर्ती कराया। यहां जांच में पता चला कि बाईं ओर की किडनी निकाली है, जबकि संक्रमण दाईं ओर की किडनी में था। इसके बाद महिला को छुट्टी दे दी गई थी। फिलहाल महिला का जयपुर के एसएमएस अस्पताल में इलाज चल रहा है।

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