जेलर-डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई को लेकर धरना जारी:भाटी ने धरना स्थल पर गुजारी रात, बोले-प्रशासन लापरवाही पर पर्दा डाल रहा है
जेलर-डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई को लेकर धरना जारी:भाटी ने धरना स्थल पर गुजारी रात, बोले-प्रशासन लापरवाही पर पर्दा डाल रहा है

बाड़मेर : बाड़मेर जेल में कैदी की संदिग्ध हालात में मौत होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जेल के आगे दूसरे दिन भी धरना जारी रहा। शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने धरना स्थल पर पहुंचकर रात गुजारी। धरने पर बैठे लोगों की मांग है कि कैदी की मौत जेल प्रशासन की लापरवाही से हुई है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। वहीं, जेल में चिकन पॉक्स बीमारी से ग्रस्ति कैदियों को शिफ्ट कर इलाज करवाया जाए। भाटी ने कहा कि प्रशासन ने हमारी मांगों पर समय रहते नहीं सुना तो हमें मजबूरन महापड़ाव देना पड़ेगा।

दरअसल, 19 मई की रात को एएसपी जस्साराम बोस, एसडीएम समुद्रसिंह भाटी सहित थानों के जाब्ते ने जेल का निरीक्षण किया था। दो मोबाइल भी जब्त किए थे। जेल के अंदर गर्मी के हालात देखने के बावजूद उन्होंने गंभीरता नहीं दिखाई। 29 मई को बाड़मेर जिला कारागृह में मर्डर के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे एक बंदी की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। जेल प्रशासन की सूचना पर कल जिला प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों मौके पहुंचे और मामले की जानकारी जुटाई थी। साथ ही न्यायधीश ने जेल परिसर पहुंचकर न्यायिक जांच शुरू की।
इधर, परिजन व सर्व समाज के लोग मौत के मामले में जेल प्रशासन व जेल डिस्पेंसरी में कार्यरत डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए धरने पर बैठे गए। कल पुलिस-प्रशासन ने समझाइश की। लेकिन सहमति नहीं बनी। वहीं, मृतक के शव को हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में रखवाया गया है। धरने के दूसरे दिन बड़ी संख्या में लोग बैठे है।

रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि बंदी जयसिंह की तबीयत खराब थी। इसके बावजूद जेल प्रशासन ने परामर्श नहीं दिया। प्रकरण में जेलर समेत स्टॉफ व डॉक्टर की गंभीर लापरवाही हो रही है। इन्हें तत्काल निलंबित कर दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। आपने देखा हो कि लोग रुपए और नौकरी की डिमांड करते हैं। लेकिन हमारी मांग केवल इतनी है कि जिनकी वजह से यह घटना हुई है। उन दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। लेकिन प्रशासन गहरी नींद में सोया हुआ है। प्रशासन लापरवाह है। जेल में ऐसे कई बंदी है जिनको चिकन पॉक्स हुआ है। लेकिन उनके लिए किसी तरह की माकूल व्यवस्था नहीं की गई है। उनको शिफ्ट नहीं किया गया। समय रहते उन चिकन पॉक्स मरीजों को हॉस्पिटल में शिफ्ट किया जाए। प्रशासन ने खुद की गलतियों पर पर्दा डालकर परिवार के साथ कई ना कई कुठाराघात किया जा रहा है। प्रशासन समय रहते कार्रवाई नहीं करता है तो मजबूरन महापड़ाव करना पड़ेगा।

जेलर व डॉक्टर को निलंबित करने की मांग
मौत के परिजन व समाज के लोग बड़ी संख्या में जिला कारागृह के बाहर टेंट लगाकर धरना दे रहे हैं। परिजनों का आरोप है कि बंदी को समय पर उपचार नहीं मिला था। इसकी वजह से मौत हो गई। मामले में लापरवाह जेलर राजेश डूकिया और डॉक्टर ओपी डूडी को निलंबित किया जाए। साथ ही इनके खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कर निष्पक्ष जांच करें। समाज के लोगों का कहना है कि जब त हमारी मांग पर सकारात्मक वार्ता नहीं होगी। तब तक धरना जारी रहेगा। मृतक के शव को पोस्टमार्टम नहीं करवाया जाएगा। धरना स्थल पर शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी, रिड़मलसिंह दांता, किशोर सिंह कानोड़, गणपत सिंह ताणू, वकील ईश्वर सिंह बलाई, उपसभापति सुरतानसिंह, वकील खुमाण सिंह सोढ़ा, सरपंच हिंदूसिंह तामलोर, भगवानसिंह लाबराऊ, लोकेंद्र सिंह गोरड़िया समेत कई जने मौजूद रहे।

10 दिन पहले एएसपी और एसडीएम ने किया था जेल का निरीक्षण अब मौत के बाद जागे जिम्मेदार, भेजी टीम
बाड़मेर जिला कारागृह का 19 मई की रात को बाड़मेर एएसपी जस्साराम बोस, एसडीएम समुद्र सिंह भाटी और थानों की पुलिस ने जेल का निरीक्षण किया था। इस दौरान बंदियों के पास से दो मोबाइल जब्त किए थे। हॉस्पिटल व्यवस्थाएं मिलने के बाद गंभीरता नहीं दिखाई। भीषण गर्मी होने के बावजूद कोई सुध नहीं ली। अब 10 दिन बाद बंदी जयसिंह की मौत के बाद जिला प्रशासन व जेल प्रशासन हरकत में आया है। भीषण गर्मी में भी सुध नहीं ली गई। इतना ही नहीं जेल के बैरकों की क्षमता 158 है। जबकि जेल में बंदियों की संख्या वर्तमान में 246 है। 45 से 48 डिग्री तापमान में बंदियों की स्थिति बेहाल है। मौत के बाद प्रशासन जागा और पांच डॉक्टरों की एक टीम बनाकर जेल भेजी है। जो सभी बंदियों की जांच करेगी।
यह था मामला
पुलिस के अनुसार चौहटन थाने में दर्ज मर्डर के मामले में बंदी जयसिंह (34) पुत्र कमलसिंह निवासी डूंगरपुरा सणाऊ न्यायिक अभिरक्षा में था। जेल में एक वीक पहले चिकन पॉक्स होने पर बीमार हो गया। अंदेशा है कि समय पर उपचार नहीं मिलने व भीषण गर्मी के चलते बंदी की तबीयत बिगड़ गई। बुधवार सुबह तबीयत बिगड़ने के बाद उसकी जेल परिसर में मौत हो गई। इसके बाद जिला कलेक्टर निशांत जैन, एसपी नरेंद्र सिंह मीना समेत अधिकारी मौके पर पहुंचे। जेल में हुई बंदी की मौत को लेकर न्यायिक मजिस्ट्रेट राधिका सिंह चारण ने न्यायिक जांच शुरू कर दी है।