सस्पेंड होने पर डॉक्टर धनखड़ ने खोला था हॉस्पिटल:लापरवाही से इलाज पर मरीज की हो गई थी मौत; अब खराब की जगह सही किडनी निकाली
सस्पेंड होने पर डॉक्टर धनखड़ ने खोला था हॉस्पिटल:लापरवाही से इलाज पर मरीज की हो गई थी मौत; अब खराब की जगह सही किडनी निकाली

झुंझुनूं : झुंझुनूं में एक महिला की खराब किडनी की जगह सही निकालने वाला डॉक्टर संजय धनखड़ पर पहले भी इलाज में लापरवाही के आरोप लग चुके हैं। डॉ धनखड़ पहले राजकीय बीडीके अस्पताल में सर्जन थे। साल 2017 में इलाज में लापरवाही से एक मरीज की मौत के बाद सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद सरकारी नौकरी छोड़कर धनखड़ ने खुद का हॉस्पिटल खोल लिया था।
चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने मामले में एक्शन लेते हुए अस्पताल के रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया। अस्पताल को विभिन्न सरकारी योजनाओं की लिस्ट से हटा दिया है।
मामला सामने आने के बाद आज जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल और CMHO राजकुमार डांगी के साथ 5 सदस्य की जांच कमेटी धनखड़ अस्पताल पहुंचीं। जिला कलेक्टर ने कहा- टीम गठित की गई है, जो जांच कर रही है। इस केस और बाकी पेशेंट के रिकॉर्ड को सीज किया है।
जांच की जा रही है कि क्या यह मेडिकल लापरवाही का केस है या कुछ और। फिलहाल इस हॉस्पिटल को सीज कर दिया। यहां के सभी 4 मरीजों को बीडीके हॉस्पिटल में शिफ्ट करवा दिया गया है। कार्रवाई की सूचना पर हॉस्पिटल संचालक मौके से निकल गया।

नगरपरिषद टीम ने हॉस्पिटल का निरीक्षण किया, फायर एनओसी भी नहीं मिली
कलेक्टर और सीएमचओ के बाद झुंझुनूं नगरपरिषद की टीम ने धनखड़ हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। फायर संबंधी उपकरण और एनओसी की जांच की। आयुक्त अनीता खींचड़ ने बताया कि जांच में अस्पताल में फायर सेफ्टी के पर्याप्त उपकरण नहीं मिले, न ही निर्धारित मापदंडों की पालना की गई है। हॉस्पिटल की ओर से फायर एनओसी भी नहीं ली गई है।
उन्होंने बताया कि यह मकान हाउसिंग बोर्ड की ओर से आवंटित किया गया है। हाउसिंग बोर्ड के एक्सईएन को मौके पर बुलाया गया है। यह आवासीय कॉलोनी है। आवासीय कॉलोनी में अस्पताल संचालन गलत है। इसलिए हाउसिंग बोर्ड से इस बिल्डिंग की निर्धारित ड्राइंग मांगी गई है। जिसके बाद कार्रवाई नगर परिषद की ओर से की जाएगी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम भी अस्पताल पहुंची।

आरोपी डॉक्टर ने कहा- मैंने सही इलाज किया
इस मामले में मंगलवार को कार्रवाई से पहले धनखड़ हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर संजय धनखड़ ने कहा- आरोप बेबुनियाद हैं। इस विषय में मैं कुछ नहीं कह सकता।

क्या है मामला
झुंझुनूं के नुआं गांव (तहसील मंडावा) की रहने वाली ईद बानो (54 साल) की धनखड़ अस्पताल में डॉक्टर ने ऑपरेशन के दौरान संक्रमित किडनी की जगह सही किडनी निकाल दी थी। मरीज की हालत गंभीर है। अभी डायलिसिस भी किए जाने की स्थिति नहीं है।
मरीज ईद बानो को पेट में तेज दर्द की शिकायत थी। परिजन कुछ दिन पहले धनकड़ अस्पताल लाए थे। डॉ. संजय धनकड़ ने कहा कि स्टोन का बार-बार दर्द होगा, इसलिए किडनी निकाल देते हैं। यदि यह नहीं निकाली तो किडनी खराब हो जाएगी और जिंदगी भर दर्द होता रहेगा।
डॉक्टर ने 15 मई को सर्जरी कर दी। 17 मई को ईद बानो के यूरिन में मवाद आने लगा और दर्द बढ़ गया। परिजनों ने डॉक्टर से पूछा तो उसने जयपुर जाने को कहा और चेताया कि एसएमएस में सर्जरी के लिए कुछ मत बताना। परिजन 21 मई को पेशेंट को जयपुर लाए और भर्ती कराया। यहां जांच में पता चला कि बाईं ओर की किडनी निकाली है, जबकि संक्रमण दाईं किडनी में था।
