Ram Rahim: राम रहीम के रणजीत हत्याकांड में बरी होने से पंजाब चुनावों पर क्या पड़ेगा असर? कयासबाजी शुरू
गुरमीत राम रहीम सिंह डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख है और हरियाणा, इससे सटे पंजाब और चंडीगढ़ के कई इलाकों में उसके मानने वाले भक्तों की संख्या काफी ज्यादा है।
पंजाब-हरियाणा : पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को रणजीत सिंह हत्याकांड में बरी कर दिया है। 22 साल पहले हुए इस हत्याकांड में सुनवाई करते हुए सीबीआई की अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। अदालत के इस फैसले के बाद भी गुरमीत राम रहीम सिंह अभी भी जेल में ही रहेगा, क्योंकि वह अपनी ही दो शिष्याओं से यौन शोषण करने और एक पत्रकार की हत्या के आरोप में अभी भी रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। लेकिन अदालत के इस फैसले के आने के बाद से ही इस बात पर कयासबाजी शुरू हो गई है कि अदालत के इस निर्णय का पंजाब में होने वाले मतदान पर क्या असर पड़ सकता है? पंजाब और चंडीगढ़ में एक जून को लोकसभा चुनाव 2024 के लिए वोट डाले जाएंगे।
दरअसल, गुरमीत राम रहीम सिंह डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख है और हरियाणा, इससे सटे पंजाब और चंडीगढ़ के कई इलाकों में उसके मानने वाले भक्तों की संख्या काफी ज्यादा है। जनता के एक वर्ग पर उसका जादू किस कदर चढ़कर बोलता है, इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि उस पर दो हत्याओं और अपनी ही दो शिष्याओं से बलात्कार करने का आरोप होने के बाद भी लोग अभी भी उसके प्रशंसक हैं। लोगों का एक वर्ग उसे आज भी गुरु और भगवान की नजर से देखता है और आज भी उसके आदेश उनके लिए सबसे ऊपर होते हैं।
गुरमीत राम रहीम सिंह की इसी ताकत का असर है कि हरियाणा और पंजाब में चुनावों के समय कई राजनीतिक दल के बड़े-बड़े नेता उसका आशीर्वाद लेने के लिए उसके सिरसा दरबार में पहुंचते रहे हैं। उसे जिस तरह बेतरतीब तरीके से समय-समय पर विशेष जमानत (पैरोल) मिलती रही हैं, उसे भी उसकी राजनीतिक पहुंच का ही परिणाम माना जाता रहा है। लोगों का कहना है कि चुनाव के समय उसे विशेष तौर पर बाहर लाकर उसका राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की जाती रही है।
राम रहीम सिंह लंबे समय से जेल में है, लेकिन उसे बार-बार पैरोल (जमानत) मिलने को लेकर हरियाणा की तत्कालीन मनोहरलाल खट्टर सरकार विपक्ष के निशाने पर रही है। जेल में कथित तौर पर उसे विशेष सुविधाएं दिए जाने के आरोप भी लगातार सामने आते रहे हैं। राम रहीम को विशेष जमानत दिए जाने के मामले में कांग्रेस भाजपा पर हमलावर रही है। उच्च अदालत ने भी राम रहीम सिंह को बार-बार जमानत दिए जाने पर आपत्ति जताई थी और सरकार से इस मामले में सफाई मांगी थी।
यही कारण है कि गुरमीत राम रहीम सिंह को एक हत्याकांड में बरी किए जाने के बाद इसके सियासी मायने तलाशे जाने लगे हैं। अदालत का फैसला होने के कारण राजनीतिक दल इस पर टिप्पणी करने से बच रहे हैं, उन्हें इसके राजनीतिक नफा-नुकसान की भी चिंता है, लेकिन इसके असर को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। दूसरे मामलों में जेल में बंद होने के कारण वह अभी भी जेल से बाहर नहीं आएगा, लेकिन उसके बरी किए जाने की खबर ही कड़े मुकाबले वाले लोकसभा चुनाव में सियासी तड़का लगाने के लिए काफी मानी जा रही है।