पचेरी बड़ी में नोबेल साइंस एकेडमी का हुआ शुभारंभ
पचेरी बड़ी में नोबेल साइंस एकेडमी का हुआ शुभारंभ

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : अनिल शर्मा
पचेरी बड़ी : नोबेल शिक्षण संस्थान द्वारा मेडिकल इंजीनियरिंग की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए फाउंडेशन बेस एजुकेशन की तैयारी के लिए इस वर्ष से कक्षा 6 से 12 तक विद्यार्थियों को साइंस की पढ़ाई हेतु नोबेल साइंस एकेडमी की स्थापना पचेरी बड़ी में कि गई है। साइंस एकेडमी का उद्घाटन रविवार 26 मई को संस्थान की चेयरपर्सन संतोष नेहरा ने फीता काटकर शुभारंभ किया इस अवसर पर संतोष नेहरा ने अपने पुत्र संदीप नेहरा और पुत्रवधू सुमन नेहरा को आशीर्वाद देते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में वह बड़ी उन्नति करें तथा इस एकेडमी के माध्यम से वो सभी छात्र-छात्राओं को संस्कारवान शिक्षा प्रदान करें।
संतोष नेहरा ने अपने बेटे संदीप नेहरा से कहा कि आप अपने पिता स्व एस एस नेहरा का नाम रोशन करते हुए संस्थान में पढ़ने वाले बच्चों को अच्छी तालीम देकर उन्हें रोटी खाने वाला नौजवान न बनाए। उन्हें रोटी कमाने वाला इंसान तैयार करें ताकि देश की उन्नति और तरक्की हो सके । वर्तमान में देश को अच्छे और सच्चे संस्कारवहां लोगों की आवश्यकता है भौतिकवाद की इस भाग दौड़ की जिंदगी में एक या दो बच्चों को लेकर लोग अपनों तक सीमित रह गए हैं दूसरों की भलाई के लिए संवेदनशील व्यक्तित्व की आवश्यकता है उन्होंने शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार देने पर बल दिया।
अपनी ममता मई मां का आशीर्वाद लेकर नोबेल शिक्षण समूह के निदेशक संदीप नेहरा ने कहा कि मैं अपनी माता जी के बताए हुए आदर्शों पर चलकर उनका पालन करूंगा तथा मैं चाहता हूं कि मेरी शिक्षण संस्थान में आने वाला हर बच्चा भी अच्छी शिक्षा ग्रहण करें अच्छे आदर्श प्राप्त कर यहां से जाए। शिक्षा के क्षेत्र में उनके हर संभव सकारात्मक प्रयास रहेंगे, क्षेत्र के युवाओं को बेहतरीन व उच्च क्वालिटी की अच्छी तामिल देने के लिए वो सदेव तत्पर रहेंगे। उनके प्रयास रहेंगे कि अच्छी तमिल देने के लिए अच्छा स्टाफ रखें तथा समय-समय पर उनकी जांच करें।
संदीप नेहरा ने यह भी कहा कि उनके यहां विद्यार्थी स्कूल की पढ़ाई अच्छे ढंग से करने के बाद उच्च पढ़ाई के लिए बड़े शहरों में जब जाते हैं लेकिन वहा की चका चौंध की दुनिया में व्यवस्थाओं के उलझन में वह पीछे रह जाते हैं क्योंकि यह क्षेत्र ग्रामीण क्षेत्र है यहां पर हर अभिभावक के पास पैसों का अभाव होता है क्योंकि वह गरीबी में जीवन जी कर अपने बच्चों को पाल-पोस्कर बड़ा करते हैं तथा अच्छी शिक्षा वह दिलाना तो चाहते हैं लेकिन पैसों के अभाव में वह उनको नहीं दिला पाते हैं इसी के लिए मैंने इस क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर पचेरी बड़ी में साइंस एकेडमी की स्थापना कर फाउंडेशन की शिक्षा चालू की है तथा मैंने नाम मात्र की फीस रखी है मैं चाहता हूं यहां पर हर गरीब का बच्चा उच्च क्वालिटी की शिक्षा प्राप्त कर IIT , नीट जैसी संस्थाओं में अपना स्थान बना सके । तथा कोटा जयपुर सीकर में खर्च होने वाले पैसे को बचाकर परिवार की तरक्की के लिए काम में लेवे। और कम फीस में कोटा सीकर जयपुर से बेहतरीन परीक्षा परिणाम देकर नोबेल साइंस अकादमी के जरिए आईआईटी नीट फाऊंडेशन की तैयारी करके मेडिकल और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में दाखिला दिलवाने उनकी प्राथमिकता रहेगी संदीप नेहरा ने कहा कि कोटा जयपुर सीकर का औसतन परीक्षा परिणाम 0.3% रहता है जिसे बढ़ा चढ़ा कर प्रस्तुत किया जाता है उनका प्रयास रहेगा कि प्रथम बैच में एक कक्षा में 30 विद्यार्थियों को दाखिला देखकर 30% सफलता का परिणाम देना उनका लक्ष्य है। वो चाहते है कि आने वाले समय में हर अभिभावक को विश्वास होगा के साइंस एकेडमी पचेरी बड़ी में सर्वोत्तम शिक्षा दी जाती है तथा कोटा सीकर व जयपुर से अधिक विद्यार्थियों का यहां पर चयन हुआ है।
इस अकादमी में योग्य व अनुभवी स्टाफ को लगाया गया है शानदार हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है यह बहुत ही सुंदर भवन में स्थापित की गई है यहां पर अपने घर जैसा वातावरण देने का प्रयास किया गया है। उद्घाटन के अवसर पर संस्था की अकादमिक डायरेक्टर सुमन नेहरा संस्था के डिप्टी डायरेक्टर अशोक शर्मा प्रिंसिपल कृष्ण कुमार यादव सहित सभी स्टाफ सदस्य मौजूद थे