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पेड़-पौधे लगाने के लिए पत्नी के गहने गिरवी रखे:5 साल से सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने पैरों में नहीं पहनी चप्पल, देश-विदेश से पार्क देखने आते हैं सैलानी


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पेड़-पौधे लगाने के लिए पत्नी के गहने गिरवी रखे:5 साल से सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने पैरों में नहीं पहनी चप्पल, देश-विदेश से पार्क देखने आते हैं सैलानी

पेड़-पौधे लगाने के लिए पत्नी के गहने गिरवी रखे:5 साल से सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने पैरों में नहीं पहनी चप्पल, देश-विदेश से पार्क देखने आते हैं सैलानी

सीकर : सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ इलाके के रहने वाले पर्यावरण प्रेमी व सॉफ्टवेयर इंजीनियर अजीत सिंह अब तक पांच जिलों में 60 हजार से अधिक पेड़-पौधे लगा चुके हैं। इन पौधों का पूरा खर्चा वे खुद ही वहन करते हैं। जिसके लिए अजीत सिंह ने अपनी पत्नी के गहने भी गिरवी रख दिए।

पर्यावरण को बचाने के संकल्प को साकार करने के लिए अजीत सिंह ने पैरों में पिछले 5 वर्षों से चप्पल भी नहीं पहनी और नंगे पैर ही पेड़-पौधे लगा रहे हैं। अजीत सिंह ने अपने गांव छिंछास में 3 बड़े और तीन छोटे ऑक्सीजन पार्क भी बनाए हैं। जिसमें उन्होंने हजारों पौधे लगाए हैं।ऑक्सीजन पार्क को देखने के लिए देश-विदेश के पर्यावरण प्रेमी भी आते रहते है।

अजीत सिंह ने बताया कि 2019 में उन्होनें शेखावाटी क्षेत्र में लगातार हरियाली कम होने की खबर पढ़ी थी।जिसके बाद उन्होंने 51 हजार पौधे लगाने का संकल्प लिया और इस संकल्प को याद करने के लिए चप्पल नहीं पहनने का प्रण लिया। जिसके बाद उन्होंने लगातार पांच साल तक जयपुर, चुरू, झुन्झनू और सीकर सहित राजस्थान के कई जिलों में 60 हजार से अधिक पेड़-पौधे लगाए। अजीत सिंह ने 51 हजार पेड़-पौधे लगाने के बाद अब चप्पल पहन ली है।

पर्यावरण प्रेमी अजीत सिंह को पर्यावरण से जुड़े कार्य करने और लोगों को जागरूक करने के लिए जिला स्तरीय सम्मान भी मिल चुका है। सीकर जिला कलक्टर ने उन्हें पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रशस्ति पत्र भी भेंट किया है। इसके अलावा उन्हें ‘धरती जतन पुरस्कार 2023’ से भी नवाजा जा चुका है। वही लक्ष्मणगढ़ उपखंड क्षेत्र में भी उनके काम की सराहना करते अनेक बार सम्मानित किया गया है।

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