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विद्यार्थियों ने किया जल संसाधन सूचना केंद्र का भ्रमण और जानी जल प्रबंधन की तकनीकियाँ


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विद्यार्थियों ने किया जल संसाधन सूचना केंद्र का भ्रमण और जानी जल प्रबंधन की तकनीकियाँ

विद्यार्थियों ने किया जल संसाधन सूचना केंद्र का भ्रमण और जानी जल प्रबंधन की तकनीकियाँ

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका

झुंझुनूं : रामकृष्ण जयदयाल डालमिया सेवा संस्थान द्वारा झुंझुनूं जिले के विभिन्न गांवों में वर्षाजल संरक्षण, कृषि एंव पर्यावरण संरक्षण संबंधी कार्यो के बारे में विस्तार से जानने के लिए एमआरएस स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा गुरूवार को संस्थान में बने वाटर रिसोर्स इन्फोरमेशन सेंटर का भ्रमण किया गया। सेंटर के माध्यम से कृषि एंव पानी के क्षेत्र में किए जा रहे विभिन्न कार्यो को विस्तार से समझा। इस अवसर पर परियोजना प्रबंधक भूपेन्द्र पालीवाल, संस्थान के जल संसाधन एंव ग्रामीण विकास समन्वयक संजय शर्मा, कृषि एंव वानिकी समन्वयक शुबेन्द्र भट्ट, आईटी ऑफिसर मोनिका स्वामी एंव एमआरएस स्कूल, चिड़ावा के प्रधानाचार्य अनिल दाधीच एंव अन्य अध्यापक सहित 50 विद्यार्थी मौजूद थे।

कार्यक्रम के दौरान संस्थान के परियोजना प्रबंधक भूपेन्द्र पालीवाल ने सभी विद्यार्थियों को संस्थान की स्थापना से लेकर अब तक के कार्यों, गतिविधियों एंव संस्थान के उद्देश्यों का संक्षिप्त में विवरण दिया। बच्चों से पानी एंव पर्यावरण को लेकर प्रशन पूछे गये इस दौरान उन्होने भविष्य को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा पानी बचाने, पर्यावरण सुरक्षा के लिए पौधारोपण करने, प्लास्टिक का उपयोग जितना हो सके कम से कम करने एंव समाज को प्लास्टिक मुक्त बनाने एवं नशा मुक्त समाज आदि मुद्दो पर बात की।

इस अवसर पर संस्थान के जल समन्वयक संजय शर्मा द्वारा छात्र-छात्राओं को परियोजना क्षेत्र के गांवों में संस्था द्वारा जल संरक्षण के क्षेत्र में पुनर्भरण कूप, वर्षाजल संग्रहण कुण्ड, तालाब, जल की गुणवत्ता जांचने हेतु यंत्र, भूजल स्तर मापने के यंत्र आदि को सेटंर में बने माॅडल के माध्यम से प्रयोग कर समझाया गया।

इसी प्रकार कृषि समन्वयक शुबेन्द्र भटट् द्वारा कृषि में काम में आने वाले आधुनिक यंत्रों, सिंचाई की विधियाँ व सिंचाई के साधनों, जैविक उत्पादों, अजोला युनिट, वर्मी कम्पोस्ट, उच्च गुणवत्ता की किस्म के फसल बीज इसके साथ ही कम पानी चाहने वाली फसलों के बारे में, साथ ही छात्रों को बताया कि घटते भूजल स्तर को रोकने के लिए फसल उत्पादन की जगह बगीचा लगाना ही एकमात्र समाधान है। और उनके लाभ के बारे में भी विस्तार से बताया और सेंटर में बने माॅडल के माध्यम से समझाया गया।

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