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प्लाज्मा चोरी मामला:ब्लड बैंक कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतें आईं तो जांच कमेटी बनाई, 3 दिन में देनी थी रिपोर्ट, 8 माह में भी नहीं दी


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प्लाज्मा चोरी मामला:ब्लड बैंक कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतें आईं तो जांच कमेटी बनाई, 3 दिन में देनी थी रिपोर्ट, 8 माह में भी नहीं दी

प्लाज्मा चोरी मामला:ब्लड बैंक कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतें आईं तो जांच कमेटी बनाई, 3 दिन में देनी थी रिपोर्ट, 8 माह में भी नहीं दी

जयपुर : जेके लोन अस्पताल में प्लाज्मा चोरी के मामले में सरकार की ओर से एक कोर्मचारी को एपीओ कर मामले की इतिश्री कर ली। हकीकत यह है कि अस्पताल प्रशासन ने कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ की गई शिकायतों के बाद भी जांच तक नहीं की गई। कई बार शिकायतों के बाद अस्पताल प्रशासन ने जांच कमेटी तो गठित की, लेकिन उसकी रिपोर्ट आठ महीने में भी नहीं बन सकी।

इसकी सही से जांच होती तो संभव था कि प्लाज्मा चोरी जैसे मामले पहले ही पकड़े जाते या होते ही नहीं। इनमें ब्लड बैंक इंचार्ज, सेंट्रल लैब इंचार्ज, लेखा-शाखा स्टाफ के खिलाफ शिकायतें की गई थीं। मामलों में अस्पताल अधीक्षक ने कभी कार्रवाई ही नहीं की।

अस्पताल प्रशासन को एक वर्ष पहले ही 9 जून 2023 को शिकायत की गई कि अस्पताल में नियमों के विरुद्ध लैब टेक्नीशियन (संविदा पर) लगाए गए हैं। ऐसे में अस्पताल और लैब में गड़बड़ियों की आशंका है। इसके बाद न तो कभी इन लैब टेक्नीशियन को और ना ही इन्हें लगाने वालों से पूछताछ की गई। यहां तक कि इन लैब टेक्नीशियन के दस्तावेजों की जांच भी नहीं की गई और लगातार भुगतान किया जाता रहा।

इसके बाद फिर से हुई शिकायत के बाद अधीक्षक ने 14 सितम्बर 2023 को एक जांच कमेटी बना दी। इसमें डॉ. महेश बैरवा, डॉ. सुनीता मीणा और शिवपाल (लेखा-शाखा अधिकारी) को शामिल किया गया। इन्हें निर्देशित किया गया कि तीन दिन में इसकी रिपोर्ट बनाकर दें, लेकिन सात महीने बाद तक भी इसकी रिपोर्ट नहीं बनाई गई और ना ही अस्पताल प्रशासन को सौंपी गई। यहां तक कि डॉ. महेश बैरवा और डॉ. सुनीता मीणा का तो दूसरे अस्पतालों में ट्रांसफर तक हो गया।

“मैं अभी शादी में आया हुआ हूं, आने के बाद ही पूरे मामले को बता पाऊंगा। “
– डॉ. कैलाश मीणा, अधीक्षक, जेके लोन अस्पताल।

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