मां ने मजदूरी करके बच्चों को खिलाड़ी बनाया:100 से ज्यादा मेडल जीतने के बाद अब माउंट एवरेस्ट फतह करने की तैयारी में…
मां ने मजदूरी करके बच्चों को खिलाड़ी बनाया:100 से ज्यादा मेडल जीतने के बाद अब माउंट एवरेस्ट फतह करने की तैयारी में...

सीकर : सीकर की रहने वाली 45 साल की नान्छी देवी, जो आज भी मजदूरी का काम करती है। लेकिन इन दिनों उनके तीन बच्चे सरिता, रजनी और साबरमल उत्तराखंड के पहाड़ों में कमांडो रगड़ा कोर्स कर रहे हैं। यह कोर्स पूरा होने के बाद आर्थिक मदद मिलने पर तीनों माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई कर सकते हैं। तीनों ही भाई-बहन राज्य और नेशनल लेवल पर कई गेम्स खेल चुके हैं।

कोच महेश नेहरा बताते हैं कि मूल रूप से नीमकाथाना की रहने वाली नान्छी देवी की 18 साल की उम्र में शादी हो गई थी। इनके पति और नान्छी दोनों ही मजदूरी करते थे। तीनों बच्चों को ही हमेशा से खेलने का शौक रहा। शुरुआत में यह डेरे में रहते थे। मजदूरी करके बच्चों को पढ़ाया। तीनों भाई बहन सड़कों पर दौड़ लगाते और सीकर के नजदीकी हर्ष पर्वत पर चढ़ाई करने भी जाते।
2011 में मुलाकात महेश नेहरा के साथ हुई। महेश नेहरा ने सरिता, रजनी और साबरमल को तैयार किया। इसके बाद दौड़, फुटबॉल और बॉलिंग में तीनों ने करीब 100 से ज्यादा मेडल पिछले सात-आठ सालों में हासिल किए। अब बच्चे बड़ी जीत की तैयारी करने में लगे हुए हैं।