डॉ. जुल्फिकार ने विवेकानंद इंटरनेशनल रिसर्च को गीनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में किया प्रस्तुत
डॉ. जुल्फिकार ने विवेकानंद इंटरनेशनल रिसर्च को गीनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में किया प्रस्तुत

भीमसर (झुंझुनूं) : स्वामी विवेकानंद के जीवन को न केवल समझना चाहिए, बल्कि दूसरों को समझाना भी जरूरी है। यह बात है झुंझुनूं के भीमसर में रहने वाले अल्पसंख्यक युवक डॉ. जुल्फिकार की। उनके बारे में एक चौकाने वाली जानकारी बांग्लादेश (ढाका) रामकृष्ण मठ ने उन्हें पत्र लिखकर बताया है कि वे पहले भारतीय मुस्लिम हैं जो ना के युवा है, बल्कि प्रोफेसर भी है और रामकृष्ण मठ में आकर उन्होंने संतों के बीच समय बिताकर स्वामीजी को गहराई से जानने की कोशिश की। उन्होंने एक महीने तक बांग्लादेश (ढाका) रामकृष्ण मठ में रहकर “स्वामी विवेकानंद चिंतन से प्रेरित रामकृष्ण मिशन बांग्लादेश (ढाका)” रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम किया। इस प्रोजेक्ट के दौरान उन्हें मठ में जो खास बात देखने को मिली, वह यह थी कि रामकृष्ण मठ में संचालित विधालय की प्रार्थना सभा में ना केवल कुरान की आयतें, बल्कि गीता के श्लोक भी पढ़े जाते है ।

यह इंटरनेशनल रिसर्च प्रोजेक्ट 6 अध्यायों में विभक्त किया गया है। इस प्रोजेक्ट में रामकृष्ण मिशन के उद्देश्यों का व्यावहारिक एवं सैद्धान्तिक आंकलन एवं उसकी गतिविधियों की विवेचना, समाज परिवर्तन की दिशा में मिशन के कार्य, बांग्लादेश (ढाका) रामकृष्ण मिशन के कार्यक्षेत्र में आने वाली बाधाओं व वैकल्पिक सुझावों, अध्ययन से प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर धर्म समाज व्यवस्था का नवरुपेण दिशा संकेत व रामकृष्ण मिशन की वर्तमान प्रासंगिकता को क्रमबद्ध रुप से गीनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में प्रस्तुत किया गया है।
बांग्लादेश में सर्वाधिक मठ :
विश्व में बांग्लादेश ही एक ऐसा मुस्लिम देश है, जहां सर्वाधिक 15 रामकृष्ण मठ एवं रामकृष्ण मिशन संस्थाएं कार्यरत हैं। देश के बागेरहाट, बालियाटी, बरीसाल,चटगांव, कोमिल्ला, राजधानी ढाका, दिनाजपुर,फरीदपुर, हबीबगंज, जैसोर, मेंमनसिंह, नारायणगंज, रंगपुर, नाजपुर व सिलहट में रामकृष्ण मठ है। यहां हजारों युवा विवेकानंद की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
किस देश में कितनी संस्थाएं :
युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद केवल भारत में ही नहीं बल्कि सात समंदर पार विदेशों में भी पूजे जा रहे हैं। उनके विचारों को विश्व के बड़े देशों में फैलाया जा रहा है। वहां भी उनके अनुयायी बने हुए हैं। खास बात यह है कि जिस सक्रियता से भारत में रामकृष्ण मठ एवं मिशन संस्थाएं कार्य कर रहीं हैं उसी सक्रियता से विदेशों में कार्य कर रही हैं। स्वामी विवेकानंद पर पीएचडी करने वाले डॉ. जुल्फिकार के अनुसार वर्तमान समय में विश्व में कुल 205 रामकृष्ण मठ एवं रामकृष्ण मिशन संस्थाएं कार्यरत हैं। भारत में 155 व विदेशों में 50 संस्थाएं कार्यरत हैं।
देश संस्थाएं देश संस्थाएं
- भारत – 155 बांग्लादेश – 15
- अमेरिका – 14 रुस – 03
- कनाडा – 01 आस्ट्रेलिया – 01
- इंग्लैंड – 01 अर्जटिना – 01
- ब्राजील – 01 फिजी – 01
- फ्रांस – 01 जर्मनी – 01
- जापान – 01 मलेशिया – 01
- मारिशस – 01 नेपाल – 01
- नीदरलैंड – 01 सिंगापुर – 01
- दक्षिण अफ्रीका – 01 श्रीलंका – 01
- स्विट्जरलैंड – 01 जांबिया – 01