Lok Sabha Elections 2024 : महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए वोट मांगने को लेकर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने माफी मांगी है। पूर्व सीएम ठाकरे ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार ने महाराष्ट्र के साथ धोखा किया है। इसलिए वह पहले के चुनावों में मोदी के लिए वोट मांगने को लेकर जनता से माफी मांगते हैं।
महाराष्ट्र के हातकणंगले निर्वाचन क्षेत्र से शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार सत्यजीत पाटिल के समर्थन में पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के इचलकरंजी में एक रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा, जब कोई भी दल बीजेपी से हाथ मिलाने को तैयार नहीं था, तब शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया। लेकिन फिर भी बीजेपी ने एक ऐसे व्यक्ति की सरकार को गिरा दिया, जिसके परिवार ने उसे सब कुछ दिया।
अपने संबोधन में उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘‘मैं (अतीत में) मोदी के लिए वोट मांगने को लेकर माफी मांगता हूं क्योंकि उनकी सरकार ने महाराष्ट्र को धोखा दिया है।’ उद्धव गुट के नेता सत्यजीत पाटिल महाविकास आघाडी (एमवीए) की तरफ से हातकणंगले के रण में उतरे है।
2022 में अपनी सरकार के गिरने की परिस्थितियों का जिक्र करते हुए उद्धव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक असली शिवसेना किसकी है, इस पर अपना फैसला नहीं सुनाया है। अभी चुनाव आयोग और मध्यस्थ (महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर) ने अपना फैसला सुनाया, जो बीजेपी (स्पीकर) के है।
मालूम हो कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के अधिकांश विधायकों के जून 2022 में बगावत का बिगुल फूंका और भगवा पार्टी दो धड़ों में बंट गई। इसके चलते उद्धव ठाकरे नीत तत्कालीन एमवीए सरकार गिर गई थी। इसके बाद एकनाथ शिंदे बीजेपी के समर्थन से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। उद्धव का आरोप है कि बीजेपी ने ही शिवसेना को तोड़ा है।
2019 में आया सियासी भूकंप
2019 के विधानसभा परिणाम के बाद महाराष्ट्र की सियासत में बड़ी उथल-पुथल मची। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा था। फिर अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस के साथ 72 घंटे की सरकार बनायीं। इस दौरान महाविकास आघाडी (एमवीए) का गठन हुआ। इस गठबंधन में कांग्रेस, एनसीपी (अविभाजित) और शिवसेना (अविभाजित) थी। फडणवीस और अजित पवार की सरकार के गिरने के बाद एमवीए ने सरकार बनायीं और उद्धव ठाकरे सीएम बने।
मालूम हो कि 2019 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बहुमत मिलने के बावजूद बीजेपी और शिवसेना गठबंधन सरकार बनाने में असफल रही। दरअसल दो दशक से ज्यादा समय तक साथ रहने वाली बीजेपी और शिवसेना में मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद हो गया। तब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन भी टूट गया। यहां तक की शिवसेना राजग (NDA) से भी बाहर हो गई। उद्धव ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और एनसीपी के साथ जाने का फैसला किया। जिसके बाद तीनों दलों ने नवंबर 2019 के आखिरी हफ्ते में एमवीए सरकार का गठन किया। लेकिन शिवसेना में फूट पड़ने के बाद जून 2022 में उद्धव की सरकार गिर गई।
इस बीच, पिछले साल चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले धड़े को असली ‘शिवसेना’ नाम और चुनाव चिह्न ‘तीर धनुष’ आवंटित किया। जबकि उद्धव गुट को नया नाम शिवसेना (यूबीटी) और निशान ‘जलती मशाल’ मिला। अभी यह मामला शीर्ष कोर्ट में लंबित है।