बच्चों के डॉक्टर का डेपूटेशन निरस्त करने की मांग:ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा, बोले-डॉक्टर के नहीं होने से मरीज हो रहे परेशान
बच्चों के डॉक्टर का डेपूटेशन निरस्त करने की मांग:ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा, बोले-डॉक्टर के नहीं होने से मरीज हो रहे परेशान

जनमानस शेखावाटी ब्यूरो चीफ : आज़ाद अहमद खान
खेतड़ी : खेतड़ी के राजकीय उप जिला अस्पताल में बच्चों का डॉक्टर नहीं होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। समस्या से परेशान होकर मंगलवार को ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन देकर उप जिला अस्पताल में लगे शिशु रोग विशेषज्ञ का डेपूटेशन निरस्त कर वापस लगाने की मांग की है।
एसडीएम सविता शर्मा को ग्रामीणों की ओर से मुख्यमंत्री के नाम दिए ज्ञापन में बताया कि राज्य सरकार ने राजकीय अजीत अस्पताल को सीएचसी से क्रमोन्नत कर उप जिला अस्पताल तो बना दिया, लेकिन डॉक्टर के पद खाली होने से ग्रामीणों को बेहतर सुविधा नहीं मिल पा रही है। अस्पताल में डॉक्टर के पद खाली होने के कारण मरीजों को इलाज के लिए दूसरी जगह जाकर इलाज करवाना पड़ रहा है, जिससे मरीजों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
खेतड़ी क्षेत्र के आसपास के तीस किलोमीटर क्षेत्र में एक मात्र बड़ा अस्पताल है। उप जिला अस्पताल में राज्य सरकार की ओर से एक बच्चों का डॉक्टर नियुक्त किया गया था, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जसविंदर चौधरी का डेपूटेशन कर यहां से शिमला में लगा दिया। बच्चों का डॉक्टर नहीं होने के कारण उप जिला अस्पताल में आने वाले लोगों को नीमकाथाना, सिंघाना, झुंझुनूं जाना पड़ रहा है। वर्तमान में मौसम के बदलाव के चलते मौसमी बीमारियां चरम पर है। उप जिला अस्पताल में वर्तमान समय में 22 डॉक्टर के पद स्वीकृत है। इस समय 12 डॉक्टर कार्यरत है और एक विशेषज्ञ डॉक्टर का डेपूटेशन कर रखा है, जिसके चलते क्षेत्र के लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। ग्रामीणों ने एसडीएम से डेपूटेशन पर नियुक्त किए गए डॉक्टर का वापस उप जिला अस्पताल में लगाने की मांग की है। इस मौके पर पार्षद राहुल सैनी, हिमांशु, दिवाकर, कपिल कुमार, मोहम्मद सदीक, इंद्रजीत सिंह, बजरंग मेहरड़ा, विजेश समेत अनेक लोग मौजूद थे।