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युद्धस्थल पर भारी मशीनरी हेलिकॉप्टर से उतारने में कामयाबी मिली:महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में विमान से मैकेनाइज्ड प्लेटफॉर्म उतारने अभ्यास सफल


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युद्धस्थल पर भारी मशीनरी हेलिकॉप्टर से उतारने में कामयाबी मिली:महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में विमान से मैकेनाइज्ड प्लेटफॉर्म उतारने अभ्यास सफल

युद्धस्थल पर भारी मशीनरी हेलिकॉप्टर से उतारने में कामयाबी मिली:महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में विमान से मैकेनाइज्ड प्लेटफॉर्म उतारने अभ्यास सफल

बीकानेर : युद्ध के समय कहीं भी और कभी भी भारी मशीनरी को हेलिकॉप्टर से युद्धस्थल पर उतारने में अब भारतीय सेना को दिक्कत नहीं होगी। सेना ने अपने प्रयासों से इसमें सफलता प्राप्त कर ली है। भारतीय सेना की एक टुकड़ी ने शुक्रवार को बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में मैकेनाइज्ड प्लेटफॉर्म (BMP) को आसानी से जमीन पर उतार लिया।

एयरफोर्स के विमान से उतरने के बाद प्लेटफॉर्म हवा में लटक गया।
एयरफोर्स के विमान से उतरने के बाद प्लेटफॉर्म हवा में लटक गया।

एयरफोर्स के सी-17 विमान से मैकेनाइज्ड प्लेटफॉर्म को जमीन पर उतारा

भारतीय सेना ने महाजन फिल्ड फायरिंग रेंज में इंडियन एयरफोर्स के सहयोग से इस अभ्यास को पूर्ण किया। एयरफोर्स के सी-17 विमान से मैकेनाइज्ड प्लेटफॉर्म को जमीन पर उतारा गया। इसे आमतौर पर एयरड्रॉप कहा जाता है।

एयर ड्रॉप सीधे जमीने पर फेंकने के बजाय बड़ी सावधानी के साथ उतारा जाता है और सहजता से युद्ध के मैदान में उपयोग ले सकते हैं। इस जटिल हवाई अभ्यास के दौरान इस भारी भरकम प्लेटफॉर्म को तीन अलग-अलग पैराशूट की तरह वी प्लेटफॉर्म से नीचे उतारा गया।

करीब 32 फीट टाइप वी प्लेटफार्म के साथ इस मैकेनाइज्ड प्लेटफॉर्म को पहले ही जोड़ दिया गया। फिर काफी ऊंचाई से पहले पैराशूट की तरह बने वी प्लेटफॉर्म को नीचे उतारा गया। कुछ ही क्षण में मैकेनाइज्ड प्लेटफॉर्म भी विमान से नीचे उतर गया।

दरअसल, इस प्लेटफॉर्म को पहले ही पैराशूट से जोड़ दिया गया था। काफी मजबूती से बंधा ये प्लेटफॉर्म कुछ ही देर में सामान्य स्थिति में आ गया, जिसे आसानी से नीचे उतार दिया गया।

इस प्लेटफॉर्म को विमान से जमीन पर आसानी से उतार लिया गया।
इस प्लेटफॉर्म को विमान से जमीन पर आसानी से उतार लिया गया।

इस अभ्यास में इंडियन एयरफोर्स की खास भूमिका रही। एयर ड्रॉप को स्वदेशी रूप से विकसित 32 फीट टाइप वी प्लेटफॉर्म से किया हुआ, जो पूरी तरह भारत में ही तैयार किया गया है। ये रक्षा में देश की आत्मनिर्भरता को भी उजागर करता है।

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