खेतड़ी नगर : केसीसी के सुभाष मार्केट स्थित जैन मंदिर में बुधवार को संत निरंकारी मंडल के सौजंय से बाबा गुरूबचनसिंह के बलिदान दिवस को मानव एकता दिवस के रूप में मनाया गया। बुहाना मुखी सूरज भान ने सत्संग के दौरान प्रवच्चन दिए। उन्होंने कहां कि बाबा गुरबचन सिंह एक श्रद्धेय संत थे, जिन्होंने जनता को मानव भाईचारे और आध्यात्मिक जागृति का उपदेश दिया। वह संत निरंकारी संप्रदाय के तीसरे गुरु थे। उनका जन्म 10 दिसंबर 1930 को पेशावर (पाकिस्तान) के पास उंदर शहर में हुआ था और वह एक बहुमुखी व्यक्तित्व के धनी थे। 24 अप्रैल, 1980 की रात को उनकी हत्या कर दी गई, जिससे पूरा निरंकारी समुदाय बहुत दुखी हुआ। तब से दुनिया भर के लोग उनकी शिक्षाओं को याद करने और मानव एकता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए मानव एकता दिवस के रूप में मनाते हैं।
कार्यक्रम संयोजक घनश्याम दास ने बताया कि बाबा गुरबचन सिंह ने निरंकारी मिशन के सदस्यों को साधन संपन्न, मददगार और कुशल बनने के लिए प्रोत्साहित किया। जो निस्वार्थ भाव से अपने समुदायों की सेवा करते हैं। बाबा गुरबचन सिंह का ध्यान न केवल आध्यात्मिक जागृति पर था, बल्कि उन्होंने सामाजिक सुधार में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने गरीबों के लिए विवाह की व्यवस्था की और फिजूलखर्ची को कम करने के लिए साधारण शादियों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने लोगों को ज्ञान और साहस के मूल्य सिखाए और मानवता के बीच एकता और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए काम किया। सत्संग में आस-पास गांव के श्रद्धांलूओं ने भाग लिया, अंत में लगर में प्रसाद ग्रहण किया। संचालन राजपाल यादव ने किया।
इस मौके पर सेवादल के क्षेत्रिय संचालक राधेश्याम जांगिड़, खेतड़ी मुखी संतोष शर्मा, रघूवीरसिंह, कृष्ण कुमार, वेदप्रकाश, धर्मपाल, प्रहलाद पटले, धूड़ाराम, प्रभुदयाल, शेरसिंह, हंशराज, राहुल, राजपाल, बजरंगलाल मीणा, अशोक, रामनिवास, लक्ष्मीकांत, भंवरी, गायत्री, प्रेमलता, अनिता, सुनिता, लता, रेखा, सुमन, संतोष, भारती, सोनिया,ममता, नीतू, मोनिका, बबीता, दीपशीखा आदि श्रद्धांलू मौजूद थे।