धूमधाम से निकली गणगौर की शाही सवारी
धूमधाम से निकली गणगौर की शाही सवारी

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका
झुंझुनूं : श्री गोपाल गौशाला के तत्वाधान में गुरुवार सायं गणगौर की सवारी धूमधाम से निकाली गई। गणगौर की सवारी सांयकाल 4 बजे श्री गोपाल गौशाला से प्रारम्भ होकर झुंझुनूं एकेडमी, लावरेश्वर एंव श्याम मन्दिर, चुणा का चौक, राणी सती रोड होते हुए अपरान्ह 5 बजे छावनी बाजार पहुंची अनिल शुक्ला के आचार्यत्व में वैद मंत्रो के साथ गणगौर माता की पूजा अर्चना सम्पन्न की गई और सेंकडो महिलाओं ने गणगौर माता की पूजा अर्चना कर अमर सुहाग की कामना की।
संयोजन में इस अवसर पर दिल्ली की टीन्नी रेखा एंड पार्टी द्वारा सजीव झांकिया एंव नृत्य नाटिका का मंचन मार्ग में जगह-जगह किया गया। कार्यक्रम में उंट, घोडा़े का लवाजमा गाजे बाजे के साथ था जिससे कार्यक्रम में चार चांद लग गये। छावनी बाजार में ठण्डे पेय की व्यवस्था जोशिया का गट्टा पर हर वर्ष की तरह मेला लगा गणमान्यजन एंव बडी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी। छावनी बाजार से बैंड बाजे के साथ गणगोर की सवारी के साथ सीओ सिटी वीरेंद्र सिहं, सीओ ग्रामीण हरि सिंह धायल, शहर कोतवाल पवन चौबे, यातायात प्रभारी फूल सिंह मीणा के सानिध्य में कोतवाली तथा ट्रैफिक के जाब्ते में पुलिस की माकूल व्यवस्था के साथ छावनी बाजार से सांयकाल गणगौर की सवारी जोशियों का गट्टा, गुदडी बाजार एंव कपडा बाजार होते हुए शंकरदास महाराज के आश्रम-समस तालाब जाकर विर्सजन की पूजा अर्चना की गयी।
विदित है कि होली के दूसरे दिन से सोलह दिनों तक लड़कियाँ नियमपूर्वक प्रतिदिन इसर-गणगौर को पूजती हैं। जिस लडक़ी की शादी हो जाती है वो शादी के प्रथम वर्ष अपने पीहर जाकर गणगौर की पूजा करती है। इसी कारण इसे सुहाग पर्व भी कहा जाता है। गणगौर की विदाई का बाद त्यौहार काफी समय तक नहीं आते इसलिए कहा गया है-तीज त्यौहारा बावड़ी ले डूबी गणगौर अर्थात् जो त्यौहार तीज (श्रावणमास) से प्रारम्भ होते हैं उन्हें गणगौर ले जाती है।