जयपुर : सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को अब अपनी जांच रिपोर्ट के लिए हॉस्पिटल या ई-मित्र सेंटर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। हॉस्पिटल प्रशासन ने अब मरीज के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर वॉट्सऐप के जरिए रिपोर्ट भेजने की प्रक्रिया शुरू की है। फिलहाल ये सुविधा उन मरीजों के लिए है, जिनका मोबाइल नंबर जन आधार कार्ड में रजिस्टर्ड है।
पिछले महीने मुख्य सचिव सुधांश पंत और मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने एसएमएस हॉस्पिटल का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने मरीजों को कम परेशानी में जल्द से जल्द इलाज मिले और मरीजों के साथ उनके परिजन को ज्यादा इधर-उधर चक्कर न लगाने पड़े, ऐसी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए थे। उस दौरान एसीएस शुभ्रा सिंह ने मरीजों की रिपोर्ट मोबाइल पर वॉट्सऐप के जरिए भेजने की सुविधा शुरू करने के लिए कहा था।
अस्पताल प्रशासन ने इस नई सुविधा को कुछ दिन पहले ट्रायल के तौर पर शुरू किया। ट्रायल बेस में मिली कुछ खामियों को दूरने करने के बाद अब इसे पूरी तरह से लागू कर दिया है। फिलहाल माइक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी और बायो केमेस्ट्री की रिपोर्ट्स को वॉट्सऐप पर भेजा जाएगा। रेडियोलॉजी विभाग से जुड़ी जांचों के लिए फिलहाल यह सुविधा नहीं है।
ये होगी प्रकिया
अस्पताल के अतिरिक्त अधीक्षक डॉ. प्रदीप शर्मा ने बताया कि मरीज जब अस्पताल में आने के बाद जन आधार कार्ड देकर ओपीडी में रजिस्ट्रेशन करवाते हैं तो उस नंबर पर मरीज को ये जांच रिपोर्ट उपलब्ध होगी।
जन आधार कार्ड में मोबाइल नंबर पर अगर मरीज या उसके परिजन ने वॉट्सऐप चालू कर रखा है तो मरीज की रिपोर्ट तैयार होने के तत्काल बाद रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आ जाएगी। यह सब कुछ हॉस्पिटल में संचालित आईएचएमएस सर्वर के जरिए होगा। इस सर्वर के माध्यम से स्वतः ही रिपोर्ट जैसे-जैसे तैयार होती जाएगी, वैसे-वैसे मरीज के मोबाइल पर वॉट्सऐप के जरिए भेज दी जाएगी।
अभी अस्पताल या ई-मित्र सेंटर जाना पड़ता है
वर्तमान में मरीजों को जांच रिपोर्ट लेने के लिए या तो हॉस्पिटल में ओपीडी के समय जाना पड़ता है या फिर ई-मित्र सेंटर पर। जिन मरीजों के पास मोबाइल में आईएचएमएस ऐप है, वह मोबाइल पर या कम्प्यूटर पर एसएमएस हॉस्पिटल की वेबसाइट पर जाकर भी रिपोर्ट डाउनलोड कर सकते हैं।
हर रोज होती है करीब 30 हजार जांचें
हॉस्पिटल प्रशासन के मुताबिक एसएमएस हॉस्पिटल में हर रोज ओपीडी में औसतन 8 से 10 हजार मरीज दिखाने आते हैं। इन मरीजों के अलावा इमरजेंसी और आईपीडी में भर्ती मरीजों समेत तमाम अन्य मरीजों की हर रोज 28 से 30 हजार जांचें होती है।