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युवाओं में उधमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिले के लोहिया कॉलेज में आयोजित हुआ झींगापालन कृषि के भविष्य और संभावनाएं पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वर्कशॉप


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चूरूटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

युवाओं में उधमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिले के लोहिया कॉलेज में आयोजित हुआ झींगापालन कृषि के भविष्य और संभावनाएं पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वर्कशॉप

युवाओं में उधमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिले के लोहिया कॉलेज में आयोजित हुआ झींगापालन कृषि के भविष्य और संभावनाएं पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वर्कशॉप

चूरू : जिला मुख्यालय स्थित राजकीय लोहिया महाविद्यालय में युवाओं में उधमिता, कौशल विकास और स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से ‘चूरू में झींगापालन जल कृषि का भविष्य और संभावनाएं‘ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया ।

  महाविद्यालय के नवाचार और कौशलविकास कमेटी और इस कार्यशाला के संयोजक प्रो शांतनु डाबी ने बताया कि कार्यशाला में युवा और भावी उधमियों को सफल झींगा पालन से जुड़ी अद्यतन वैज्ञानिक और तकनीकी जानकारी, जलीय कृषि के आर्थिक और पर्यावरणीय लाभों का अन्वेषण, स्थलीय भूमिगत खारे पानी से झींगा पालन में महारथ हासिल करने वाले विशेषज्ञों से जुड़ने का अवसर मिला है।

आंध्रप्रदेश के विजाग से पधारे मुख्य वक्ता श्री के फणीन्द्र कुमार ने झींगा पालन में चूरू जिले की परिस्थितियों में मिलने वाली चुनौतियों के समाधान के बारे में बताया। उन्होंने तकनीक के उपयोग से अधिक पैदावार के तरीके बताए साथ ही झींगा की गुणवत्ता को बनाये रखने हेतु आवश्यक मिनरल्स और सप्लीमेंट्स के बारे में अवगत कराया।

इसके बाद ख्यातनाम झींगा पालन विशेषज्ञ डॉ नितिन पिपरलिया ने झींगा पालन के लिए पोंड बनाने, पानी का pH, आयन की सांद्रता नियंत्रण, झींगा सीड्स के चयन, उनके उचित पोषण एवम उनको रोगमुक्त रखने पर जोर देते हुए किसान को अधिक से अधिक लाभ दिलवाने हेतु विस्तारपूर्वक चर्चा की। उपस्थिति युवाओं और किसानों ने   उपस्थित विशेषज्ञों से खूब सवाल पूछे ।

चूरू जिले के झींगा पालन कर रहे झींगा पालक किसान प्रवीण लांबा और सुनील कसवां ने किसानों की जमीनी स्तर से जुड़ी हुई समस्याओं एवम उनके निवारण के बारे में अपने विचार व्यक्त किया एवं विशेषज्ञों से मार्गदर्शन लिया। कार्यक्रम में कार्यशाला के स्पॉन्सर और प्रतिष्ठित फ्रांसीसी कंपनी विरबैक की और से श्री विनोद टिक्कू और  डा पुरषोत्तम पुरोहित ने अपने विचार व्यक्त किए और कंपनी के विजन के बारे में बताया ।विशाखापट्टनम से हैचरी विशेषज्ञ अशोका राजू ने सफल झींगापालन के लिए सबसे जरूरी कदम बीज (लार्वा )चयन के बारे में भी विस्तार से बताया। विरबैक कंपनी के श्री के एल डांगी  आगामी सत्र में लोहिया महाविद्यालय से कैंपस प्लेसमेंट करने की इच्छा जाहिर की । बाद में बोलते हुए प्राचार्या प्रो डा मंजू शर्मा ने विरबैक को महाविद्यालय से जुड़ने के लिए धन्यवाद दिया तथा कार्यक्रम की सफलता के लिए आयोजकों को बधाई दी ।गौरतलब है की इस कार्यशाला का आयोजन फ्रांस की प्रतिष्ठित कंपनी VIRBAC के वित्तीय सहयोग के अतिरिक्त उन्नत भारत अभियान (यूबीए), जूलॉजी विभाग के जूलॉजिकल एसोसिएशन और  लोहिया कॉलेज के इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप सेल के बैनर तले किया जा रहा है ।

वर्कशॉप में लगभग 32 विद्यार्थीयों के अलावा 22 किसान उपस्थित रहें । कार्यक्रम के अंत में प्राणी शास्त्र विभाग की प्रो मधु चौधरी ने सभी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए जीवन में नौकरी की बजाय उधमिता का दामन पकड़ने की सलाह दी ।

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