एक ही शख्स का सात दिन में दूसरी बार अंतिम संस्कार, हत्या और साजिश की यह कहानी आपको भन्नाकर रख देगी
झुंझुनूं जिले से हत्या की खौफनाक और दिल को दहला देने वाली वारदात सामने आई है. इस कहानी के मुख्य पात्र को मृत मानकर उसके अवशेषों का सात दिन पहले अंतिम संस्कार कर दिया गया था. लेकिन वह शख्स रविवार तक जिंदा था. उसकी मौत सोमवार को सुबह हुई है. पढ़ें पूरी कहानी.
जनमानस शेखावाटी संवाददाता : सुभाष चन्द्र चौबदार
झुंझुनूं : झुंझुनूं जिले के मुकुंदगढ़ थाना इलाके में हुई एक खौफनाक आपराधिक वारदात का बड़ा खुलासा हुआ है. यह खुलासा आपके दिमाग को हिला डालेगा. यह खुलासा मुकुंदगढ़ में होली की रात कार में जले मिले शव के मामले में हुआ है. इस जली हुई कार में जिस फौजी विकास भास्कर को मरा हुआ मानकर उसके अवशेषों का अंतिम संस्कार किया गया था, वह जिंदा मिल गया. लेकिन आज वास्तव में उसकी मौत हो गई. कार में जिस शव के अवशेष मिले थे माना जा रहा है उसे फौजी ने ही मारा था. लेकिन वह पुलिस से बचने के लिए भाग गया था.
पुलिस ने जब इस मामले की कड़ी से कड़ी जोड़ी तो वह भी भन्ना उठी. प्रारंभिक रूप से माना जा रहा है कि इस वारदात को किसी बड़ी आर्थिक धोखाधड़ी की योजना को अमली जामा पहनाने के लिए अंजाम दिया गया था. लेकिन यह प्लान सिरे नहीं चढ़ पाया है. संभवतया आज शाम को पुलिस अधीक्षक इस पूरे मामले का खुलासा करेंगे.
पुलिस के अनुसार इस पूरे केस का मुख्य पात्र फौजी विकास भास्कर था. वह मुकुंदगढ़ थाना इलाके के कंवरपुरा बालाजी गांव का रहने वाला था. होली की रात डूंडलोद गांव से बलरिया जाने वाले रास्ते पर बने रेलवे अंडरपास के पास एक कार में आग लग गई थी. यह कार विकास भास्कर की थी. उस आग में एक शख्स जिंदा जल गया था. उस शख्स को विकास भास्कर माना जा रहा था. बाद में पुलिस ने कार में मिले शव का डीएनए जांच के लिए सेम्पल लिया. फिर अवशेषों को उसके परिजनों को सौंप दिया गया था. परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया.
विकास की आज हुई है अस्पताल में मौत
अब सामने आया है कि कार में जिस शख्स की लाश मिली थी वह विकास नहीं था. विकास भास्कर की वास्तव में आज सुबह झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल में मौत हुई है. वह रविवार को अपने घर पहुंचा था. उसके बाद विकास के परिजनों ने पुलिस को फोन कर इस बारे में बताया. पुलिस जब वहां पहुंची उससे पहले उसने जहर खा लिया. इस पर उसे पहले स्थानीय अस्पताल ले जा गया और बाद में झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल रेफर कर दिया गया.
एसपी आज कर सकते हैं पूरा खुलासा
वहां से पुलिस ने सुबह राउंड अप किया. लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. अब उसके शव का पोस्टमार्टम करवाकर उसे परिजनों कौ सौंपा गया है. उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा. इससे पहले विकास भास्कर की मौत की सूचना पर एसपी राजर्षि राज वर्मा भी राजकीय बीडीके अस्पताल पहुंचे. वहां पर उन्होंने मोर्चरी में मृतक की लाश देखी. उन्होंने चिकित्सकों और पुलिस अधिकारियों से पूरी जानकारी हासिल की. संभावना है कि शाम तक एसपी राजर्षि राज वर्मा मामले का पूरा खुलासा करेंगे.
हत्या के बाद विकास 24 मार्च को ही दिल्ली चला गया था। चार दिन बाद 28 मार्च को उसने ममेरे भाई को कॉल कर रुपए भेजने को कहा। ममेरे भाई ने यह जानकारी पुलिस को दी। इसके बाद राज खुलता गया। सोमवार सुबह करीब छह बजे विकास बेहोशी की हालत में अपने घर पहुंचा। इसी दौारान पुलिस भी पहुंच गई। पुलिस उसे अस्पताल लेकर गई। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
विकास सात साल पहले फौज में भर्ती हुआ था। अभी श्रीनगर में पोस्टेड था। एक महीने की छुट्टी पर आया हुआ था। वह ऑनलाइन ट्रेडिंग करता था। इसके कारण उसको बड़ा घाटा हो गया था। इसे चुकाने के लिए उसने पिछले महीने खुद का डेढ़ करोड़ रुपए का दुर्घटना बीमा कराया था। इसी का क्लेम उठाने के लिए उसने साजिश रची। अपने की खेत पर काम करने वाले महेश की हत्या कर शव जला दिया।
लापता महेश मेघवाल की मौता का दावा
दरअसल तीन-चार दिन पहले विकास भास्कर के पिता के खेत गए हुए थे थे. उसी समय इस कहानी के दूसरे पात्र महेश मेघवाल नाम के शख्स के घरवाले सामने आए. महेश मेघवाल लापता है. उन्होंने दावा किया कि कार में जो जिंदा जला वो विकास भास्कर नहीं था. बल्कि महेश मेघवाल था. पुलिस को इस मामले में डीएनए रिपोर्ट का इंतजार था. लेकिन इससे पहले इस बता का खुलासा हो गया कि विकास भास्कर जिंदा है.
विकास भास्कर ने ही रची थी साजिश!
उसने ही प्लान के तहत यह इस वारदात की साजिश रची थी. माना जा रहा है कि विकास भास्कर ने खुद की गिरफ्तारी के डर से जहर खा लिया था और फिर वह परिवार से मिलने गांव आया था. लेकिन इस बीच परिजनों ने पुलिस को सूचित कर दिया और वह वहां पहुंच गई. हालांकि अभी पुलिस की पूरी जांच और पुलिस द्वारा किए जाने वाले खुलासे का सभी को इंतजार है.
अब महेश के परिजन को सौंपी अस्थियां
विकास की मौत के बाद परिजन ने सोमवार को फिर से उसका अंतिम संस्कार किया। पूर्व में 25 मार्च को किए गए अंतिम संस्कार के बाद ली गई अस्थियों को अब महेश के परिजन को सौंपा गया है।