सादुलपुर/चूरू : लगातार तीन मौत और फिर बार-बार रहस्यमयी तरीके से आग लगने के मामले में पुलिस ने मंगलवार को चौंकाने वाला खुलासा किया है। पत्नी के चरित्र पर शक के चलते मेडिकल कारोबारी ने अपने दो बच्चों और दादी की जहर देकर हत्या कर दी थी। मामले को जादू-टोने का रंग देने के लिए खुद ही सोडियम की मदद से घर में आग लगाता रहा। इसके बाद घर में तांत्रिक भी बुला लिए। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। मामला चूरू जिले के हमीरवास के गांव भेंसली का है।
एसपी जय यादव ने बताया कि भूप सिंह (33) को ट्रिपल मर्डर के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने कहा- भूपसिंह के घर में 1 फरवरी को उसकी दादी किस्तूरी (82) की उल्टी होने से मौत हो गई। घर वालों और ग्रामीणों ने इसे सामान्य मौत समझा और अंतिम संस्कार कर दिया।
13 दिन बाद 13 फरवरी को भूपसिंह के बेटे गर्वित को उल्टी हुई, परिजन उसे हॉस्पिटल लेकर गए, तब तक उसकी मौत हो गई। किसी ने अचानक हुई इस मौत पर ध्यान नहीं दिया। कम उम्र के कारण अंतिम संस्कार के तहत बच्चे का शव दफना दिया। इसके बाद 28 फरवरी को भूपसिंह के बड़े बेटे अनुराग को भी उल्टी हुई और उसकी भी मौत हो गई। परिजनों ने उसका दाह संस्कार कर दिया।
एक ही घर में लगातार अचानक तीन मौतों के बाद अब परिजनों और गांव वालों में जादू-टोने की चर्चा शुरू हो गई। इसी दौरान नाटकीय घटनाक्रम में 29 फरवरी से भूपसिंह के घर में अचानक आग लगने का सिलसिला शुरू हो गया। कभी दीवार पर टंगे कपड़ों में, कभी बिस्तर में और कभी पशुओं के चारे में आग लगने लगी।
दादी की खांसी की दवा में मिलाया जहर
एसपी ने बताया कि शातिर भूपसिंह ने सबसे पहले अपनी दादी किस्तूरी देवी को रास्ते से हटाया। उसने दादी की खांसी की दवा में 31 जनवरी को जहर मिला दिया, जिससे किस्तूरी देवी के खांसी की दवा लेने के बाद उल्टी हुई। इसके साथ ही उसकी मौत हो गई। भूपसिंह के बेटे अनुराग और गर्वित उसकी दादी के पास ज्यादा रहते थे। इसलिए उसने सबसे पहले दादी को रास्ते से हटाया। इसके बाद अनुराग को खाने-पीने की चीज में जहर दे दिया। 13 फरवरी को भूप सिंह ने अपने छोटे बेटे गर्वित को भी जहरीला पदार्थ खिला दिया, जिससे उसकी भी मौत हो गई।
सहानुभूति लेने के लिए खेला रहस्यमयी आग लगने का खेल
एसपी जय यादव ने बताया कि तीन मर्डर करने के बाद शातिर भूप सिंह ने एक खेल रचा। उसने लोगों की सहानुभूति लेने और ट्रिपल मर्डर को दबाने का प्रयास किया। उसने खुद के घर में अलग-अलग जगह खुद ही सोडियम का छिड़काव कर दिया। जो कुछ समय बाद अपने आप जलने लग जाता है। इस तरह खुद की लगाई आग को उसने रहस्यमयी बताया। जिसको गांव के लोगों ने जादू-टोना और रहस्यपूर्ण मान लिया। मामले की जांच करने पहुंची पुलिस टीम पर भी उसने गांव के लोगों के सहयोग से हमला करवा दिया।
विसरा रिपोर्ट आने के बाद बढ़ा शक
एसपी ने बताया कि पुलिस ने मामले की जांच करते हुए कोर्ट से आदेश लेकर गर्वित के दफनाए शव को बाहर निकलवाया। उसका मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम करवाया। जिसकी विसरा रिपोर्ट आने के बाद मामला साफ हो गया। विसरा रिपोर्ट में आया कि गर्वित की मौत जहर से हुई है। तब पुलिस का शक भूपसिंह की ओर बढ़ गया। पुलिस ने भूपसिंह को पूछताछ के लिए राउंड अप किया। उसने उसने अपना सारा गुनाह कबूल कर लिया।
पत्नी और दादा भी थे टारगेट पर
पूछताछ में भूप सिंह ने बताया कि उसका अगला टारगेट पत्नी मेनका (28) और दादा हरि सिंह (85) थे। दादा को मारने के लिए उसने दूध में जहर मिला दिया था। मगर दादा को दूध कड़वा लगने पर नहीं पीया। पत्नी को भी एक दो बार जहर दिया। उसको कड़वा लगने पर उसने नहीं पीया। आरोपी के पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी।
गांव में आरोपी की मेडिकल शॉप
आरोपी भूप सिंह ने जीएनएम कर रखा और गांव में मेडिकल शॉप है । वह थोक में दवाओं की सप्लाई करता है। भूपसिंह को यह लगता था कि उसके बेटा अनुराग और गर्विंत उसके बच्चे नहीं है। वह अपनी पत्नी के चरित्र पर शक करता था। इसके लिए दोनों बच्चों सहित दादी किस्तूरी देवी का भी मर्डर कर दिया।