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संयुक्त शिक्षा निदेशकों को भेजे निर्देश:बाल विवाह रोकने के लिए शिक्षा विभाग ​​​​​​​चलाएगा जागरूकता अभियान


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संयुक्त शिक्षा निदेशकों को भेजे निर्देश:बाल विवाह रोकने के लिए शिक्षा विभाग ​​​​​​​चलाएगा जागरूकता अभियान

संयुक्त शिक्षा निदेशकों को भेजे निर्देश:बाल विवाह रोकने के लिए शिक्षा विभाग ​​​​​​​चलाएगा जागरूकता अभियान

झुंझुनूं : बाल विवाह रोकने के लिए अब स्कूली बच्चों का सहारा लिया जाएगा। बच्चों को इस कुप्रथा को लेकर जागरूक किया जाएगा। इस संबंध में शिक्षा निदेशालय के स्टाफ ऑफिसर डॉ. अरुण कुमार शर्मा ने सभी संयुक्त शिक्षा निदेशकों को आदेश भेजे हैं। आदेश में कहा कि अपने क्षेत्राधिकार के सभी विद्यालयों में बाल विवाह के दुष्परिणामों व इससे संबंधित विधिक प्रावधानों का प्रचार करने के साथ ही जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।

बाल विवाह में सजा का प्रावधान
बाल विवाह को लेकर सजा का प्रावधान है। यदि कोई वयस्क पुरुष जो 21 वर्ष से अधिक आयु का है, बाल विवाह करता है, तो उसे 2 वर्ष के लिए कठोर कारावास या एक लाख रुपए या दोनों का जुर्माना हो सकता है।

यदि कोई व्यक्ति किसी भी बाल विवाह में सहायता करता है, आचरण करता है, निर्देशित करता है या उसका पालन करता है, तो उसे 2 वर्ष के कठोर कारावास या एक लाख रुपए या दोनों का जुर्माना हो सकता है। बच्चे के माता-पिता या अभिभावक या कोई अन्य संगठन के सदस्य सहित कोई व्यक्ति जो बाल विवाह को बढ़ावा देने या अनुमति देने के लिए कोई कार्य करता है या लापरवाही से इसे रोकने में विफल रहता है। इस तरह के विवाह में शामिल होने या भाग लेने सहित, इसे दोषी ठहराए जाने पर 2 साल तक के कठोर कारावास या एक लाख रुपए या दोनों का जुर्माना हो सकता है। इस अधिनियम के तहत अपराध संज्ञेय और गैर जमानती है।

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