कार पर स्क्रैच पड़ने के बाद 3 घंटे तक टॉर्चर:टीचर ने छात्र को मुर्गा बनाया-हाथ जोड़कर माफी मंगवाई, तनाव में सुसाइड किया
कार पर स्क्रैच पड़ने के बाद 3 घंटे तक टॉर्चर:टीचर ने छात्र को मुर्गा बनाया-हाथ जोड़कर माफी मंगवाई, तनाव में सुसाइड किया

जोधपुर : कार पर स्क्रैच पड़ने पर एक टीचर ने स्टूडेंट को इतना टॉर्चर किया कि उसने सुसाइड कर लिया। शक के आधार पर स्टूडेंट को 3 घंटे तक कमरे में बंद करके रखा। टॉर्चर से परेशान होकर स्टूडेंट ने गलती मान ली तो उसे सभी स्टूडेंट के सामने शर्मसार किया। हाथ-जोड़कर माफी मंगवाई। पिता को बुलाकर धमकी दी कि स्क्रैच ठीक करवाने के 50 हजार रुपए चुकाने होंगे। नहीं दिए तो बेटे को एग्जाम में नहीं बैठने दूंगा। गरीब ट्रक ड्राइवर पिता पैसे का इंतजाम नहीं कर पाया तो एग्जाम में नहीं बैठ पाने के डर से परेशान होकर स्टूडेंट ने टांके (पानी के टैंक) में कूद गया।
फलोदी में हुई इस सनसनीखेज घटना के बाद हमारी मीडिया टीम रणीसर गांव पहुंची। पढ़िए – ग्राउंड रिपोर्ट…

बेटा पढाई के साथ खेती भी संभालता था
फलोदी के देणोक के पास स्थित रणीसर गांव में रहने वाले गोपीलाल विश्नोई ट्रक ड्राइवर हैं। गांव के पास ही एक ढाणी में उनकी पत्नी शांति देवी और 14 साल का बेटा बालकिशन रह रहे थे। बालकिशन 10वीं में पढ़ रहा था। साथ ही, खेती भी संभालता था।
रणीसर गांव में राजकीय प्राथमिक सरकारी स्कूल आठवीं क्लास तक की है। इसलिए 10वीं बोर्ड की पढ़ाई के लिए बालकिशन गांव से दो किलोमीटर दूर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पड़ियाल में पढ़ने जाता था। हम बालकिशन के घर पहुंचे तो वहां मातम का माहौल था। परिजनों ने बातचीत में पूरी कहानी बताई…

फेयरवेल पार्टी में टीचर की कार पर लगा स्क्रैच
पड़ियाल स्कूल में 10 दसवीं क्लास के स्टूडेंट के बोर्ड के एग्जाम शुरू होने वाले थे। ऐसे में स्कूल में गत 26 फरवरी को स्टूडेंट के लिए फेयरवेल का प्रोग्राम रखा था। इस प्रोग्राम में बच्चों ने काफी खुशी से भाग लिया था। इस दिन लगभग सभी बच्चे स्कूल आए थे। इस दौरान हिस्ट्री के लेक्चरर कुलदीप खावा की प्ले ग्राउंड में खड़ी कार पर स्क्रैच लग गए। टीचर कुलदीप को लगा कि जानबूझकर किसी स्टूडेंट ने पत्थर से उसकी कार पर स्क्रैच लगाया है। ऐसे में अगले दिन से ही कुलदीप ने स्टूडेंट्स से पूछताछ शुरू कर दी।

पहले चार बच्चों पर आरोप लगाया, 50 हजार रुपए मांगे
स्कूल में पढ़ने वाले सचिन विश्नोई ने बताया कि कुलदीप सर ने सबसे पहले चार स्टूडेंट पर आरोप लगाया। चारों स्टूडेंट को बोला कि उन्हें 50-50 हजार रुपए जुर्माना देना होगा। लेकिन स्टूडेंट ने मना कर दिया कि उन्होंने कार पर स्क्रैच नहीं लगाए। टीचर ने बार-बार बच्चों से पूछताछ की। इसी दौरान कुछ बच्चों ने बालकिशन पर स्क्रैच करने का संदेह जताया।
गलती मानने के लिए बनाता रहा दबाव
टीचर कुलदीप खावा ने बालकिशन को बुलाकर धमकाया और स्क्रैच के बारे में पूछा। दबाव बनाया कि वो स्क्रैच लगाने की गलती स्वीकार कर ले और जुर्माने के 50 हजार रुपए दे। बालकिशन ने कहा कि उसने कार पर कोई स्क्रैच नहीं लगाया। इसके बाद भी करीब एक हफ्ते तक कुलदीप बालकिशन पर गलती मानने के लिए दबाव बनाता रहा।

स्कूल में किया टॉर्चर, पिता से बोला- एग्जाम में नहीं बैठने दूंगा
बालकिशन के पिता गोपीलाल ने बताया कि उनका बेटा 11 मार्च को बोर्ड एग्जाम की पढ़ाई कर रहा था। इसी दौरान दोपहर डेढ़ बजे के बाद टीचर कुलदीप का फोन आया। बोला- आपके बेटे बालकिशन ने कार के स्क्रैच लगा दिया है, वो अपनी गलती नहीं मान रहा है। उसे एक बार स्कूल भेजो, कुछ पूछताछ करनी है।
इस पर मैंने घर पर फोन लगाकर बालकिशन से बात की तो उसने बताया कि पापा मैंने कार में स्क्रैच नहीं किया है। टीचर बार-बार मुझ पर आरोप लगा रहे हैं। इस पर मैंने बेटे को समझाया कि स्क्रैच नहीं लगाया है तब भी टीचर से माफी मांग कर बात खत्म करो। मेरे कहने पर बालकिशन घर से स्कूल चला गया।

गलती नहीं मानी तो प्रिंसिपल ऑफिस में बंद रखा
11वीं क्लास के एक स्टूडेंट (यहां उस बच्चे की पहचान छुपाई जा रही है) ने बताया कि उस दिन कुलदीप सर ने बालकिशन को दोपहर 2 बजे स्कूल बुलाया था। स्कूल में आते ही कुलदीप सर बालकिशन को प्रिंसिपल के ऑफिस में ले गए। वहां कार पर स्क्रैच लगाने की बात मानने के लिए दबाव बनाया। नहीं मानने पर उसे प्रिंसिपल ऑफिस में करीब आधे घंटे तक बंद करके रखा।
मुर्गा बनाया, फिर हाथ-जोड़कर सबके सामने माफी मंगवाई
गलती नहीं मानी तो कुलदीप ने टॉर्चर को और बढ़ा दिया। उसने बालकिशन को वहीं मुर्गा बना दिया। काफी देर तक मुर्गा बनाने के बाद बालकिशन के सहने की क्षमता खत्म हो गई थी। उसने कार पर स्क्रैच लगाने की बात स्वीकार कर ली।

बालकिशन ने कुलदीप के टॉर्चर से परेशान होकर कार में स्क्रैच लगाने की बात स्वीकार कर ली। टीचर कुलदीप ने बालकिशन को शर्मिंदा करने के लिए स्कूल के सभी स्टूडेंट के सामने उसे हाथ जोड़ कार माफी मांगने के लिए कहा। बालकिशन ने ऐसा ही किया। इसके बाद टीचर ने उससे कहा कि यह भी बोल- भविष्य में ऐसी गलती कभी नहीं करूंगा। बालकिशन कुलदीप के कहे अनुसार हर बात शर्मिंदा होकर सारे स्टूडेंट के सामने दोहराता रहा।
बोर्ड एग्जाम से एक दिन पहले तीन घंटे टॉर्चर को सह नहीं पाया
बालकिशन के पिता ने बताया कि टीचर कुलदीप ने स्कूल में सभी बच्चों के सामने हाथ-जोड़कर माफी तक मंगवाई। इसके बाद भी जुर्माने के 50 हजार रुपए देने के लिए दबाव बनाया। धमकी दी कि अगर उसने 50 हजार रुपए कल नहीं दिए तो वो उसे बोर्ड एग्जाम देने नहीं देगा। उसकी टीसी भी नहीं देगा।

डर के मारे बालकिशन ने आश्वासन दिया कि वो पिता से 50 हजार रुपए लेकर उसे कल दे देगा। यह टॉर्चर करीब तीन घंटे तक चला। स्टूडेंट ने बताया जब बालकिशन स्कूल से घर के लिए रवाना हुआ तो उसने किसी भी स्टूडेंट से आंख तक नहीं मिलाई। वो शर्मिंदा होकर अपना सिर झुकाते हुए स्कूल से घर चल गया।
परिवार वालों की चिंता बढ़ी
गोपीलाल ने जब 1 घंटे बाद घर फोन किया तो पता चला कि बालकिशन अभी तक वापस स्कूल से नहीं आया। एग्जाम से एक दिन पहले इतनी देर तक स्कूल रुकने पर पिता को चिंता होने लगी। गोपीलाल ने टीचर कुलदीप को फोन किए लेकिन उस समय वह बालकिशन को टॉर्चर करने में व्यस्त था।

करीब 2 घंटे तक गोपीलाल ने 10 से ज्यादा बार कॉल किए लेकिन टीचर कुलदीप ने एक बार भी फोन अटेंड नहीं किया। आखिर में जब स्कूल में बालकिशन ने अपनी गलती मान ली तो कुलदीप ने पिता गोपीलाल को फोन किया और कहा कि उसके बेटे ने अपनी गलती मान ली है। अब जुर्माने के 50 हजार रुपए देने पर ही वो उसे एग्जाम में बैठने देगा। गोपीलाल ने कहा कि उनकी कार का जो भी खर्चा आएगा वो देने को तैयार हैं। वो उसके बेटे को घर भेज दे। कल उसका एग्जाम है।
मां को देखते ही रोने लगा
बालकिशन की मां शांतिदेवी ने बताया कि 11 मार्च के दिन मैं खेतों का काम करने गई थी। घर आई तो मुझे देखते ही बालकिशन फूट-फूटकर रोने लगा। पूछने पर उसने आपबीती बताई। बोला कि कल टीचर को 50 हजार रुपए नहीं दिए तो वो एग्जाम नहीं देने देगा। उसे अगले दिन एग्जाम के साथ-साथ 50 हजार रुपए देने की टेंशन थी। इधर उसके पिता घर पर नहीं थे। मैंने बेटे को समझाया कि उसके पिता टीचर को जितने पैसे चाहिए वो दे देंगे।

बेटे को रोता देख मां देवरानी को बुलाने गई, वापस आई तो बेटा नहीं मिला
शांतिदेवी कहती हैं- घर में हम मां-बेटे अकेले रहते थे। बेटे को तनाव में देखकर मैं डर गई और मदद के लिए पड़ोस में रहने वाली देवरानी को बुलाने गई। देवरानी के साथ घर वापस लौटी तो बालकिशन घर में नहीं था। अपने रिश्तेदारों और गांव वालों को मदद के लिए बुलाया। इसके बाद रिश्तेदार और गांव वालों ने बालकिशन की तलाश शुरू कर दी।
रात को टांके में मिला शव
बालकिशन के परिवार और रिश्तेदारों ने उसकी तलाश शाम 6 बजे से शुरू कर दी। घर के पास बने खेत, गांव और शहर जाने वाले रास्तों तक तलाश की लेकिन बालकिशन का कहीं भी कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद कुछ लोगों ने घर के पास बने टांके में देखा। उसमें बालकिशन का शव दिखाई दिया। इसके बाद परिजनों ने भोजासर थाने की पुलिस को सूचना कर शव को बाहर निकलवाया। इस घटना के बाद से आरोपी टीचर कुलदीप फरार है।

मामले की तह तक जाने के लिए हमने स्कूल प्रिंसिपल अणदाराम से बातचीत की
सवाल : 11 मार्च को टीचर कुलदीप ने बालकिशन को स्कूल बुलाया था ?
प्रिंसिपल : हां, उस दिन कुलदीप ने फोन करके दसवीं क्लास के स्टूडेंट बालकिशन को कार के स्क्रैच के बारे में पूछने के लिए स्कूल बुलाया था।
सवाल : परिजनों का आरोप है कि छात्र को प्रिंसिपल ऑफिस में बंद रखा, उसके साथ तीन घंटे तक टॉर्चर किया था ?
प्रिंसिपल : नहीं, मैं उस दिन स्कूल में ही था। ऑफिस में बंद नहीं किया था। यह सब तो लोग ऐसे ही बातें फैला रहे हैं।
सवाल : फिर उस दिन स्कूल में क्या घटनाक्रम हुआ था?
प्रिंसिपल : टीचर कुलदीप ने बालकिशन से कार के स्क्रैच के बारे में पूछा था। उसके अपनी गलती मान ली थी और सबके सामने हाथ-जोड़कर माफी भी मांगी थी।
सवाल : बालकिशन कैसा स्टूडेंट था, क्या वो बदमाश था?
प्रिंसिपल : बालकिशन काफी शांत और अच्छा स्टूडेंट था। उसकी पहले कभी कोई शिकायत नहीं आई थी।
सवाल : आरोपी टीचर कुलदीप फरार है या स्कूल आ रहा है?
प्रिंसिपल : घटना के बाद से कुलदीप की ड्यूटी दूसरे स्कूल में लगी थी। लेकिन वो तब से अनुपस्थित है।
आरोपी टीचर की तलाश में जुटी पुलिस
भोजासर थानाधिकारी दलपत सिंह चौधरी ने बताया कि अभी मामले की जांच चल रही है। स्टूडेंट्स के एग्जाम चल रहे हैं। हमने कुछ टीचर के बयान भी लिए हैं। आरोपी टीचर अभी फरार चल रहा है। उसे पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। बालकिशन के सुसाइड के पीछे के कारणों का पता जांच के बाद ही लग पाएगा।