हाईकोर्ट का आदेश:एफएसएल निदेशक हाजिर हों; बिना एफएसएल रिपोर्ट ही शुरू हो गई पॉक्सो केस की ट्रायल
हाईकोर्ट का आदेश:एफएसएल निदेशक हाजिर हों; बिना एफएसएल रिपोर्ट ही शुरू हो गई पॉक्सो केस की ट्रायल

जयपुर : हाईकोर्ट ने पॉक्सो से जुड़े एक मामले में एफएसएल की रिपोर्ट आए बिना ही चालान पेश होने व केस की ट्रायल शुरू होने पर एफएसएल निदेशक को शुक्रवार को अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। साथ ही उनसे पूछा है कि एफएसएल रिपोर्ट आने में देरी क्यों हो रही है और इसमें एफएसएल गाइडलाइन की पालना क्यों नहीं की जा रही। जस्टिस समीर जैन ने यह निर्देश आरोपी विनोद की जमानत अर्जी पर दिया।
आरोपी के अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा ने अदालत को बताया कि उसके खिलाफ सवाईमाधोपुर के खंडार पुलिस थाने में अगस्त 2023 में पॉक्सो का मामला दर्ज हुआ था। इस केस में ना तो एफएसएल रिपोर्ट आई है और ना ही मेडिकल बोर्ड ने अपना अंतिम नतीजा दिया है, लेकिन एफएसएल रिपोर्ट आए बिना ही पुलिस ने आरोपी के खिलाफ चालान पेश कर दिया है और केस की ट्रायल शुरू हो चुकी है।
ट्रायल के दौरान पीड़िता ने उसके साथ दुष्कर्म नहीं होने की बात कही है। मामले में आरोपी के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई है, इसलिए उसे जमानत दी जाए। अदालत ने मामले में सुनवाई करते हुए घटना के छह महीने बाद भी एफएसएल रिपोर्ट नहीं आने को गंभीर माना और एफएसएल निदेशक को रिपोर्ट में हो रही देरी पर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा।
इधर, जीएसटी विभाग से मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने प्रार्थी फर्म की ओर से लिपिकीय गलती के चलते इनपुट टैक्स की क्रेडिट दो बार लेने और बाद में इसे रिवर्स करने के बाद भी ब्याज व पेनल्टी लगाने वाले आदेश पर रोक लगा दी है। वहीं, मामले में डिप्टी कमिश्नर जीएसटी, एसीएस फाइनेंस, अपीलीय अधिकारी जीएसटी व केन्द्र सरकार से जवाब देने के लिए कहा है। सीजे एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह निर्देश मै.पीआर रोलिंग मिल्स की याचिका पर दिया।