इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से भाजपा ने दी नेशनल करप्शन की गारंटी- दिनेश सुण्डा
इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से भाजपा ने दी नेशनल करप्शन की गारंटी- दिनेश सुण्डा

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : सुभाष चन्द्र चौबदार
नवलगढ़ : इलेक्टोरल बॉन्ड स्कैम की सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में जांच हो और जांच के दौरान भाजपा के बैंक खाते फ्रीज किए जाएं : माननीय सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद एसबीआईबैंक ने इलेक्टोरल बांड के माध्यम से मिले चुनावी चंदे का ब्यौरा चुनाव आयोग को सौपा जिसको चुनाव आयोग ने सार्वजनिक किया है । इलेक्टोरल बांड को नेशनल करप्शन स्कैम बताते हुए कांग्रेस जिला अध्यक्ष दिनेश सुण्डा ने कहा कि इलेक्टोरल बांड के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी ने देश को करप्शन की गारंटी दी है । सुण्डा ने बताया कि इस पूरी सूचना में एसबीआई बैंक ने ऐसे किसी यूनिक कोड का जिक्र नहीं किया जिससे यह पता चले कि किसने किसको चंदा दिया है । एसबीआई ने इलेक्टोरल बांड के डाटा भी गलत जारी किए हैं क्योंकि दानदाताओं और चंदा लेने वालों के आंकड़ों में ही अंतर है । एसबीआई ने डेटा में दानदाताओं की 18871 एंट्री बताई है और लेने वालों की एंट्री है । साथ ही सवाल उठाया कि योजना जब 2017 में शुरू हुई थी तो एसबीआई ने इसके डेटा अप्रैल 2019 से ही क्यों दिए हैं ?
इन सभी बेमेल तथ्यों से पता लगता है कि भारतीय जनता पार्टी इलेक्टोरल बांड के नाम पर देश की बड़ी कंपनियों से मोटा चंदा ऐंठ रही है और बदले में उन कंपनियों को हजारों करोड़ के प्रोजेक्ट भी दे रही है जिसके माध्यम से देश में यह बहुत बड़ा घोटाला किया गया है ।साथी चुनावी पारदर्शिता वाली व्यवस्था काभाजपा सरकार द्वारा दुरुपयोग भी किया जा रहा है।
देश की जनता की यह मांग है कि इस नेशनल करप्शन की जांच सुप्रीम कोर्ट देखरेख में की जाएऔर जब तक जांच पूरी ने हो जाएतब तक भारतीय जनता पार्टी के बैंक खाते फ्रीज किए जाएं । गौरतलब है कि 2019 से भाजपा को इलेक्टोरल बांड के माध्यम से लगभग 6000 करोड़ से ज्यादा का दान मिला है ।