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सीएचओ भर्ती में 89 प्रश्न हूबहू, सबूत भी थे:लेकिन एक साल तक एसओजी में फाइल दबी रही, मामला ही अब दर्ज हुआ, इसीलिए एक भी गिरफ्तारी नहीं


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सीएचओ भर्ती में 89 प्रश्न हूबहू, सबूत भी थे:लेकिन एक साल तक एसओजी में फाइल दबी रही, मामला ही अब दर्ज हुआ, इसीलिए एक भी गिरफ्तारी नहीं

सीएचओ भर्ती में 89 प्रश्न हूबहू, सबूत भी थे:लेकिन एक साल तक एसओजी में फाइल दबी रही, मामला ही अब दर्ज हुआ, इसीलिए एक भी गिरफ्तारी नहीं

जयपुर : सीएचओ भर्ती परीक्षा पिछली सरकार के समय 19 फरवरी 2023 हुई। पेपरलीक हुआ, निरस्त हुई, 3 मार्च 2024 को दोबारा हुई। लेकिन एसओजी ने सरकार बदलने के बाद 8 फरवरी को केस दर्ज किया। जबकि तब परीक्षा के दूसरे दिन ही सुनीता सेन व अन्य अभ्यर्थी एसओजी कार्यालय में तत्कालीन एडीजी अशाेक राठाैड़ से मिले थे।

परीक्षा से पहले माेबाइल पर आए पेपर का स्क्रीन शाॅट व भेजने वाले के मोबाइल नंबर दिए थे। यह भी बताया था कि लीक पेपर में 89 प्रश्न हूबहू हैं। लेकिन एसओजी ने इसे लीक नहीं माना और जांच एएसपी मनराज मीना काे दे दी थी।

20 फरवरी 2023 काे SOG में रिपाेर्ट दी, केस 8 फरवरी 2024 काे दर्ज हुआ

इन पर केस

एसओजी ने 7 अभ्यर्थियाें पर केस दर्ज किया। कराैली के विनाेद मीणा, दाैसा के पवन मीणा, भिवानी हरियाणा के प्रदीप चाैधरी, स. माधाेपुर के मनोज मीणा, स. माधाेपुर के राजवीर मीणा, गंगापुर सिटी के विक्रम मीणा, अलवर के कमल मीणा काे आरेापी बनाया है। इनमें हरियाणा का प्रदीप जयपुर के वैशाली नगर में रहता था। मनाेज आयकर विभाग में एमटीएस है।

अफसर बदलते ही FIR

प्रदेश में भाजपा सरकार ने एंटी चीटिंग सेल बनाई। एटीएस-एसओजी का जिम्मा एडीजी वीके सिंह काे दिया। एडीजी ने अभ्यर्थियाें द्वारा दिए सबूताें काे अहम माना, चयन बाेर्ड काे रिपोर्ट भेजी। बाेर्ड ने परीक्षा निरस्त की। एसओजी ने 8 फरवरी काे केस दर्ज किया। जांच अधिकारी मोहेश चाैधरी ने कहा, अभी तक कोई आरोपी नहीं पकड़ा गया है, तलाश जारी है। सीएचओ भर्ती परीक्षा के आराेपियाें की अन्य पेपरलीक में भूमिका की भी जांच की जा रही है।

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