जनमानस शेखावाटी संवाददाता : सुभाष चन्द्र चौबदार
नवलगढ़ : विद्यालय कमेटी, कोलकाता के प्रशासनिक अधिकारी, सुनील सैनी बताया कि एसएन विद्यालय कमेटी, कोलकाता का गठन 1907 में हुआ व 1932 में पंजीकरण हुआ।
इस ट्रस्ट का उद्देश्य किसी भी प्रकार का लाभ कमाना नहीं है बल्कि नवलगढ़ वासियों की सेवा करना है।
कुछ समय पूर्व भगत परिवार के दो सदस्य हमारे सोसाइटी के भूतपूर्व अध्यक्ष से कलकत्ता में मिले और बताया कि भगत परिवार की सैंकड़ों बीघा जमीन नवलगढ़ में है जो बंजर उबड़ खाबड़ भूमि है जिसमें घास फूस भी नहीं उग सकता व पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने बताया कि भगत परिवार के 75 सदस्य की इस जमीन में उनका हिस्सा करीब 5 बीघा हैं। वर्तमान में हमारी सोसाइटी ने स्कूल और कॉलेज में बंजर भूमि पर हरी घास मैदान और पैड़ लगानी के बात सुनी है जिस पर उन्होंने बताया कि उनकी भूमि को बेचा या खरीदा नहीं जा सकता पर सामाजिक कल्याण के काम के लिए दान दिया जा सकता है। उक्त भूमि में बस स्टैंड, वाटर ट्रीटमेन्ट प्लांट, विद्युत सब स्टेशन बगैरह के लिए भूमि दी जा चुकी है और कार्य भी सम्पन्न हो चुके है। उन्होंने अपनी करीब 5 बीघा जमीन हमारी सोसाइटी को दान करने की बात कही जिसे हरी घास का सुन्दर खेल मैदान विकसित किया जा सके व इसका लाभ नवलगढ़ की छात्र-छात्राओं को मिल सके।
हमारे भूतपूर्व अध्यक्ष महोदय ने बताया कि इस काम के लिए और पानी की व्यवस्था के लिए लाखों रूपयों की आवश्यकता होगी। भगत परिवार ने रूपया देने की असमर्थता व्यक्त की। इसके बाद यह तय हुआ कि हमारी सोसाइटी चंदा इकठ्ठा करके यह कार्य पूर्ण करेगी। भगत परिवार ने अपने नाम को चिरस्थायी रखने हेतु एक बोर्ड लगने का अनुरोध किया और फिर भगत परिवार ने करीब 5 बीघा जमीन का दान पत्र हमारी सोसाइटी को दिया।
इस विकास कार्य के लिए जब विचार विमर्श हुआ तो मालूम पड़ा की समस्त विकास के लिए 30 लाख रूपये का खर्च आएगा। इतना चंदा इकठ्ठा करने में भी काफी समय लगेगा।
संस्था ने बोर्ड कब लगाया
सैनी ने बताया की सावधानी बरतते हुए कार्यकारिणी ने निश्चय किया कि संस्था के वार्षिकोत्सव के समय कमेटी के पदाधिकारी तथा सदस्यगण जब नवलगढ़ आयेगे उसके पहले एक बोर्ड लगा दिया जाये, किसी को इसके बाबत बातचीत या विरोध दर्ज करना है, तो कमेटी के सदस्यगण 22 से 28 फरवरी तक नवलगढ़ में रहेंगें और इस बाबत वह कमेटी के सदस्यों से मिल सकते है, इस दौरान किसी ने कोई आपत्ति क्यों नही की।
संस्थान के वार्षिकोत्सव 24 फरवरी को भी हमारे वर्तमान अध्यक्ष ने अपने व्याख्यान में इसका जिक्र करते हुए कहा कि हमें 5 बीघा के करीब भूमि दान में मिली जिसमें हम महिला और पुरुष के लिये क्रिकेट अकादमी लगाना चाहते है और मैदान तथा अन्य कार्यो में लाखों का खर्च होगा। इसका ताली बजाकर स्वागत किया गया। इस के विडियो आज भी सोशल मीडिया में मौजूद हैं
हमारी सोसाइटी छात्र और छात्राओं के सर्वागीण विकास के लिये और बंजर जमीन को सुन्दर खेल मैदान विकसित करना चाहती है। इसके विरोध में आजतक किसी ने हमसे बातचीत नहीं की है। यह कार्य सामाजिक कल्याण योजना के अन्दर होगा। इसमें सोसाइटी तथा अन्य किसी भी व्यक्ति को लाभ या जमीन हथियाने का अवसर नहीं दिया जायेगा।
अगर नवलगढ़ नगर वासियों को इससे किसी भी प्रकार की आपत्ति होगी तो हमारे वर्तमान अध्यक्ष का मुझे निर्देश है कि मैं वादा करूं कि नगरवासियों की पूर्ण सहमति बिना कोई भी कार्य शुरू नहीं किया जायेगा।
सोशल मीडिया तथा समाचार पत्रों में विरोध
हमें दुःख है कि हमसे किसी भी प्रकार की बातचीत किये बिना और हमारे पदाधिकारियों के जाने के दो तीन दिन बाद ही सोशल मीडिया तथा समाचार पत्रों में विरोध ज्ञापन कर आंदोलन तक की बात कर हमारी कमेटी की छवि खराब करने की कोशिश की गई। हम स्पष्ट कर देना चाहते है कि हमारी कोई गलत काम करने की न तो भावना है, न ही हम किसी भी नवलगढ़ वासियों के विरोध में कोई काम करेंगे। हम भी सनातनी हिन्दू है और गौ हमारी माता है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते है कि हर नवलगढ़वासी सुखी और सम्पन्न रहे।
भगतो का जोहड़ को लेकर गौ रक्षक दल क्या कहता है
नवलगढ़वासी इस जोहड़ से सभी परिचित तो होंगे ये वही जोहड़ है जो रावल साब की कोठी के ठीक सामने है…. सभी इस बात से भी परिचित है की ये जोहड़ सिर्फ और सिर्फ गौचर भूमि है जो बेसहारा जीवो के लिए दान में छोड़ी गई है…
भगतो ने तो इसे गोचर के लिए छोड़ा था लेकिन आजकल कुछ लोगो को इतनी भुख है की वो इस गोचर भूमि को भी गबन करना चाहते है…
में आप सभी को बताना चाहूंगा की SN विधालय के द्वारा इस जोहड़ की जमीन पर एक बोर्ड लगाया गया है जिसमे वो इस जोहड़ में एक खेल मैदान बनाना चाह रहे है और बताते है की भक्तों द्वारा उन्हें ये जमीन दान में दी गई है जबकि गौचर भूमि में ऐसा कुछ हो ही नही सकता।
एसएन विद्यालय कमेटी यहां खेल मैदान बनाना चाहती हैं, नवलगढ़ की जनता और गौरक्षक कतई खेल मैदान नही बनने देंगे
अगर खेल मैदान बनता है तो फिर कोई और आएगा वो कुछ और बनाने के लिए जमीन मांगेगा तो गोचर भूमि तो गई सारी….
सभी शहर वासियों से निवेदन है अपनी राय जरूर दे और जोहड़ बचाने में सहयोग जरूर करे