‘पैगाम-ए-मोहब्बत: हम सब का भारत’ विषय पर आयोजित कॉन्फ्रेंस में अजमेर दरगाह के दीवान ने धार्मिक विवादों पर क्या कहा ?
गुरुवार को चार दरवाजा स्थित दरगाह मौलाना जियाउद्दीन साहब में ‘पैगाम-ए-मोहब्बत: हम सब का भारत’ विषय पर आयोजित कॉन्फ्रेंस में अजमेर दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने दिया सम्बोधन।

अजमेर : किसी भी विवाद का आपसी सहमति से हल निकलता है तो उसकी बात कुछ और होती है, इससे विवाद का हल निकलने के साथ-साथ दिल भी मिलते है और एक दूसरे के प्रति सम्मान और विश्वास भी लौटता है….. यह संबोधन गुरुवार को चार दरवाजा स्थित दरगाह मौलाना जियाउद्दीन साहब में ‘पैगाम-ए-मोहब्बत: हम सब का भारत’ विषय पर आयोजित कॉन्फ्रेंस में अजमेर दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने दिए.
सैयद जैनुल ने कहा कि भारत में आजादी के बाद भी कई चुनौतियों का सामना कर उन पर जीत हासिल की है. हमारी कई पीढ़ियों ने धार्मिक विवादों का भी सामना किया है. हमें यह बात समझना होगी कि अदालतों के निर्णय में एक पक्ष जीतता है और एक पक्ष हारता है. कहीं ना कहीं एक पक्ष निर्णय से असहमति के साथ-साथ अपने दिल में खटास और द्वेषता नहीं समाप्त कर पाता है. दोनों पक्ष, दोनों धर्मों के लोग मथुरा-काशी जैसे विवादों का हल अदालतों के बाहर तलाशने की कोशिश करें. उन्होंने सीएएए पर कहा कि बीते कई साल से मुसलमानों को गुमराह किया गया है. सीएएए कानून से भारत के मुसलमानों की नागरिकता छीनने की कोशिश हो रही है. यह किसी की भी भारतीय नागरिकता छीनने के लिए नहीं है.
यह की अपील
काउंसिल के राष्ट्रीय चेयरमैन हजरत सैयद नसीरूद्दीन चिश्ती ने कहा कि काउंसिल की ओर से पूरे देशभर में संस्था के चेयरमेन प्रदेशभर में दौरा करें. काउंसिल से जुड़ी दरगाहों को लेकर दोनों पक्षों के प्रमुख लोग या संस्थाओं से मिलकर एक सकारात्मक माहौल बनाए. शांति पथ बनाकर दोनों पक्षों के लिए शांति वार्ता के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवाएं. चिश्ती ने कहा कि भारत से धार्मिक विवादों का अंत कर इस देश की उन्नति में अपना योगदान दें. बाधा बनने वाले हर विवाद को समाप्त कर अपनी आने वाली पीढ़ियों को एक मजबूत मुल्क, मोहब्बतों से भरा महान भारत देना ही होगा.
अजमेर दरगाह दीवान के संदेश और पैगाम के बाद काउंसिल के राष्ट्रीय महासचिव, राज्य प्रभारी डॉ. हबीबुररहमान नियाजी ने सुलह की पहल का समर्थन करते हुए कहा कि सूफी संतों ने हमेशा हर मसले का हल आपसी समझौते से ही किया है और हम सब सूफियों के वंशज हैं. चेयरमैन के मार्गदर्शन को हर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ाकर नफरत को हमेशा के लिए खत्म करके अमन-चैन का पैगाम दिया जाएगा. दूसरे पक्ष से बात की जाएगी.