किसानों ने धरना जारी रखने का लिया फैसला:किसानों ने धरने के 48वें दिन लिया बड़ा फैसला- नहर काम शुरू होने से पहले धरना नहीं खत्म करेंगे
किसानों ने धरना जारी रखने का लिया फैसला:किसानों ने धरने के 48वें दिन लिया बड़ा फैसला- नहर काम शुरू होने से पहले धरना नहीं खत्म करेंगे

चिड़ावा : शेखावाटी में नहर को लेकर हरियाणा से होते हुए पानी के प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के बाद भी किसानों ने आंदोलन जारी रखने का फैसला लिया है। चिड़ावा सिंघाना सड़क मार्ग पर स्थित लाल चौक बस स्टैंड पर किसान सभा के बैनर तले चल रहे धरने की 48वां दिन था।
इस दौरान सभी ने नहर कार्य को धरातल पर नहीं उतरने तक धरना जारी रखने का फैसला लिया है। धरने की अध्यक्षता बुटी राम चाहर ने की। धरने को संबोधित करते हुए निसार खां किढवाना व कामरेड राजेन्द्र सिंह चाहर ने कहा कि इस तरह जुमले बाजी से झुंझुनूं की जनता मानने वाली नहीं है। धरातल पर जब तक काम शुरू नहीं होगा तब तक अनिश्चित कालीन धरने चलते रहेंगे।
कामरेड बजरंग लाल बराला ने बताया कि 1994 में यमुना जल समझौता हुआ था। उसके मुताबिक ताज़े वाले हैड से 1917 क्यूसेक पानी मिलना तय था, जिसकी डीपीआर 31 हजार करोड की 2019 में ही बन चुकी थी इस सारे मसले को सरकार चुनावी चक्कर में दुबारा डीपीआर जून जुलाई में बनाने की बात कह कर जनता को लाली पोप देने की कोशिश है।
डीपीआर में 6 पाइपों से पानी आने की बात थी। उसको भी आधा कर दिया जबकि 30 साल में जनसंख्या और पशुपालन वृद्धि को देखते हुए कम से कम 4000 क्यूसेक पानी की आवश्यकता है। जनता को बरगलाने की आवश्यकता नहीं है। लाल चौक से 1 जनवरी से शुरू हुआ।
अनिश्चितकालीन धरना पूरे जिले में तीव्र गति से फैल चुका है और ताजे वाले हैड से नहर का पानी हम लेकर रहेंगे। जब तक हमारा पूरा हक हमें नहीं मिला तो आने चुनाव में यहां की जनता करके भी दिखा देगी। धरने पर कपिल, नन्दलाल सालीम का बास, रणबीर, नरेश बडसरी का बास, बनवारीलाल, प्रभु सैनी, कामरेड मनफूल सिंह, कामरेड रामचंद्र कुलहरी, शीशराम सैनी आदि मौजूद रहे।