मनरेगा:100 दिन काम की गारंटी, 90 दिन से मजदूरी नहीं मिली…केंद्र सरकार में 1400 करोड़ रुपए बकाया
मनरेगा:100 दिन काम की गारंटी, 90 दिन से मजदूरी नहीं मिली...केंद्र सरकार में 1400 करोड़ रुपए बकाया

जयपुर : मुहावरा है कि मजदूर का पसीना सूखने से पहले उसे मजदूरी मिल जानी चाहिए, लेकिन डबल इंजन की सरकार के बावजूद प्रदेश के मनरेगा मजदूरों के लिए यह मुहावरा एक तरह से मजाक बनकर रह गया है। केंद्र से मिलने वाली बकाया राशि को हरी झंडी नहीं मिलने से मनरेगा मजदूरों की मजदूरी अटक गई।
सरकारें मनरेगा में 100 दिन काम की गारंटी दे रही। मजदूरी की नहीं। सरकारी आंकड़े ही बताते हैं कि प्रदेश में रोजाना औसतन 20 लाख मनरेगा मजूदर काम कर रहे हैं। पिछले 90 दिन यानी तीन महीनों से इन्हें मजदूरी नहीं मिली है। केंद्र सरकार पर 1400 करोड़ रुपए का बकाया इन मजदूरों का चढ़ गया है। मजदूरों के सामने बच्चे पालने का संकट है, लेकिन सरकारी अफसरों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
सरकार ने गारंटी तो दी, पर… 7 नवंबर से मजदूरी नहीं मिली
ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार झुंझुनूं जिले में मनरेगा में मजदूरी करने वाले 13649 मजदूरों को 7 नवंबर 2023 के बाद से ही भुगतान नहीं हुआ है। जिले के 11 ब्लॉक की 332 ग्राम पंचायतों में 521 निर्माण कार्य चल रहे हैं। जिनमें 12,27,29,922 रुपए का भुगतान नहीं मिला है। यह एक जिले की स्थिति है। राज्य सरकार ने खुद माना कि मजदूरी का पैसा सीधे केंद्र सरकार से मजदूरों के खातों में जमा होता है। उम्मीद की जा रही है कि बजट आ गया और अब खातों में पैसा भी आ जाएगा।
सरपंचों की चेतावनी पर चली फाइल
ग्रामीण विकास विभाग के अनुसार पंचायतों में मनरेगा कार्यों से संबंधित सामग्री के 2200 करोड़ रुपए से अधिक की राशि राज्य सरकार में बकाया है। पिछले दिनों सरपंचों ने सरकार से मिलकर आंदोलन की चेतावनी दी थी। अब विभागीय स्तर पर बताया गया कि करीब 820 करोड़ रु. जल्द ही जिलों के जरिए पंचायतों को जारी किए जाएंगे। ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की मंजूरी के बाद संबंधित फाइल वित्त विभाग को भेज दी गई है।
योजनाओं का पैसा कहीं और खर्च
प्रदेश में लोकसभा चुनाव सिर पर हैं और गांवों में न मनरेगा मजदूरों को मजदूरी मिल रही है न ही सामग्री का पैसा। इसका असर योजनाओं पर भी पड़ा है। जानकारी के अनुसार जल जीवन मिशन के 2200 हजार करोड़, कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के 4000 करोड़, 1000 करोड़ चिरंजीवी, कर्ज माफी के 500 करोड़ रुपए भी बकाया हैं।
मनरेगा का मिला दिया जाए तो यह राशि 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा बैठ रही है। जानकारी मिली है कि यह पैसा दूसरी योजनाओं में खर्च कर दिया गया है। पंचायतीराज सचिव रवि जैन का कहना है कि बकाया राशि के भुगतान की प्रक्रिया चल रही है।