प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों को कौंसिल की चेतावनी:निदेशालय में ज्यादा फीस वसूली की शिकायत मिलने के बाद रजिस्ट्रार ने जारी किया आदेश
प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों को कौंसिल की चेतावनी:निदेशालय में ज्यादा फीस वसूली की शिकायत मिलने के बाद रजिस्ट्रार ने जारी किया आदेश

जयपुर : प्रदेश में संचालित करीब 200 प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों को मनमानी फीस वसूली के मामले में राजस्थान नर्सिंग कौंसिल ने चेतावनी दी है। कौंसिल रजिस्ट्रार ने एक आदेश जारी कॉलेज प्रबंधकों को चेताया है कि अगर किसी कॉलेज के खिलाफ कोई निर्धारित फीस से ज्यादा फीस वसूली की तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
रजिस्ट्रार शशिकांत शर्मा की ओर से जारी आदेशों में बताया कि राज्य सरकार ने निजी नर्सिंग कॉलेजों में फीस जीएनएम, बीएससी नर्सिंग, फिजियोथैरेपी समेत अन्य कोर्स के लिए फीस निर्धारित कर रखी है, लेकिन पिछले दिनों से ऐसी कई शिकायतें मिली जिसमें नर्सिंग कॉलेज संचालक निर्धारित फीस से ज्यादा फीस वसूल कर रहे हैं।
रजिस्ट्रार ने आदेश में स्पष्ट किया कि जिस स्टूडेंट को काउंसलिंग के बाद जो कॉलेज आवंटित किया गया है और वहां उस छात्र से निर्धारित फीस से ज्यादा शुल्क वसूला जाता है तो उस कॉलेज के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
निदेशालय में मिली कुछ शिकायतें
रजिस्ट्रार शशिकांत शर्मा ने बताया कि पिछले दिनों स्वास्थ्य भवन निदेशालय में फीस ज्यादा वसूली को लेकर शिकायतें मिली थी। इन शिकायतों के बाद निदेशालय ने कौंसिल को निर्देश दिए। इन्हीं निर्देशों की पालना में ये आदेश जारी करके सभी कॉलेज प्रबंधन को ज्यादा फीस न वसूल करे इस संबंध में चेतावनी दी है।
66 हजार से 1.40 लाख रुपए है फीस
चिकित्सा शिक्षा विभाग से जारी आदेशों के मुताबिक प्रदेश में संचालित तमाम नर्सिंग कॉलेजों में पाठ्यक्रम के हिसाब से फीस निर्धारित है, जो 66 हजार से 1.40 लाख रुपए तक है। जीएनएम के लिए शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए शुल्क 66 हजार, बीएससी नर्सिंग और पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग के लिए 95-95 हजार, एमएससी नर्सिंग के लिए 1.40 लाख रुपए और फिजियोथैरेपी कोर्स के लिए 90 हजार शुल्क निर्धारित है। इनके अलावा हॉस्टल चार्ज 12 हजार से 18 हजार रुपए सालाना निर्धारित है।
इसके अलावा मैस, हॉस्टल बिजली बिल वास्तविक व्यय के आधार पर, जबकि विश्वविद्यालय द्वारा जारी पंजीकरण शुल्क और परीक्षा शुल्क अलग से लिया जाएगा। इन शुल्क के अलावा कोई कॉलेज डोनेशन, विकास शुल्क, लैब शुल्क, अस्पताल शुल्क, लाइब्रेरी शुल्क के नाम पर छात्र से शुल्क वसूल नहीं सकते। अगर कोई कॉलेज इन मदों में शुल्क वसूलता है तो वह कैपिटल शुल्क की परिभाषा में माना जाएगा और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।