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बीड़ में स्थित विलक्षण अवधूत आश्रम तालाब का स्वरूप निखरेगा, पर्यटन स्थल के तौर पर होगा विकसित


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बीड़ में स्थित विलक्षण अवधूत आश्रम तालाब का स्वरूप निखरेगा, पर्यटन स्थल के तौर पर होगा विकसित

साफ-सफाई का कार्य जोरों पर गंदगी हटने के बाद अब दिखने लगा है तालाब का पुराना स्वरूप,जिला परिषद सीईओ व नगर परिषद आयुक्त ने किया निरीक्षण,शहर में सफाई व्यवस्था भी देखी

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : आज़ाद अहमद खान

झुंझुनूं : झुंझुनूं शहर में एसटीपी प्लांट के आगे, बीहड़ क्षेत्र में स्थित तालाब (विलक्षण अवधूत आश्रम तालाब) का पुराना स्वरूप वापस लाया जाएगा। नगर परिषद आयुक्त दलीप पूनिया ने जिला कलक्टर चिन्मयी गोपाल के निर्देशों पर सोमवार को शहर की सफाई व्यवस्था के निरीक्षण के दौरान बताया कि तालाब को फिर से विकसित इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इस संबंध में वन विभाग से समन्वय कर प्रस्ताव भेजा जा रहा है। अभी वन विभाग द्वारा इस तालाब की सफाई करवाने का कार्य जारी है, जिससे इसका मूल स्वरूप दिखने लगा है। गौरतलब है कि पूर्व में गंदे नाले का पानी इस तालाब में आता था, जिसे नगर परिषद द्वारा बांध बनाकर रोका गया है। गत जुलाई-अगस्त में इसमें गंदे पानी की आवक रोकी गई थी, फिर सफाई शुरु की गई। पूरी तरह विकसित होने के बाद इसमें सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसीटीपी) का उपचारित जल डाला जाएगा, जिससे सौंदर्यीकरण भी होगा और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकेगा। वहीं प्रवासी पक्षियों को भी एक सुरक्षित ठिकाना मिल सकेगा। गौरतलब है कि इस तालाब में पहले भी साईबेरिया से आने वाले प्रवासी पक्षी आते रहे हैं।

जिला परिषद सीईओ जवाहर चौधरी एवं नगर परिषद आयुक्त दलीप पूनिया ने इस दौरान शहर की सफाई व्यवस्था का भी निरीक्षण किया। उन्होंने 1 नंबर रोड़, गांधी चौक, पंचदेव मंदिर, निजी बस स्टैंड पर सफाई व्यवस्था का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। निजी बस स्टैंड पर पीछे की तरफ कचरे के ढेर पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे तुरंत साफ करवाने के निर्देश दिए गए। इस दौरान झुंझुनूं एसडीएम कविता गोदारा, जिला जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु सिंह भी साथ रहे।

यह है तालाब का इतिहास:
तालाब के समीप मंदिर में रहने वाले राजूनाथ बताते हैं कि इस तालाब का निर्माण करीब 164 वर्ष पहले सेवारम तुल्स्यान ने करवाया था। वहीं 32 वर्ष पहले गिरधारीलाल तुल्स्यान ने इसका जीर्णोद्धार भी करवाया था। तालाब का पानी 2003 के बाद दूषित होना शुरु हुआ था, जिसे अब ठीक किया जा रहा है।

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