World Cancer Day 2024 : क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड कैंसर डे? जानें इसका उद्देश्य और इतिहास:90 प्रतिशत मुंह के कैंसर रोगी, समय पर जांच और इलाज जरूरी
World Cancer Day 2024 : विश्व कैंसर दिवस रविवार को क्लोज द केयर गैप की थीम पर मनाया जाएगा। इस अवसर पर आमजन में जागरुकता के लिए सुबह सामान्य अस्पताल से रैली निकाली गई।

World Cancer Day 2024 : कैंसर एक जानलेवा और गंभीर बीमारी है। इस बीमारी की वजह से हर साल लाखों लोगों की जान चली जाती है। कैंसर की बीमारी के प्रति लोगों में जानकारी और जागरूकता की कमी है, इसकी वजह से ही मरीजों की मौत हो जाती है। कैंसर की बीमारी के शुरुआती लक्षणों को सही समय पर पहचान कर उचित इलाज लेने से मरीज जल्दी ठीक हो सकता है। कैंसर की बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए दुनियाभर में 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जाता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं वर्ल्ड कैंसर डे का इतिहास और महत्व।
क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड कैंसर डे ?
दुनियाभर में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए 4 फरवरी के दिन वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जाता है। कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने और इस बीमारी के इलाज को लोगों तक पहुंचाने के लिए इस दिन की शुरुआत हुई थी। इस दिन का उद्देश्य कैंसर के मरीजों की पहचान कर उनको उचित और सटीक इलाज मुहैया कराना है। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ने से इसके इलाज में आसानी होती है।
वर्ल्ड कैंसर डे का इतिहास
वर्ल्ड कैंसर डे को मनाने की शुरुआत साल 1999 में वर्ल्ड सम्मिट एगेन्स्ट कैंसर, पेरिस में हुई थी। इस प्रस्ताव के बाद साल 2000 से 4 फरवरी के दिन को वर्ल्ड कैंसर डे के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन का मकसद दुनिया के सभी देशों को कैंसर के खिलाफ एकजुट करना और इलाज व कैंसर की पहचान को आसान बनाना है। दुनियाभर में कैंसर से जुड़े शोध और अध्ययन को बढ़ावा देना भी इस दिन को मनाने का उद्देश्य है।
कैंसर जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारी के प्रति जागरूकता और जानकारी बढ़ने पर कैंसर की पहचान में मदद मिलेगी। भारत जैसे देश में कैंसर के मरीज हर साल तेजी से बढ़ रहे हैं। खानपान और लाइफस्टाइल से जुड़ी गड़बड़ी के कारण इस बीमारी का खतरा और बढ़ रहा है। भारत में महिलाओं को ब्रेस्ट, कोलोरेक्टल, फेफड़े, सर्वाइकल और थायरॉयड कैंसर वहीं पुरुषों को फेफड़े, प्रोस्टेट, कोलोरेक्टल, पेट और लिवर के कैंसर का खतरा ज्यादा है।
साल 2024 में वर्ल्ड कैंसर डे की थीम
विश्व कैंसर दिवस रविवार को क्लोज द केयर गैप की थीम पर मनाया जाएगा। इस अवसर पर आमजन में जागरुकता के लिए सुबह सामान्य अस्पताल से रैली निकाली गई। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में इस समय 2.5 लाख लोग कैंसर से पीडि़त हैं। इसमें हर साल करीब 40 हजार मरीजों की वृद्धि हो रही है। वहीं, पिछले कुछ साल में अलवर जिले में कैंसर रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। आंकड़ों के अनुसार जिला अस्पताल की कैंसर यूनिट में साल 2021 में 1067 कैंसर मरीज इलाज के लिए आए। इसके अगले साल 2022 में मरीजों की संख्या बढ़कर 2 हजार 883 पर पहुंच गई। वहीं, साल 2023 में 15 दिसंबर तक कैंसर यूनिट में 9 हजार 129 मरीज उपचार के लिए आए।
मुंह व गले के कैंसर रोगियों की संख्या अधिक
जिला अस्पताल में इलाज के लिए आए कैंसर रोगियों में मुंह व गले के कैंसर के रोगियों की संख्या सर्वाधिक है। इसमें से करीब 85 से 90 प्रतिशत रोगियों की तंबाकू के सेवन की हिस्ट्री सामने आ रही है। वहीं, कैंसर रोगियों में 30 से 40 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं की संख्या अधिक है। विशेषज्ञों के अनुसार तंबाकू सेवन के साथ एल्कोहल का सेवन करने से कैंसर का खतरा 60 से 70 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
यह कारण सामने आ रहे
विशेषज्ञों के अनुसार तंबाकू व शराब का सेवन, फल व सब्जी का सेवन कम करना, शारीरिक गतिविधियों का अभाव व मोटापा के साथ ह्यूमन पेपिलोमा वायरस भी कैंसर का मुख्य कारण है। ऐसे में बचाव के लिए जागरुकता के साथ सावधानी जरूरी है।
साल 2021 से 15 दिसंबर 2023 तक के आंकड़े
कैंसर ओपीडी में मरीजों की संख्या- 6,658
कैंसर पॉजिटिव मरीजों की संख्या- 700
आईवी कीमो थेरेपी लेने वाले मरीज- 2, 894
ओरल कीमो थेरेपी लेने वाले मरीज- 323
पेलेटिव केयर मरीजों की संख्या- 3,192
हायर सेंटर में रेफर मरीजों की संख्या-127
जिले में तंबाकू उत्पादों का सेवन अत्यधिक मात्रा में होने के कारण मुंह व गले के कैंसर के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। इसमें युवाओं की संख्या सबसे अधिक है।
सुखबीर तंवर, कैंसर रोग विशेषज्ञ, सामान्य अस्पताल।
कैंसर से बचाव के लिए जागरुकता के साथ सावधानी जरूरी है। वहीं, सही समय पर जांच व उपचार से बीमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है।
डॉ. राकेश गोचर, कैंसर रोग विशेषज्ञ, सामान्य अस्पताल।